जमशेदपुर, 6 सितंबर . झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने Saturday को जमशेदपुर में सभी विभागों के अधिकारियों के साथ एक समीक्षात्मक बैठक की. इस दौरान उन्होंने जिले में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से पहुंचाने के निर्देश दिए.
उन्होंने विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की कमी पर चिंता जताई और अधिकारियों से प्रतिबद्धता के साथ काम करने को कहा. मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा, “राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक विकास योजनाएं अभी भी पूरी तरह नहीं पहुंच पा रही हैं. इसके लिए अधिकारियों को गंभीरता दिखानी होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक योजनाएं स्वीकृत की जाएं और वहां के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से कदम उठाए जाएं.”
उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. विशेष रूप से पशुपालन विभाग को ग्रामीण विकास में योगदान बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं.
इसके अलावा, वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने जीएसटी काउंसिल के हालिया फैसले का स्वागत किया, लेकिन साथ ही झारखंड को होने वाले आर्थिक नुकसान पर चिंता जताई.
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद के निर्णय से राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है. इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग दोहराई.
उन्होंने कहा, “2017 में जीएसटी लागू होने के समय भी तकनीकी खामियां थीं. झारखंड सरकार ने बार-बार इन मुद्दों को उठाया, लेकिन उस समय कोई सुनवाई नहीं हुई. अब केंद्र सरकार ने जीएसटी में राहत देने का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है, लेकिन इससे होने वाले नुकसान पर ध्यान देना जरूरी है.”
मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने आगे कहा कि झारखंड की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता है. राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र को विशेष सहायता प्रदान करनी चाहिए.
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एकेएस/जीकेटी
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