भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने 23 साल बाद मतदाता सूचियों में पारदर्शिता और सटीकता लाने के उद्देश्य से अब तक का सबसे बड़ा “विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR)” शुरू किया है।
यह अभियान पूरी तरह डिजिटल और पारिवारिक लिंकिंग सिस्टम पर आधारित होगा। इस तकनीक से अब प्रत्येक मतदाता का नाम उसके पारिवारिक रजिस्ट्रेशन से जुड़ा रहेगा, जिससे फर्जी या दोहरी प्रविष्टियों पर रोक लग सकेगी।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब मतदाता सूची का पुनरीक्षण कंप्लीट डिजिटल मोड पर किया जा रहा है।
अब यदि किसी परिवार के सदस्य — जैसे दादा, पिता या माता — का नाम किसी विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है, तो उसी पते पर रहने वाले अन्य सदस्यों के नाम ऑटो लिंक होकर आसानी से जोड़े जा सकेंगे।
इससे मतदाता सूची की सटीकता बढ़ेगी और दोहरी प्रविष्टि या गलत पते की प्रविष्टि जैसे मामलों में बड़ी कमी आएगी।
BLO कर रहे डिजिटल सत्यापनदेशभर में लाखों बीएलओ (Booth Level Officers) इस अभियान के तहत डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे हैं।
वे टैबलेट और मोबाइल ऐप के ज़रिए हर घर की जानकारी डिजिटल रूप से अपलोड कर रहे हैं।
मतदाताओं से आधार, आयु, पता और परिवारिक लिंक से संबंधित जानकारी ली जा रही है ताकि सूची में कोई त्रुटि न रहे।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि इस अभियान में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं को विशेष रूप से मतदाता सूची में जोड़ने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
अब युवा राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) या वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
आवेदकों को अपने दस्तावेज अपलोड करने और सत्यापन की स्थिति ऑनलाइन देखने की सुविधा भी दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, डिजिटल पारिवारिक लिंकिंग सिस्टम से अब एक ही व्यक्ति का नाम कई विधानसभा क्षेत्रों या बूथों में दर्ज नहीं हो सकेगा।
सिस्टम अपने-आप ऐसे मामलों को पहचान कर डुप्लीकेट प्रविष्टियों को चिन्हित करेगा।
यह तकनीक मतदाता सूची को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
विशेष पुनरीक्षण अभियान नवंबर से शुरू होकर 9 दिसंबर 2025 तक चलेगा।
इसके बाद निर्वाचन आयोग द्वारा ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी, जिस पर आम जनता अपने सुझाव, दावा या आपत्ति दर्ज करा सकेगी।
अंतिम मतदाता सूची जनवरी 2026 के पहले सप्ताह में प्रकाशित की जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम सही जानकारी के साथ सूची में दर्ज हो।
आयोग ने कहा —
“यह पहल लोकतंत्र की बुनियाद को और मजबूत करेगी। हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में होना ही सच्चे लोकतांत्रिक अधिकार का प्रमाण है।”
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