नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पिछले 10 सालों में 20 गुना बढ़ गया है। उन्होंने इसका श्रेय केंद्र सरकार की पीएलआई स्कीम और मेगा फूड पार्कों जैसी पहलों को दिया। इन योजनाओं से विकास को बहुत बढ़ावा मिला है।
दिल्ली के भारत मंडपम में वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के उद्घाटन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बढ़ावा दे रही है। पीएलआई स्कीम और मेगा फूड पार्कों ने विकास को गति दी है। भारत लगातार वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहा है। यानी भारत दुनिया में खाने की चीजों की कमी को दूर करने में मदद कर रहा है।
25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकलेपीएम मोदी ने यह भी बताया कि इसी दौरान 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं और नव-मध्य वर्ग में शामिल हो गए हैं। उन्होंने इस वर्ग को देश का सबसे महत्वाकांक्षी और ऊर्जावान हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। वे अब नव-मध्य वर्ग का हिस्सा बन गए हैं। नव-मध्य वर्ग हमारे देश का सबसे महत्वाकांक्षी और ऊर्जावान वर्ग है। यह महत्वाकांक्षी वर्ग हमारी बढ़ती मांग को चला रहा है।' इसका मतलब है कि ये लोग अब बेहतर जीवन जीना चाहते हैं और देश की तरक्की में मदद कर रहे हैं।
निवेश के लिए भारत आकर्षक स्थानपीएम मोदी ने भारत को भोजन और कृषि में निवेश के लिए दुनिया का सबसे आकर्षक स्थान बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। इनमें से कई स्टार्ट-अप फूड और एग्रीकल्चर सेक्टर में काम करते हैं। हमारे स्टार्ट-अप सप्लाई चेन, रिटेल और प्रोसेसिंग को बदल रहे हैं। भारत में विविधता, मांग और इनोवेशन है। ये सभी कारक भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक जगह बनाते हैं।
खाने-पीने के कारोबार में बहुत संभावनाएं प्रधानमंत्री ने भारत की विविधता, मांग और पैमाने की अनूठी ताकत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश हर तरह का अनाज, फल और सब्जी पैदा करता है, जबकि हर 100 किलोमीटर पर खाने की पसंद बदल जाती है। उन्होंने कहा कि इस विविधता के साथ-साथ मजबूत उपभोक्ता मांग देश को वैश्विक खाद्य क्षेत्र में एक खास पहचान दिलाती है। भारत में हर तरह के लोग रहते हैं और उनकी पसंद भी अलग-अलग है, जिससे यहां खाने-पीने के कारोबार में बहुत संभावनाएं हैं।
दिल्ली के भारत मंडपम में वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के उद्घाटन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बढ़ावा दे रही है। पीएलआई स्कीम और मेगा फूड पार्कों ने विकास को गति दी है। भारत लगातार वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहा है। यानी भारत दुनिया में खाने की चीजों की कमी को दूर करने में मदद कर रहा है।
25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकलेपीएम मोदी ने यह भी बताया कि इसी दौरान 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं और नव-मध्य वर्ग में शामिल हो गए हैं। उन्होंने इस वर्ग को देश का सबसे महत्वाकांक्षी और ऊर्जावान हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। वे अब नव-मध्य वर्ग का हिस्सा बन गए हैं। नव-मध्य वर्ग हमारे देश का सबसे महत्वाकांक्षी और ऊर्जावान वर्ग है। यह महत्वाकांक्षी वर्ग हमारी बढ़ती मांग को चला रहा है।' इसका मतलब है कि ये लोग अब बेहतर जीवन जीना चाहते हैं और देश की तरक्की में मदद कर रहे हैं।
निवेश के लिए भारत आकर्षक स्थानपीएम मोदी ने भारत को भोजन और कृषि में निवेश के लिए दुनिया का सबसे आकर्षक स्थान बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। इनमें से कई स्टार्ट-अप फूड और एग्रीकल्चर सेक्टर में काम करते हैं। हमारे स्टार्ट-अप सप्लाई चेन, रिटेल और प्रोसेसिंग को बदल रहे हैं। भारत में विविधता, मांग और इनोवेशन है। ये सभी कारक भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक जगह बनाते हैं।
खाने-पीने के कारोबार में बहुत संभावनाएं प्रधानमंत्री ने भारत की विविधता, मांग और पैमाने की अनूठी ताकत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश हर तरह का अनाज, फल और सब्जी पैदा करता है, जबकि हर 100 किलोमीटर पर खाने की पसंद बदल जाती है। उन्होंने कहा कि इस विविधता के साथ-साथ मजबूत उपभोक्ता मांग देश को वैश्विक खाद्य क्षेत्र में एक खास पहचान दिलाती है। भारत में हर तरह के लोग रहते हैं और उनकी पसंद भी अलग-अलग है, जिससे यहां खाने-पीने के कारोबार में बहुत संभावनाएं हैं।
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