लाइव हिंदी खबर :- भारत को भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के खिलाफ बड़ी कानूनी जीत मिली है। बेल्जियम के एंटवर्प शहर की अदालत ने चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिससे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से जुड़े इस फरार आरोपी की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। 66 वर्षीय मेहुल चोकसी पर 13 हजार करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप है। अदालत के फैसले के बाद अब उसे बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प पुलिस ने भारत की सीबीआई के अनुरोध पर गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में है और उसकी कई जमानत याचिकाएं अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दीं कि वह “फ्लाइट रिस्क” यानी देश से भागने की आशंका वाला आरोपी है। अदालत ने माना कि भारत द्वारा लगाए गए अपराध, साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात, साक्ष्य नष्ट करना और भ्रष्टाचार, बेल्जियम के कानूनों के तहत भी दंडनीय हैं। भारत ने अपने पक्ष में संयुक्त राष्ट्र के भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध विरोधी संधि का हवाला दिया।
सीबीआई ने साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए तीन बार बेल्जियम का दौरा किया और एक यूरोपीय लॉ फर्म की मदद ली। दस्तावेज़ों में 2018 से 2022 के बीच छह बैंक घोटालों का विवरण दिया गया है, जिनमें PNB को ₹6,344.97 करोड़ का नुकसान हुआ था। भारत सरकार ने बेल्जियम कोर्ट को यह आश्वासन भी दिया कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में मानवाधिकार मानकों के अनुरूप रखा जाएगा।
जहां स्वच्छ पानी, पौष्टिक भोजन, अख़बार, टीवी और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह फैसला भारत के आर्थिक भगोड़ों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यदि चोकसी की अपील खारिज होती है, तो आठ साल से चली आ रही यह कानूनी लड़ाई जल्द ही खत्म हो सकती है और उसे भारत लाया जाएगा।
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