सुनील मिश्रा, बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं में पूर्व विधायक योगेंद्र सागर और उनके बेटे कुशाग्र सागर पूर्व भाजपा विधायक समेत 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पेंद्र चौधरी ने खेत पर बने ट्यूबवेल, तारकशी के बांस को उखाड़ने आदि के मामले में दिया है। साथ ही कोर्ट ने 3 नंवबर तक आख्या रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल पूरा मामला जनपद के इस्लामनगर थाना क्षेत्र में गांव सिठौली का है। यहां की रहने वाली मंजूल पत्नी शेर सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पेंद्र चौधरी की अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में कहा था जिसमें उन्होंने अपने खेत और जमीन पर हुई तोड़फोड़, लूटपाट, मारपीट के गंभीर आरोप लगाए है। न्यायालय में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में मंजूल ने बताया है कि वह अपने पति शेर सिंह के साथ गांव में रहकर खेतीबाड़ी करती हैं। जबकि उनका बेटा बाहर रहता है। उन्होंने 17 अक्तूबर 2007 को 1.338 हेक्टेयर की भूमि खरीदी थी। जोकि मुख्य सड़क के समीप स्थित है।
उन्होंने बताया है कि जमीन पर पूर्व भाजपा विधायक कुशाग्र सागर और उनके पिता योगेंद्र सागर के इशारे पर गांव के आदेश कुमार, अंकित, हरपाल, नरेंद्र, अरविंद, नबाव, विशेष, अमरजीत, अतराज, चंद्रभान, उमेश, प्रमोद, अखिलेश, देवा, अजेंद्र, नीरज, पंकज, उरमान, जितेंद्र, वीरपाल, वीरेंद्र, अभिलाष, विजय, विनय सिंह, संतोष, मुनीम, विजेंद्र समेत 15 से 20 अज्ञात आरोपियों ने उनके खेत और ट्यूबवेल पर कब्जा करने के उद्देश्य से अंबेडकर पार्क का निर्माण जबरदस्ती कराने लगे।
पीड़िता का आरोप है कि आरोपितों ने खेत में लगे बल्ले, तारकशी, फावड़े ड्रिल वर्मा, दस किलो उड़द, स्टार्टर, 6 कट आउट और 50 किलो प्लास्टिक पाइप को तोड़कर लूटने का प्रयास किया गया। वहीं प्रार्थिनी और उनके गांव के लोगों को जान से मारने की धमकी दी थी। घटना के बीच गांव के कुछ लोग समझाने आए लेकिन आरोपितों ने पूर्व विधायकों के नाम के नारे लगाते हुए मारपीट और तोड़फोड जारी रखी।
सूचना पर संबंधित थाना पुलिस के दरोगा विनोद कुमार कुछ अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन उन्होंने पूर्व विधायकों के लोग हैं और वे कुछ नहीं कर सकते इसके बाद उनके बीमार पति को सुरक्षा के लिए बुलाया गया और उनकी लाइसेंसी रायफल जब्त कर ली गई वहीं सुरक्षा नहीं दी गई। इसके बाद पीड़िता मंजूल ने कई बार पुलिस और उच्च अफसरों को लिखित शिकायतें दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की इसके बाद उन्होंने न्यायालय में आरोपितों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देते हुए एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई।
कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कर तीन नंवबर तक आख्या रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है। यहां बताते चलें कि पूर्व विधायक योगेंद्र सागर एक मामले में वर्तमान समय में जेल में बंद है और अब एक मामला दर्ज होने के आदेश के बाद उनकी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है।
दरअसल पूरा मामला जनपद के इस्लामनगर थाना क्षेत्र में गांव सिठौली का है। यहां की रहने वाली मंजूल पत्नी शेर सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पेंद्र चौधरी की अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में कहा था जिसमें उन्होंने अपने खेत और जमीन पर हुई तोड़फोड़, लूटपाट, मारपीट के गंभीर आरोप लगाए है। न्यायालय में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में मंजूल ने बताया है कि वह अपने पति शेर सिंह के साथ गांव में रहकर खेतीबाड़ी करती हैं। जबकि उनका बेटा बाहर रहता है। उन्होंने 17 अक्तूबर 2007 को 1.338 हेक्टेयर की भूमि खरीदी थी। जोकि मुख्य सड़क के समीप स्थित है।
उन्होंने बताया है कि जमीन पर पूर्व भाजपा विधायक कुशाग्र सागर और उनके पिता योगेंद्र सागर के इशारे पर गांव के आदेश कुमार, अंकित, हरपाल, नरेंद्र, अरविंद, नबाव, विशेष, अमरजीत, अतराज, चंद्रभान, उमेश, प्रमोद, अखिलेश, देवा, अजेंद्र, नीरज, पंकज, उरमान, जितेंद्र, वीरपाल, वीरेंद्र, अभिलाष, विजय, विनय सिंह, संतोष, मुनीम, विजेंद्र समेत 15 से 20 अज्ञात आरोपियों ने उनके खेत और ट्यूबवेल पर कब्जा करने के उद्देश्य से अंबेडकर पार्क का निर्माण जबरदस्ती कराने लगे।
पीड़िता का आरोप है कि आरोपितों ने खेत में लगे बल्ले, तारकशी, फावड़े ड्रिल वर्मा, दस किलो उड़द, स्टार्टर, 6 कट आउट और 50 किलो प्लास्टिक पाइप को तोड़कर लूटने का प्रयास किया गया। वहीं प्रार्थिनी और उनके गांव के लोगों को जान से मारने की धमकी दी थी। घटना के बीच गांव के कुछ लोग समझाने आए लेकिन आरोपितों ने पूर्व विधायकों के नाम के नारे लगाते हुए मारपीट और तोड़फोड जारी रखी।
सूचना पर संबंधित थाना पुलिस के दरोगा विनोद कुमार कुछ अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन उन्होंने पूर्व विधायकों के लोग हैं और वे कुछ नहीं कर सकते इसके बाद उनके बीमार पति को सुरक्षा के लिए बुलाया गया और उनकी लाइसेंसी रायफल जब्त कर ली गई वहीं सुरक्षा नहीं दी गई। इसके बाद पीड़िता मंजूल ने कई बार पुलिस और उच्च अफसरों को लिखित शिकायतें दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की इसके बाद उन्होंने न्यायालय में आरोपितों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देते हुए एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई।
कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कर तीन नंवबर तक आख्या रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है। यहां बताते चलें कि पूर्व विधायक योगेंद्र सागर एक मामले में वर्तमान समय में जेल में बंद है और अब एक मामला दर्ज होने के आदेश के बाद उनकी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है।
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