राजधानी जयपुर से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 7 साल की मासूम बच्ची स्कूल बस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठी। यह हादसा उस वक्त हुआ जब बच्ची स्कूल बस से उतरकर घर की ओर जा रही थी। मासूम के सामने उसकी मां और छोटा भाई खड़े थे, जब यह भयावह दृश्य उनकी आंखों के सामने घटा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्ची जैसे ही बस से उतरी, वह सड़क पार करने लगी। उसी दौरान बस के ड्राइवर ने बिना ध्यान दिए अचानक वाहन आगे बढ़ा दिया। इससे बच्ची बस के पिछले पहिए की चपेट में आ गई। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने तुरंत बच्ची को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ड्राइवर की लापरवाही और जल्दबाजी के कारण यह दुखद घटना हुई। हादसे के बाद आरोपी ड्राइवर बस छोड़कर मौके से फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है और ड्राइवर की तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, “हमें घटना की सूचना मिलते ही टीम को मौके पर भेजा गया। बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है और आरोपी ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।”
मासूम के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि बच्ची पास के ही एक निजी स्कूल में कक्षा दो की छात्रा थी। प्रतिदिन की तरह वह शुक्रवार को भी बस से घर लौट रही थी, लेकिन घर के बाहर ही यह दर्दनाक हादसा हो गया।
स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रबंधन और ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई अभिभावकों ने कहा कि स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। ड्राइवरों को न तो पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाता है और न ही बच्चों को सुरक्षित तरीके से उतारने के मानक तय किए जाते हैं।
इस घटना के बाद क्षेत्र में गम और गुस्से का माहौल है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वह स्कूल बस सुरक्षा नियमों की सख्त मॉनिटरिंग करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में स्कूल और प्रशासन कितने जिम्मेदार हैं। जयपुर जैसे बड़े शहर में, जहां हर दिन सैकड़ों स्कूली बसें सड़कों पर दौड़ती हैं, यह घटना एक चेतावनी है कि अगर अब भी सतर्कता नहीं बरती गई तो ऐसे हादसे दोबारा हो सकते हैं।
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