नई दिल्लीः राजधानी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने ई-वीकल पॉलिसी पर काम तेज कर दिया है। इस पॉलिसी के तहत पांच सूत्रीय अजेंडा तैयार किया गया है, जिसमें इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनकी बैटरियों से भविष्य में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने की व्यवस्था भी शामिल है। साथ ही गाड़ियों पर दी जाने वाली सब्सिडी के लिए अलग से ईवी फंड बनाने का भी प्रस्ताव है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ई-वीकल पॉलिसी को लेकर सरकार द्वारा शिक्षा मंत्री अशीष सूद की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने जल्द ही एक प्रेजेंटेशन पेश किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर बढ़ेगी सब्सिडी ई-वीकल पॉलिसी की सबसे बड़ी समस्या गाड़ियों की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर है। इसलिए सरकार मौजूदा सब्सिडी दरों को बढ़ाने के साथ-साथ फंड की कमी को दूर करने के लिए अलग से ईवी फंड तैयार करेगी। फिलहाल सरकार फोर वीलर्स पर अधिकतम 1.50 लाख रुपये और टू वीलर्स पर 5 हजार रुपये प्रतिकिलोवॉट अधिकतम 30 हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है, जिसे सरकार बढ़ाना चाहती है।
5000 चार्जिंग स्टेशन की योजनासरकार का दूसरा अहम एजेंडा सड़कों पर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है। नई पॉलिसी में सरकार का 2030 तक 5000 नए चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य है। हर स्टेशन पर 4 से 5 चार्जिग पॉइंट होगे। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि चार्जिग स्टेशन लोगों की पहुंच में हो, क्योंकि ईवी नहीं खरीदने का एक बड़ा कारण चार्जिंग पॉइंट की कमी भी है। वर्तमान में दिल्ली में 4793 चार्जिग पॉइंट और 893 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन है।
रिसाइकलिंग पर विशेष ध्यानदिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में ईवी से जुड़ी एक बड़ी समस्या बैटरी रिसाइकलिंग की होगी, जो प्रदूषण का कारण बन सकती है। इसलिए नई पॉलिसी में बैटरी रिसाइकलिंग को लेकर एक अलग नीति बनाई जाएगी, ताकि 5 से 6 साल बाद जब गाड़ियों से लिथियम बैटरियां निकाली जाएं तो उनका सुरक्षित तरीके से निपटारा किया जा सके।
ईवी फंड बनाने में हुई देरीदिल्ली परिवहन विभाग के पास अभी ई-गाड़ियों पर सब्सिडी देने के लिए अलग से कोई फंड का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में दिल्ली की सीमाओं पर वसूले जाने वाले एनवायरनमेंट कंपन्सेशन चार्ज फंड का उपयोग ही ईवी की सब्सिडी के लिए किया जा रहा है। पिछले 10 महीनों से इस सब्सिडी के वितरण में भी दिक्कते आ रही है। इसलिए सरकार ने नई ईवी पॉलिसी में नए ईवी फंड के गठन का प्रावधान किया है।
लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए ईवी के तय होंगे रूटई-ऑटो और ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब सरकार नई पॉलिसी में ई-रिक्शा के लिए तय रूट बनाएगी, ताकि लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा सके। साथ ही ग्रामीण सेवा जैसी कैटिगरी में भी ईवी को शामिल किया जाएगा। वर्तमान में ग्रामीण सेवा में ड्राइवर के साथ 6 सवारियो की अनुमति है, जिसे बढ़ाकर ड्राइवर प्लस 7 सवारी करने की योजना है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर बढ़ेगी सब्सिडी ई-वीकल पॉलिसी की सबसे बड़ी समस्या गाड़ियों की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर है। इसलिए सरकार मौजूदा सब्सिडी दरों को बढ़ाने के साथ-साथ फंड की कमी को दूर करने के लिए अलग से ईवी फंड तैयार करेगी। फिलहाल सरकार फोर वीलर्स पर अधिकतम 1.50 लाख रुपये और टू वीलर्स पर 5 हजार रुपये प्रतिकिलोवॉट अधिकतम 30 हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है, जिसे सरकार बढ़ाना चाहती है।
5000 चार्जिंग स्टेशन की योजनासरकार का दूसरा अहम एजेंडा सड़कों पर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है। नई पॉलिसी में सरकार का 2030 तक 5000 नए चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य है। हर स्टेशन पर 4 से 5 चार्जिग पॉइंट होगे। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि चार्जिग स्टेशन लोगों की पहुंच में हो, क्योंकि ईवी नहीं खरीदने का एक बड़ा कारण चार्जिंग पॉइंट की कमी भी है। वर्तमान में दिल्ली में 4793 चार्जिग पॉइंट और 893 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन है।
रिसाइकलिंग पर विशेष ध्यानदिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में ईवी से जुड़ी एक बड़ी समस्या बैटरी रिसाइकलिंग की होगी, जो प्रदूषण का कारण बन सकती है। इसलिए नई पॉलिसी में बैटरी रिसाइकलिंग को लेकर एक अलग नीति बनाई जाएगी, ताकि 5 से 6 साल बाद जब गाड़ियों से लिथियम बैटरियां निकाली जाएं तो उनका सुरक्षित तरीके से निपटारा किया जा सके।
ईवी फंड बनाने में हुई देरीदिल्ली परिवहन विभाग के पास अभी ई-गाड़ियों पर सब्सिडी देने के लिए अलग से कोई फंड का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में दिल्ली की सीमाओं पर वसूले जाने वाले एनवायरनमेंट कंपन्सेशन चार्ज फंड का उपयोग ही ईवी की सब्सिडी के लिए किया जा रहा है। पिछले 10 महीनों से इस सब्सिडी के वितरण में भी दिक्कते आ रही है। इसलिए सरकार ने नई ईवी पॉलिसी में नए ईवी फंड के गठन का प्रावधान किया है।
लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए ईवी के तय होंगे रूटई-ऑटो और ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब सरकार नई पॉलिसी में ई-रिक्शा के लिए तय रूट बनाएगी, ताकि लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा सके। साथ ही ग्रामीण सेवा जैसी कैटिगरी में भी ईवी को शामिल किया जाएगा। वर्तमान में ग्रामीण सेवा में ड्राइवर के साथ 6 सवारियो की अनुमति है, जिसे बढ़ाकर ड्राइवर प्लस 7 सवारी करने की योजना है।
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