नई दिल्लीः प्रदूषण का स्तर रविवार की तुलना में काफी कम हुआ है। हालांकि प्राइवेट एक्सपर्ट के अनुसार, मंगलवार को यह गंभीर रह सकता है। वहीं आईआईटीएम ने प्रदूषण को लेकर पूर्वानुमान रात साढ़े सात बजे तक जारी नहीं किया। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 309 रहा। फरीदाबाद का 198, गाजियाबाद का 340, ग्रेटर नोएडा का 300, गुरुग्राम का 235 और नोएडा का 312 रहा। सबसे ज्यादा बुराड़ी क्रॉसिंग पर एक्यूआई 402 रहा। यह दिल्ली की इकलौती ऐसी जगह रही, जहां प्रदूषण का स्तर गंभीर रहा।
अन्य प्रदूषित जगहों में अलीपुर का अशोक विहार का 371, बवाना का 378, जहांगीरपुरी का 391, नरेला का 395, नार्थ कैंपस का 351, पंजाबी बाग का 356, रोहिणी का 374, सोनिया विहार का 378, विवेक विहार का 399 और वजीरपुर का 390 रहा। 12 जगहों पर एक्यूआई खराब और चार जगहों में यह सामान्य स्तर पर भी रहा। इन चार जगहों में श्री अरबिंदो मार्ग का एक्यूआई 156, नजफगढ़ का 149, लोदी रोड का 159 और आईटीओ का 172 रहा। स्काईमेट के महेश पलावत ने बताया कि आज वेस्टर्न डिस्टर्बेस के प्रभाव से हवाएं कमजोर रहेंगी। इसकी वजह से प्रदूषण की वजह से स्मॉग की परत दिखाई दे सकती है। आईआईटीएम ने आधिकारिक तौर पर साढ़े सात बजे तक प्रदूषण का पूर्वानुमान जारी नहीं किया था।
सुबह-शाम न खोलें खिड़की और दरवाजेघर के अंदर (इंडोर) पल्यूशन लेवल बाहर (आउटडोर) से कम होगा। अगर ऐसा आप भी सोचते हैं तो यह पूरी तरह सही नहीं है। बाहर से ही हवा घर के अंदर आती है और जैसे ही आप सुबह-सुबह दरवाजे और खिड़कियां खोलते है, बाहर का प्रदूषित हवा घर के अंदर पहुंच जाता है। फिर जितना बाहर पल्यूशन है, उतना ही घर के अंदर भी हो जाता है। बिना बाहर गए लोग उतना ही प्रदूषण के शिकार होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इससे बचाव का एक ही उपाय है कि सुबह-सुबह अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां नहीं खोलें, क्योंकि सुबह और शाम को सबसे ज्यादा स्मॉग रहता है, जो धूप निकलने के बाद कम हो जाता है।
गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर बॉबी भलोत्रा ने कहा कि घर के अंदर पल्यूशन तो बाहर से ही आता है। अगर हम पूरी तरह से रूम पैक कर देंगे तो समय के साथ ऑक्सीजन का लेवल कम होगा, लेकिन अगर बाहर से लगातार हवा आएगी तो पल्यूशन का स्तर भी बढ़ेगा और उतना ही हो जाएगा जितना बाहर है। कई बार बाहर से ज्यादा घर के अंदर का पल्यूशन लेवल होता सकता है।
प्रदूषित हवा अंदर न आने देंसीके बिड़ला हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर विकास मित्तल ने बताया कि वेंटिलेशन बहुत जरूरी है, ताकि हवा स्थिर न हो। लेकिन अगर आप ताजी हवा का इच्छा रखते हुए इस समय सुबह-सुबह दरवाजे और खिड़की खोल देंगे तो बाहर की प्रदूषित हवा अंदर आ जाएगी और नहीं खोलेंगे तो घर की प्रदूषित हवा घर में ही रह जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि सुबह और देर शाम को दरवाजे और खिड़की न खोलें।
एयर प्यूरीफायर है उपायडॉक्टर विकास और डॉक्टर बॉबी, दोनों का कहना है कि रूम के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। यह रूम के अंदर की प्रदूषित हवा को कम कर देता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि रूम बंद रहे।
इसे अपनाएं
