अगली ख़बर
Newszop

परिवार से मिलने भारत आई ऑस्ट्रेलियाई महिला ब्रेन डेड... हार्ट, लीवर और 2 किडनी से 4 लोगों को दे गई नई जिंदगी

Send Push
पुणे: दिवाली के मौके पर अपने वतन लौटने का सपना लेकर आई 46 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई महिला के परिवार ने ऐसा कार्य किया, जिसने पूरे शहर को भावुक कर दिया। दो दशक बाद मेलबर्न से पुणे लौटी यह महिला, साल 2012 से ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारक थीं। वो अपने पति और दो बच्चों के साथ परिजनों से मिलने आई थीं। परिवार ने पावना डैम के पास एक रिज़ॉर्ट में रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर पार्टी का प्लान बनाया था। लेकिन यह खुशी का पल कुछ ही दिनों में त्रासदी में बदल गया। अचानक महिला को तेज सिरदर्द हुआ, जो तेजी से बढ़ता गया। 23 अक्टूबर को उन्हें आदित्य बिड़ला मेमोरियल अस्पताल पुणे में भर्ती कराया गया। जांच में महिला को स्ट्रोक आने की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने भरसक प्रयास किया, लेकिन 2 नवंबर को महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।


ऑस्ट्रेलियाई दूतावास की अनुमति ली गई

दुख के इस कठिन समय में भी परिवार ने मानवता की मिसाल पेश की। उन्होंने महिला के चार अंग दान करने का निर्णय लिया। यह पुणे में ओसीआई कार्डधारक विदेशी नागरिक द्वारा किया गया पहला अंगदान था। क्योंकि अंग दान करने वाली विदेशी नागरिक थीं, इसलिए अंगदान की प्रक्रिया उनके देश के दूतावास की अनुमति के बिना नहीं की जा सकती थी।इसलिए अंगदान से पहले ऑस्ट्रेलियाई दूतावास की अनुमति लेना आवश्यक था। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत ऑस्ट्रेलियाई दूतावास को ईमेल भेजकर अनुमति मांगी। महिला के पति और अन्य अधिकारियों के प्रयासों से अनुमति मिल गई।


क्या बोले अस्पताल के सीईओ

आदित्य बिड़ला मेमोरियल हॉस्पिटल के सीईओ ने बताया कि यह हमारे लिए सम्मान की बात थी कि हम इस असाधारण कार्य का हिस्सा बने। हमारे डॉक्टरों, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटरों और पूरी टीम ने समर्पण और संवेदना के साथ यह प्रक्रिया पूरी की। यह पल बताता है कि स्वास्थ्य सेवा का असली अर्थ क्या है। ZTCC पुणे ने महिला के अंगों का वितरण (allocation) किया। एक किडनी और लिवर को डॉ. डी.वाई. पाटिल हॉस्पिटल, पुणे भेजा गया। वहीं दूसरी किडनी को दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल, पुणे, और हृदय को एचएन रिलायंस हॉस्पिटल, मुंबई भेजा गया। हृदय को समय पर मुंबई पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिससे अंग को सुरक्षित और शीघ्रता से ट्रांसप्लांट सेंटर तक पहुंचाया जा सका।

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें