मुंबई: एमएमआर में ट्रेस्पासिंग रोकने के लिए मुंबई रेल विकास निगम (एमआरवीसी) ने एमयूटीपी 3 के अंतर्गत 551 करोड़ रुपए सैंक्शनड किये थे। लेकिन फिर भी हर साल करीब 1000 मौतें ट्रेस्पासिंग की वजह से हो रही है। एमयूटीपी 3 का काम सितंबर तक 98 %पूरा हुआ है, जिसमें 27 एफओबी, 2 एफओबी एक्सटेंशन, 2 लिंक वे, 1 होम प्लेटफार्म, सबवे और नाहुर- मुलुंड के बीच फेंसिंग का काम किया गया है। यह काम मध्य एवं पश्चिम दोनों लाइनों पर किया गया है। लेकिन हालात में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। ट्रेस्पासिंग का मामला एक बार फिर इसलिए गरमा उठा है, क्योंकि बीते कुछ दिनों से बहुत से ट्रेस पासिंग के मामले सामने आये है, जिससे ट्रेन का टाइम टेबल भी प्रभावित हुआ है।
आधिकारिक आकड़ों के अनुसार साल 2014 से लेकर 2024 तक यानी 10 साल में 15,626 लोगों ने अपनी जान गवाईं है।साल 2020 (कोरोना वाला साल ) में 730 लोगों ने जान गवाईं थी, लेकिन उसके बाद से हर साल (2021-2024) से यह देखा जा रहा है कि प्रतिवर्ष 1000 से 1200 लोगों ने ट्रेससपासिंग करते हुए अपनी जान गवाईं है।
जीरो डेथ मिशन के अंतर्गत अब बनाए जाएंगे ट्रैक के नीचे सबवे
एमआरवीसी ने ट्रेस्पासिंग को रोकने के लिए अब तक 34 मिड सेक्शन लोकेशन पर काम किया है। लेकिन अब उन्होंने एफओबी, आरओबी और स्काईवॉक की जगह सबवे बनाने की योजना बनाई है। क्योंकि आज के समय में लोग एफओबी पर 7 मीटर चढ़ना- उतरना नहीं चाहते है। मिड सेक्शन में एक्सक्लेटर भी नहीं प्रदान किया जाता है। जगह भी समस्या होती है। इसलिए ढाई से तीन मीटर की ऊंचाई का सबवे बनाया जाएगा। ताकि लोग एक तरफ से दूसरी तरफ कम सीढ़ियों की मदद से आ-जा सके। यह सबवे वाटर टाइड रहेगा, ताकि बारिश में समस्या न हो।
जल्द ही मध्य रेलवे को प्रपोजल भेजा जाएगा
एमआरवीसी के एमडी विलास वाडेकर ने बताया कि हमने मध्य रेलवे के साथ मिलकर सर्वे किया है। नई 30 लोकेशन आइडेंटीफ़्य की गई है। सबवे की नई आधुनिक डिजाइन डेवेलप करने के लिए हम 3 महीने से काम कर रहे है। फ़िलहाल काम फाइनल स्टेज में है। यह सिर्फ पेडिस्ट्रियन सबवे होगा। ट्रैक के नीचे यह सबवे वाटर टाइट रहेगा, ताकि बारिश में समस्या न हो। जल्द ही मध्य रेलवे को प्रपोजल भेजा जाएगा। अप्रूवल मिलते ही रेलवे फण्ड के अंतर्गत इसे अम्ब्रेला वर्क के तहत पूरा किया जाएगा।
10 सालों में से 15,626 लोगों ने गंवाई जान
साल -----मध्य रेलवे -----पश्चिम रेलवे ----कुल
2014 ---1216--------------696-----------1912
2015 ---1197 --------------604----------1801
2016 ---1165 --------------633 ----------1798
2017 ---1074 --------------577----------1651
2018 ---1022 --------------597----------1619
2019 ---929 ---------------526 ----------1455
2020 ---471 ---------------259 ----------730
2021 ---748 --------------366 ----------1114
2022 ---654 --------------464 ----------1118
2023 ---782 --------------495 ----------1277
2024 ---674 --------------477 ----------1151
