पूनम पांडेय, नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड में पत्रकार राजीव प्रताप की मौत के मामले की जांच के लिए पुलिस ने डीएसपी उत्तरकाशी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है लेकिन राजीव के परिवार की मांग है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। परिवार का कहना है कि राजीव को लगातार धमकियां मिल रही थी, जिससे उन्हें इसकी आशंका है कि राजीव पर किसी ने हमला किया हो सकता है।
पत्रकार राजीव प्रताप 19 सितंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लापता हुए और अगले दिन उनकी कार नदी में मिली थी। 28 सितंबर को राजीव का शव मिला और फिर पोस्टमार्टम कराया गया। राजीव के चाचा कृपाल सिंह ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि हम ये जानते हैं कि पत्रकार जब किसी चीज का खुलासा करता है तो कुछ लोग विरोध करते ही हैं इसलिए जब राजीव को धमकी मिल रही थी तब हमें वह सामान्य ही लगा। लेकिन अब जब यह हुआ है तब हमें लग रहा है कि कुछ न कुछ गलत हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई थी तब तक हम सोच रहे थे कि हो सकता है कि ये ऐक्सिडेंट हो और पानी में गिरने से मौत हुई हो। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है कि आंतरिक चोट की वजह से मौत हुई है। ऐसे में हमारा शक और भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जहां से गाड़ी नदी में गिरी वह काफी ऊंची जगह है। अगर वहां से गिरा होता तो उसके मुंह में पानी तो जाता लेकिन राजीव के मुंह के अंदर पानी नहीं गया। साथ ही गाड़ी जिस हालात में मिली उसको देखकर भी हमारा शक बढ़ा है और यह एक्सिडेंट नहीं लगता।
कृपाल सिंह ने कहा कि राजीव के साथ उनका साला रहता था। उन्होंने बताया कि राजीव को कॉल आया था और विडियो डिलीट करने की बात कह रहे थे। यह पता नहीं है कि किस विडियो की बात हो रही थी। राजीव के चाचा ने कहा कि करीब 3-4 महीने से जब से राजीव ने उत्तरकाशी में अलग अलग जगहों पर हो रहे भ्रष्टाचार के मामले उठाने शुरू किए, तभी से राजीव को धमकी मिल रही थी।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उच्चस्तरीय जांच हो। हम ये भी नहीं चाहते कि कोई बेगुनाह इसमें फंसे लेकिन हकीकत सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस दिशा में काम कर रही है कि बस जल्दी से मामले को खत्म करो। इसलिए हम उच्चस्तरीय जांच चाहते हैं।
पत्रकार राजीव प्रताप 19 सितंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लापता हुए और अगले दिन उनकी कार नदी में मिली थी। 28 सितंबर को राजीव का शव मिला और फिर पोस्टमार्टम कराया गया। राजीव के चाचा कृपाल सिंह ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि हम ये जानते हैं कि पत्रकार जब किसी चीज का खुलासा करता है तो कुछ लोग विरोध करते ही हैं इसलिए जब राजीव को धमकी मिल रही थी तब हमें वह सामान्य ही लगा। लेकिन अब जब यह हुआ है तब हमें लग रहा है कि कुछ न कुछ गलत हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई थी तब तक हम सोच रहे थे कि हो सकता है कि ये ऐक्सिडेंट हो और पानी में गिरने से मौत हुई हो। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है कि आंतरिक चोट की वजह से मौत हुई है। ऐसे में हमारा शक और भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जहां से गाड़ी नदी में गिरी वह काफी ऊंची जगह है। अगर वहां से गिरा होता तो उसके मुंह में पानी तो जाता लेकिन राजीव के मुंह के अंदर पानी नहीं गया। साथ ही गाड़ी जिस हालात में मिली उसको देखकर भी हमारा शक बढ़ा है और यह एक्सिडेंट नहीं लगता।
कृपाल सिंह ने कहा कि राजीव के साथ उनका साला रहता था। उन्होंने बताया कि राजीव को कॉल आया था और विडियो डिलीट करने की बात कह रहे थे। यह पता नहीं है कि किस विडियो की बात हो रही थी। राजीव के चाचा ने कहा कि करीब 3-4 महीने से जब से राजीव ने उत्तरकाशी में अलग अलग जगहों पर हो रहे भ्रष्टाचार के मामले उठाने शुरू किए, तभी से राजीव को धमकी मिल रही थी।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उच्चस्तरीय जांच हो। हम ये भी नहीं चाहते कि कोई बेगुनाह इसमें फंसे लेकिन हकीकत सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस दिशा में काम कर रही है कि बस जल्दी से मामले को खत्म करो। इसलिए हम उच्चस्तरीय जांच चाहते हैं।
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