कुरुक्षेत्र की भूमि ही वही जगह है जहा पर महाभारत का महासंग्राम हुआ था और इस लड़ाई में हज़ारो लाखो की संख्या में शूरवीरो ने अपने प्राण गवाए थे और यहाँ मानो खून का सैलाब आ गया हो जिस कारण आज भी यहाँ की मिटटी का रंग लाल है।
महाभारत के संग्राम से जुड़ा एक रहस्य है जिसके बारे में लोगो को नहीं पता है। वैसे कभी आपने ये सोचा है की इस युद्ध में यदि लाखो की संख्या में लोग मारे गए थे तो इनके शव क्यों नहीं मिले आजतक या फिर इतने लोगो का अंतिम संस्कार किस प्रकार किया गया था।
तो आइये हम आपको बताते है आखिर इस रहस्य के पीछे का सचआप सब इस बात से भली भांति परिचित तो है की बेशक उस वक़्त में लोग कितने भी बुरे क्यों ना हो लेकिन युद्ध में वो मारे गए लोगो का अपमान नहीं करते थे किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार शवों के साथ नहीं किया जाता था पूरा सम्मान दिया जाता था।
यही एक वजह है की आजतक महाभारत युद्ध में मारे गए किसी भी योद्धा का शव नहीं मिला युद्ध का एक नियम होता था की युद्ध को सिर्फ दिन के उजाले में ही लड़ा जाएगा सूरज के ढलने के बाद युद्ध को रोक दिया जाएगा और जो लोग मारे गए है उनके शरीर को उठा कर उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा जिससे वो अपने मृत परिजन का पूरी रीती रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर सके।
वैसे महाभारत से जुडी हुई ऐसे कई सारी बाते है जो आज भी रहस्य है ऐसे बहुत सारे लोग भी है जो महाभारत के हुए युद्ध के होने पर सवाल उठाते है और कहते है की ये सिर्फ एक कहानी है ये सच्चाई नहीं है लेकिन हम आपको बताना चाहते है की महाभारत के युद्ध होने के बहुत सारे सबूत भी मिल चुके है और उनसे साफ़ पता लगता है की महाभारत का युद्ध केवल एक कहानी मात्र नहीं है ये सच्चाई है जिसमे पांडव पुत्रो ने धृतराष्ट्र के 100 पुत्रो पर विजय पाई थी हिन्दू मान्यता में शव को जलाया जाता है और शव जलने के बाद केवल उसकी रख ही बचती है यही सब उन सभी योद्धाओ के साथ हुआ था जो उस युद्ध में मारे गए थे सभी का शव कुरुक्षेत्र के मैदान में ही जला दिया गया था ताकि उन सभी लोगो को स्वर्ग में जगह मिले और शुद्धिकरण हो।You may also like
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