अगली ख़बर
Newszop

'एसआईआर की घोषणा के बाद बांग्लादेशी छोड़ रहे बंगाल', अमित मालवीय बोले- भाग रहा है ममता बनर्जी का 'वोटबैंक'

Send Push

New Delhi/कोलकाता, 2 नवंबर . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर की घोषणा के बाद घरों में काम करने वाली महिलाएं बांग्लादेश चली गई हैं. उन्होंने कहा कि यह ममता बनर्जी का ‘वोटबैंक’ है, जो एसआईआर की घोषणा के बाद भाग रहा है.

अमित मालवीय ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “एसआईआर की घोषणा के तुरंत बाद उत्तर 24 परगना में एक असामान्य स्थिति पैदा हो गई है. बिराती, बिशरपारा और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में घरों में काम करने वाली महिलाएं अचानक गायब हो गई हैं. ऐसी ही एक महिला, जिसे ‘रहीमा की मां’ के नाम से जाना जाता है, जो बिराती में 25 साल से ज्यादा समय से काम कर रही थी, एसआईआर की घोषणा के तुरंत बाद गायब हो गई. जब स्थानीय लोगों ने पूछताछ की, तो पता चला कि वह बांग्लादेश भाग गई है.”

उन्होंने आगे लिखा, “जिले के कई घरों से ऐसी ही खबरें आ रही हैं. कुछ ने तो यह भी स्वीकार किया कि वे ‘बांग्लादेश लौट रहे हैं’ और हालात ठीक होने के बाद ही वापस आएंगे.”

इसके साथ ही, अमित मालवीय ने सीपीएम और टीएमसी को निशाने पर लिया. उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “जरा सोचिए, सालों तक सीपीएम और तृणमूल Governmentों ने बंगाल की धरती पर इन अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह और यहां तक कि Political संरक्षण भी दिया. अब, जैसे ही एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हुई है, वे अपना बोरिया-बिस्तर समेट रहे हैं, क्योंकि इस बार ममता बनर्जी उनकी रक्षा नहीं कर पाएंगी.”

India में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को लेकर उन्होंने कहा, “India में उनके लिए कोई स्थान नहीं है और निश्चित रूप से मतदाता सूची में भी नहीं.”

बता दें कि पिछले हफ्ते मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों के लिए एसआईआर की घोषणा की थी. तीन चरणों वाली इस संशोधन प्रक्रिया का पहला चरण 4 नवंबर से पश्चिम बंगाल में भी शुरू होगा.

भाजपा दावा करती रही है कि तृणमूल कांग्रेस एसआईआर का इतना जोरदार विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि उसे डर है कि अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों, जो उनका ‘वोट बैंक’ हैं, के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे. दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि एसआईआर पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने के लिए भाजपा और केंद्र Government की एक चाल है.

डीसीएच/

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें