चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के लिए लोगों को महंगाई का झटका लगा है। ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। नए आदेश के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में 1% से भी कम की बढ़ोतरी होगी, जबकि पूरे नियंत्रण अवधि यानी पांच सालों में औसतन हर वर्ष करीब 2% की बढ़ोतरी तय की गई है। यह बढ़ोतरी चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (CPDL) द्वारा प्रस्तावित 7.57% की तुलना में काफी कम है। नई दरें 1 नवंबर 2025 से लागू होंगी। हालांकि, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।   
   
   
इस साल की शुरुआत में हुई सार्वजनिक सुनवाई में शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने दरों में बढ़ोतरी का विरोध जताया था। लेकिन आयोग ने बिजली विभाग की वित्तीय स्थिति और वितरण सुधारों को देखते हुए सीमित बढ़ोतरी को आवश्यक बताया। नए टैरिफ ढांचे में स्लैब सिस्टम में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब बीपीएल परिवारों के लिए विशेष श्रेणी बनाई गई है, जिसके तहत 250 वॉट लोड पर हर महीने 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग सस्ती दरों पर होगा। वहीं, ‘स्मॉल पावर इंडस्ट्रियल’ कैटेगरी को खत्म कर दिया गया है। अब केवल 85 किलोवॉट तक के लोड वाली ‘सिंगल एलटी इंडस्ट्री’ के लिए तीन बिलिंग स्लैब तय किए गए हैं।
   
   
स्लैब सिस्टम में बदलाव हुआ
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी स्लैब सिस्टम में बदलाव हुआ है। पहले जहां तीन स्लैब (0-150, 150-400 और 400 से ऊपर यूनिट) थे, अब प्रत्येक स्लैब 100 यूनिट का होगा। इससे बिलिंग अधिक पारदर्शी और चरणबद्ध होगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नॉन-डोमेस्टिक टू-फेज उपभोक्ताओं पर 0-100 यूनिट के लिए 4.55 रुपये प्रति यूनिट, 101-200 यूनिट के लिए 4.65 रुपये और 200 यूनिट से ऊपर के लिए 5.55 रुपये प्रति यूनिट की दरें लागू होंगी। वहीं, थ्री-फेज उपभोक्ताओं के लिए फ्लैट दर 6.60 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है। नई दरें लागू होने के बाद शहर के बिजली उपभोक्ताओं के बिलों में हल्की वृद्धि देखने को मिलेगी, हालांकि आयोग का दावा है कि यह बढ़ोतरी संतुलित और क्रमिक होगी।
   
  
इस साल की शुरुआत में हुई सार्वजनिक सुनवाई में शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने दरों में बढ़ोतरी का विरोध जताया था। लेकिन आयोग ने बिजली विभाग की वित्तीय स्थिति और वितरण सुधारों को देखते हुए सीमित बढ़ोतरी को आवश्यक बताया। नए टैरिफ ढांचे में स्लैब सिस्टम में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब बीपीएल परिवारों के लिए विशेष श्रेणी बनाई गई है, जिसके तहत 250 वॉट लोड पर हर महीने 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग सस्ती दरों पर होगा। वहीं, ‘स्मॉल पावर इंडस्ट्रियल’ कैटेगरी को खत्म कर दिया गया है। अब केवल 85 किलोवॉट तक के लोड वाली ‘सिंगल एलटी इंडस्ट्री’ के लिए तीन बिलिंग स्लैब तय किए गए हैं।
स्लैब सिस्टम में बदलाव हुआ
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी स्लैब सिस्टम में बदलाव हुआ है। पहले जहां तीन स्लैब (0-150, 150-400 और 400 से ऊपर यूनिट) थे, अब प्रत्येक स्लैब 100 यूनिट का होगा। इससे बिलिंग अधिक पारदर्शी और चरणबद्ध होगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नॉन-डोमेस्टिक टू-फेज उपभोक्ताओं पर 0-100 यूनिट के लिए 4.55 रुपये प्रति यूनिट, 101-200 यूनिट के लिए 4.65 रुपये और 200 यूनिट से ऊपर के लिए 5.55 रुपये प्रति यूनिट की दरें लागू होंगी। वहीं, थ्री-फेज उपभोक्ताओं के लिए फ्लैट दर 6.60 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है। नई दरें लागू होने के बाद शहर के बिजली उपभोक्ताओं के बिलों में हल्की वृद्धि देखने को मिलेगी, हालांकि आयोग का दावा है कि यह बढ़ोतरी संतुलित और क्रमिक होगी।
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