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बिहार: दुलारचंद यादव हत्याकांड में सीआईडी ने जांच तेज की

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Patna, 1 नवंबर . मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या की जांच तेज हो गई है क्योंकि बिहार Police अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने औपचारिक रूप से मामले का प्रभार संभाल लिया है.

जांच की निगरानी सीआईडी के डीआईजी जयंत कांत कर रहे हैं, जिन्होंने स्वयं घटनास्थल का दौरा किया और सभी पहलुओं की जांच की. Saturday को Police की कई टीमें बसावन चक पहुंचीं, जहां यह घटना घटी थी.

सीआईडी अधिकारियों ने एफएसएल वैज्ञानिकों के साथ मिलकर पूरे इलाके की वैज्ञानिक जांच की. सूत्रों ने बताया कि कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो जांच को एक नया मोड़ दे सकते हैं. जांचकर्ताओं ने घटना में शामिल क्षतिग्रस्त वाहनों का भी निरीक्षण किया. इन वाहनों से फोरेंसिक नमूने एकत्र किए गए हैं.

Police हमलावरों की पहचान के लिए क्षति के पैटर्न, पत्थरों के निशान और अन्य निशानों का विश्लेषण कर रही है. मोकामा ताल में अपराध स्थल के निरीक्षण के दौरान, जांचकर्ताओं ने रेलवे पटरियों पर आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पत्थर बरामद किए.

अधिकारियों ने बताया कि मोकामा ताल में ऐसे पत्थर प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते हैं, जिससे संभावित साजिश का सवाल उठता है. नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं. सूत्रों के अनुसार काफिले को इन्हीं पत्थरों से निशाना बनाया गया था. अब अहम सवाल यह है कि क्या ये पत्थर जानबूझकर पहले से वहां लाए गए थे? अगर हां, तो यह सिर्फ झड़प नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हमला था.

सीआईडी की टीमों ने ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की है. आस-पास के इलाकों से cctv फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा का भी विश्लेषण किया जा रहा है. घटना से पहले या बाद में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर बयान एकत्र किए जा रहे हैं. दुलारचंद यादव पर Thursday को मोकामा ताल क्षेत्र में जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के साथ प्रचार करते समय हमला किया गया. उनकी मौत बिहार में एक बड़ा Political विवाद बन गई है.

शुरुआती दावों में दुलारचंद यादव की हत्या गोली लगने से होने की बात कही गई थी. उनके पैर में भी गोली लगी है, लेकिन यह उनकी मौत का कारण नहीं था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि घातक चोट उनकी छाती पर किसी वाहन के चढ़ने से लगी थी, जिससे कई फ्रैक्चर हुए और फेफड़े फट गए. बाढ़ में एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों के पैनल ने लगभग दो घंटे तक पोस्टमार्टम किया. अब जब मामला सीधे सीआईडी के हाथ में है, तो उम्मीद है कि जांच जल्द ही पूरी साजिश और जिम्मेदार लोगों का पता लगा लेगी.

एमएस/डीकेपी

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