अन्य प्रदूषित जगहों में अलीपुर का अशोक विहार का 371, बवाना का 378, जहांगीरपुरी का 391, नरेला का 395, नार्थ कैंपस का 351, पंजाबी बाग का 356, रोहिणी का 374, सोनिया विहार का 378, विवेक विहार का 399 और वजीरपुर का 390 रहा। 12 जगहों पर एक्यूआई खराब और चार जगहों में यह सामान्य स्तर पर भी रहा। इन चार जगहों में श्री अरबिंदो मार्ग का एक्यूआई 156, नजफगढ़ का 149, लोदी रोड का 159 और आईटीओ का 172 रहा। स्काईमेट के महेश पलावत ने बताया कि आज वेस्टर्न डिस्टर्बेस के प्रभाव से हवाएं कमजोर रहेंगी। इसकी वजह से प्रदूषण की वजह से स्मॉग की परत दिखाई दे सकती है। आईआईटीएम ने आधिकारिक तौर पर साढ़े सात बजे तक प्रदूषण का पूर्वानुमान जारी नहीं किया था।
सुबह-शाम न खोलें खिड़की और दरवाजेघर के अंदर (इंडोर) पल्यूशन लेवल बाहर (आउटडोर) से कम होगा। अगर ऐसा आप भी सोचते हैं तो यह पूरी तरह सही नहीं है। बाहर से ही हवा घर के अंदर आती है और जैसे ही आप सुबह-सुबह दरवाजे और खिड़कियां खोलते है, बाहर का प्रदूषित हवा घर के अंदर पहुंच जाता है। फिर जितना बाहर पल्यूशन है, उतना ही घर के अंदर भी हो जाता है। बिना बाहर गए लोग उतना ही प्रदूषण के शिकार होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इससे बचाव का एक ही उपाय है कि सुबह-सुबह अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां नहीं खोलें, क्योंकि सुबह और शाम को सबसे ज्यादा स्मॉग रहता है, जो धूप निकलने के बाद कम हो जाता है।
गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर बॉबी भलोत्रा ने कहा कि घर के अंदर पल्यूशन तो बाहर से ही आता है। अगर हम पूरी तरह से रूम पैक कर देंगे तो समय के साथ ऑक्सीजन का लेवल कम होगा, लेकिन अगर बाहर से लगातार हवा आएगी तो पल्यूशन का स्तर भी बढ़ेगा और उतना ही हो जाएगा जितना बाहर है। कई बार बाहर से ज्यादा घर के अंदर का पल्यूशन लेवल होता सकता है।
प्रदूषित हवा अंदर न आने देंसीके बिड़ला हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर विकास मित्तल ने बताया कि वेंटिलेशन बहुत जरूरी है, ताकि हवा स्थिर न हो। लेकिन अगर आप ताजी हवा का इच्छा रखते हुए इस समय सुबह-सुबह दरवाजे और खिड़की खोल देंगे तो बाहर की प्रदूषित हवा अंदर आ जाएगी और नहीं खोलेंगे तो घर की प्रदूषित हवा घर में ही रह जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि सुबह और देर शाम को दरवाजे और खिड़की न खोलें।
एयर प्यूरीफायर है उपायडॉक्टर विकास और डॉक्टर बॉबी, दोनों का कहना है कि रूम के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। यह रूम के अंदर की प्रदूषित हवा को कम कर देता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि रूम बंद रहे।
इसे अपनाएं
- घर में गीला पोछा लगाएं, कमरे की खिड़कियां बंद रखें, लेकिन वेंटिलेशन भी अच्छा रखें।
- वाइट वॉश कराने से बचें, कोशिश करें कि अभी घर के अंदर कंस्ट्रक्शन या अन्य काम न हो।
- घर के अंदर कोई भी चीज जलाने से बचें, मसलन लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी नहीं।
- घर के अंदर पौधे लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये घरों के अंदर ऑक्सीजन का अनुपात बढ़ाते हैं।
- मनी प्लांट ज्यादातर घरों में दिख जाता है क्योंकि यह आसानी से इंडोर में जिंदा रहता है।
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