पुनम्मुडु के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार सुबह एक छात्र की गलती से क्लास में पेपर स्प्रे (मिर्च का स्प्रे) छिड़कने से हड़कंप मच गया। इस घटना में नौ छात्र और दो शिक्षक सांस लेने में तकलीफ के कारण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराए गए। अच्छी बात यह रही कि सभी को शाम तक ज़रूरी इलाज के बाद छुट्टी मिल गई। पुलिस के मुताबिक, यह कोई जानबूझकर की गई शरारत नहीं थी, इसलिए अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
एक छात्र, जिसे पहले से ही सांस की बीमारी थी, उसे चक्कर आने और गंभीर रूप से सांस लेने में दिक्कत होने के कारण आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि, उसकी हालत स्थिर होने के बाद उसे भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस घटना की जानकारी मिलने पर शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक ने स्कूल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने बताया कि स्कूल जाते समय एक छात्र को स्कूल के बाहर खड़ी एक टू-व्हीलर पर स्प्रे की बोतल मिली। उसने उत्सुकतावश बोतल उठा ली और स्कूल पहुंचकर क्लासरूम में छिड़क दी। क्लास में तीन पंखे चल रहे थे, जिससे मिर्च के कण हवा में फैल गए और बच्चों में घबराहट फैल गई। इसके तुरंत बाद बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
शोर सुनकर क्लास में पहुंचे दो शिक्षकों को भी अस्वस्थ महसूस हुआ। उन्हें पहले जनरल अस्पताल ले जाया गया और फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना स्कूल में सुरक्षा और बच्चों की निगरानी पर सवाल खड़े करती है। स्कूल प्रशासन को ऐसे मामलों से निपटने के लिए और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
एक छात्र, जिसे पहले से ही सांस की बीमारी थी, उसे चक्कर आने और गंभीर रूप से सांस लेने में दिक्कत होने के कारण आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि, उसकी हालत स्थिर होने के बाद उसे भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस घटना की जानकारी मिलने पर शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक ने स्कूल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने बताया कि स्कूल जाते समय एक छात्र को स्कूल के बाहर खड़ी एक टू-व्हीलर पर स्प्रे की बोतल मिली। उसने उत्सुकतावश बोतल उठा ली और स्कूल पहुंचकर क्लासरूम में छिड़क दी। क्लास में तीन पंखे चल रहे थे, जिससे मिर्च के कण हवा में फैल गए और बच्चों में घबराहट फैल गई। इसके तुरंत बाद बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
शोर सुनकर क्लास में पहुंचे दो शिक्षकों को भी अस्वस्थ महसूस हुआ। उन्हें पहले जनरल अस्पताल ले जाया गया और फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना स्कूल में सुरक्षा और बच्चों की निगरानी पर सवाल खड़े करती है। स्कूल प्रशासन को ऐसे मामलों से निपटने के लिए और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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