बिजनौर, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran News). Uttar Pradesh के बिजनौर में साल 2020 के जानलेवा हमले के मामले में समाजवादी पार्टी विधायक और पूर्व मंत्री मनोज पारस को मंगलवार को कोर्ट ने जेल भेज दिया. उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था, लेकिन अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी.
कोर्ट का फैसलाअपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट नंबर-1 शांतनु त्यागी ने मनोज पारस की जमानत याचिका यह कहते हुए निरस्त कर दी कि मामले की गंभीरता और आरोपों को देखते हुए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती. इसके बाद न्यायालय ने विधायक को जेल भेजने का आदेश जारी किया.
मामला क्या है?यह मामला बिजनौर कोतवाली क्षेत्र के रशीदपुर गढ़ी गांव का है. वर्ष 2020 में गांव के निवासी छतर सिंह ने नगीना विधायक मनोज पारस, पूर्व विधायक मूलचंद, उनके बेटे अमित, कपिल गुर्जर, रफी सैफी और राशिद पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया था.
पीड़ित के मुताबिक, वह पारस और अन्य के खिलाफ एक और मुकदमे की पैरवी कर रहे थे. इसी रंजिश में 29 सितम्बर 2020 को रास्ते में रोककर उन पर चाकू से हमला किया गया था. इस मामले में थाना स्तर पर मुकदमा दर्ज हुआ था.
गैर-जमानती वारंट जारीमनोज पारस लगातार कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. इस पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था. दबाव बढ़ने के बाद आखिरकार उन्होंने मंगलवार को अदालत में सरेंडर कर दिया. लेकिन जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया.
You may also like
भोम पुष्य नक्षत्र मंगलवार को….दीपावली पूर्व पहली खरीदी का मुहूर्त
भारत की पहचान आध्यात्मिक दृष्टिकोण में निहित : डॉ. मनमोहन वैद्य
देवर पर फिदा हुई भाभी, प्यार से बुलाया` कमरे में, कहा- 'सुनो, पति को हटाओ ना', फिर…
जन सुराज कार्यालय में तोड़फोड़: टिकट न मिलने पर आगबबूला समर्थक
जशोदा बेन ने किएमहाकालेश्वर के दर्शन