कुल ----9932---------------5694----------15,626
वर्तमान में लोकल यात्री संख्या
मध्य रेलवे- 41 लाख
पश्चिम रेलवे - 31 लाख
अहम प्वाइंट
- MUTP 3 के अंतर्गत ट्रेस्पासिंग रोकने के लिए खर्च किये गए 551 करोड़
- स्टेशन रीदेवेलोप्मेन्ट प्लान में भी किये गए कई काम
- साल 2014 के पहले भी खर्च किये गए थे 100 करोड़ से ज्यादा की रकम
आधिकारिक आकड़ों के अनुसार साल 2014 से लेकर 2024 तक यानी 10 साल में 15,626 लोगों ने अपनी जान गवाईं है।साल 2020 (कोरोना वाला साल ) में 730 लोगों ने जान गवाईं थी, लेकिन उसके बाद से हर साल (2021-2024) से यह देखा जा रहा है कि प्रतिवर्ष 1000 से 1200 लोगों ने ट्रेससपासिंग करते हुए अपनी जान गवाईं है।
जीरो डेथ मिशन के अंतर्गत अब बनाए जाएंगे ट्रैक के नीचे सबवे
एमआरवीसी ने ट्रेस्पासिंग को रोकने के लिए अब तक 34 मिड सेक्शन लोकेशन पर काम किया है। लेकिन अब उन्होंने एफओबी, आरओबी और स्काईवॉक की जगह सबवे बनाने की योजना बनाई है। क्योंकि आज के समय में लोग एफओबी पर 7 मीटर चढ़ना- उतरना नहीं चाहते है। मिड सेक्शन में एक्सक्लेटर भी नहीं प्रदान किया जाता है। जगह भी समस्या होती है। इसलिए ढाई से तीन मीटर की ऊंचाई का सबवे बनाया जाएगा। ताकि लोग एक तरफ से दूसरी तरफ कम सीढ़ियों की मदद से आ-जा सके। यह सबवे वाटर टाइड रहेगा, ताकि बारिश में समस्या न हो।
जल्द ही मध्य रेलवे को प्रपोजल भेजा जाएगा
एमआरवीसी के एमडी विलास वाडेकर ने बताया कि हमने मध्य रेलवे के साथ मिलकर सर्वे किया है। नई 30 लोकेशन आइडेंटीफ़्य की गई है। सबवे की नई आधुनिक डिजाइन डेवेलप करने के लिए हम 3 महीने से काम कर रहे है। फ़िलहाल काम फाइनल स्टेज में है। यह सिर्फ पेडिस्ट्रियन सबवे होगा। ट्रैक के नीचे यह सबवे वाटर टाइट रहेगा, ताकि बारिश में समस्या न हो। जल्द ही मध्य रेलवे को प्रपोजल भेजा जाएगा। अप्रूवल मिलते ही रेलवे फण्ड के अंतर्गत इसे अम्ब्रेला वर्क के तहत पूरा किया जाएगा।
10 सालों में से 15,626 लोगों ने गंवाई जान
साल -----मध्य रेलवे -----पश्चिम रेलवे ----कुल
2014 ---1216--------------696-----------1912
2015 ---1197 --------------604----------1801
2016 ---1165 --------------633 ----------1798
2017 ---1074 --------------577----------1651
2018 ---1022 --------------597----------1619
2019 ---929 ---------------526 ----------1455
2020 ---471 ---------------259 ----------730
2021 ---748 --------------366 ----------1114
2022 ---654 --------------464 ----------1118
2023 ---782 --------------495 ----------1277
2024 ---674 --------------477 ----------1151
कुल ----9932---------------5694----------15,626
वर्तमान में लोकल यात्री संख्या
मध्य रेलवे- 41 लाख
पश्चिम रेलवे - 31 लाख
अहम प्वाइंट
- MUTP 3 के अंतर्गत ट्रेस्पासिंग रोकने के लिए खर्च किये गए 551 करोड़
- स्टेशन रीदेवेलोप्मेन्ट प्लान में भी किये गए कई काम
- साल 2014 के पहले भी खर्च किये गए थे 100 करोड़ से ज्यादा की रकम





