नोएडा: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की कैसरगंज सीट से सांसद रह चुके बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह शनिवार को नोएडा के एक कवि सम्मेलन में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने पहली बार मंच से शायरी पढ़ी। उन्होंने कहा कि मैं पहलवान की बेटी हूं। आपने पहली बार मुझे मंच दिया। पहले मुझे कोई मंच नहीं देता था।
नोएडा सेक्टर-121 होम्स 121 सोसाइटी में आयोजित कवि सम्मेलन में पहुंची शालिनी सिंह ने पहली बार कविता पढ़ी। हम लिख देते हैं इतिहास, किसी तलवार से नहीं मारूंगा, यह वादा है मेरा, तेरी तरह पीठ पर वार नहीं मारूंगा। शालिनी ने अपने भाई करण भूषण सिंह के लिए एक कविता पढ़ी। यह कविता उस समय को बयां करती है, जब करण भूषण सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर घर आते हैं और मां को गले लगाते हैं। यह कविता थी... रणभूमि से लौटकर मां जब मैंने तुझे गले लगाया, वेदनाएं शांत हुईं, हर घाव केवल माध्यम था, जब हार भी जाता तो ऐसे ही मां गले लगाया करतीं। आज मैं जीतकर लौटा हूं, भाग्य के ललाट पर कर्म का तिलक लगा सकता हूं तेरे लिए मां। मैं हर युद्ध जीतकर आ सकता हूं।
इसके अलावा उन्होंने कई कविताएं पढ़ीं, जिसमें एक कविता यह भी थी... एक सल्तनत है लफ्जों की, हम दिखावा नहीं करते, हम लिख देते हैं इतिहास, हम दावा नहीं करते। साथ ही उन्होंने मजाक-मजाक में भाई करण और प्रतीक भूषण को बाहुबली भी बताया। बता दें कि शालिनी सिंह अब तक 5 किताबें लिख चुकी हैं। वह बृजभूषण शरण सिंह की इकलौती बेटी हैं। शालिनी की शादी आरा से पूर्व सांसद स्वर्गीय अजीत सिंह और पूर्व सांसद मीना सिंह के इकलौते बेटे विशाल सिंह से हुई है। शालिनी सिंह पति विशाल सिंह के साथ वर्तमान में नोएडा में रहती हैं। विशाल भाजपा नेता है और मूलरूप से बिहार के आरा के रहने वाले हैं। शालिनी और विशाल का एक 13 साल का बेटा है, जिसका नाम अथर्व है।
नोएडा सेक्टर-121 होम्स 121 सोसाइटी में आयोजित कवि सम्मेलन में पहुंची शालिनी सिंह ने पहली बार कविता पढ़ी। हम लिख देते हैं इतिहास, किसी तलवार से नहीं मारूंगा, यह वादा है मेरा, तेरी तरह पीठ पर वार नहीं मारूंगा। शालिनी ने अपने भाई करण भूषण सिंह के लिए एक कविता पढ़ी। यह कविता उस समय को बयां करती है, जब करण भूषण सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर घर आते हैं और मां को गले लगाते हैं। यह कविता थी... रणभूमि से लौटकर मां जब मैंने तुझे गले लगाया, वेदनाएं शांत हुईं, हर घाव केवल माध्यम था, जब हार भी जाता तो ऐसे ही मां गले लगाया करतीं। आज मैं जीतकर लौटा हूं, भाग्य के ललाट पर कर्म का तिलक लगा सकता हूं तेरे लिए मां। मैं हर युद्ध जीतकर आ सकता हूं।
नोएडा में बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह ने मंच से पहली बार कविता पढ़ी @NavbharatTimes pic.twitter.com/MhyOgXVjt9
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) October 26, 2025
इसके अलावा उन्होंने कई कविताएं पढ़ीं, जिसमें एक कविता यह भी थी... एक सल्तनत है लफ्जों की, हम दिखावा नहीं करते, हम लिख देते हैं इतिहास, हम दावा नहीं करते। साथ ही उन्होंने मजाक-मजाक में भाई करण और प्रतीक भूषण को बाहुबली भी बताया। बता दें कि शालिनी सिंह अब तक 5 किताबें लिख चुकी हैं। वह बृजभूषण शरण सिंह की इकलौती बेटी हैं। शालिनी की शादी आरा से पूर्व सांसद स्वर्गीय अजीत सिंह और पूर्व सांसद मीना सिंह के इकलौते बेटे विशाल सिंह से हुई है। शालिनी सिंह पति विशाल सिंह के साथ वर्तमान में नोएडा में रहती हैं। विशाल भाजपा नेता है और मूलरूप से बिहार के आरा के रहने वाले हैं। शालिनी और विशाल का एक 13 साल का बेटा है, जिसका नाम अथर्व है।
You may also like

छत्तीसगढ़: 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सीएम साय ने कहा-बस्तर में शांति की नई बयार

भारत और पाकिस्तान से रिश्तों पर क्या बोले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो

सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस... मलेशिया के साथ क्या-क्या करने जा रहा भारत, जयशंकर और इब्राहिम की खास मुलाकात

परफ्यूम के साथ अपने व्यक्तित्व को कैसे निखारें? जानें ये खास टिप्स!

आंध्र प्रदेश: चक्रवात के खतरे के बीच वाईएसआर कांग्रेस ने टालीं राज्यव्यापी रैलियां, नया कार्यक्रम 4 नवंबर को तय




