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Isro Satellite Launch live : दुश्मन की हर हरकत पर होगी नजर... इसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया देश का सबसे भारी सैटेलाइट

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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 4,000 किलोग्राम से अधिक वजन वाले कम्युनिकेशन सैटेलाइट को रविवार को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई। सैटेलाइट को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इससे पहले क्रायोजेनिक स्टेज इग्नाइट हुआ था। LVM3-M5 पावर्ड फ्लाइट के आखिरी फेज में पहुंचा। पहले रॉकेट घने एटमॉस्फियर से बाहर निकला था। ऐसे में इसे एयरोडायनामिक हीटिंग से सुरक्षा की जरूरत खत्म हो गई थी। इसरो ने कन्फर्म किया है कि प्रोपल्शन बे के दरवाजे सफलतापूर्वक खुल गए हैं। सैटेलाइट के कंट्रोल सिस्टम ने ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करके CMS-03 को उसकी ऑर्बिट में स्टेबल करने और गाइड करने का काम संभाल लिया है।

LVM3-M5 लॉन्च में 8 सीक्वेंस थे। इसमें CMS-03 को लगभग 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर, लगभग 10 km प्रति सेकंड की स्पीड से गाड़ी से अलग किया गया। लॉन्च वीकल की ऊंचाई 43.5 मीटर है, जिसका कुल लिफ्ट ऑफ मास 642 टन है। यह वीकल सैटेलाइट को जियो-सिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) तक पहुंचाने के लिए तीन स्टेज के प्रोपेलेंट का इस्तेमाल करता है।

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क्यों खास है ये सैटेलाइट?
इसरो ने कहा कि रविवार के मिशन का उद्देश्य यह है कि बहु-बैंड संचार उपग्रह सीएमएस-03 भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। यह सैटेलाइट भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए खास तौर पर बनाए गए स्वदेशी लेटेस्ट कंपोनेंट्स के साथ नेवी की स्पेस-बेस्ड कम्युनिकेशन और समुद्री इलाके की जानकारी रखने की कैपेबिलिटी को मजबूत करेगा। भारतीय नौसेना ने कहा कि यह सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका वजन लगभग 4,410 किलोग्राम है।


इसमें कई स्वदेशी लेटेस्ट कंपोनेंट्स शामिल हैं जिन्हें खास तौर पर भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है। ISRO के अनुसार, CMS-03 एक मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट है जो भारतीय जमीन के साथ-साथ एक बड़े समुद्री इलाके में सर्विस देगा।

LVM3 लॉन्च वीकल ने रचा था इतिहास
इस सैटेलाइट को मशहूर LVM3 लॉन्च वीकल से लॉन्च किया गया। इसी लॉन्च वीकल ने चंद्रयान-3 मिशन में भारत को चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक उतारा था। यह इस व्हीकल की पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान थी। इससे पहले ISRO ने एक बयान में कहा था कि लगभग 4400kg वजन वाला CMS-03, भारत की धरती से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में लॉन्च किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। LVM3 के पिछले मिशन ने चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया था, जिसमें भारत चांद के साउथ पोल के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बन गया था।
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