फरीदाबाद: दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद जिले में एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर फरीदाबाद के एक गांव में छापा मारकर 350 किलोग्राम विस्फोटक, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। इस मामले में एक महिला डॉक्टर की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गज़वत-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से इसके तार जुड़े होने का शक है। इस ऑपरेशन में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
किसने की कार्रवाई?
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुफिया एजेंसियों और फरीदाबाद पुलिस के साथ मिलकर यह बड़ी कार्रवाई की। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से मिली जानकारी के आधार पर चलाया गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि फरीदाबाद के धौज गांव में एक किराए के मकान में बड़े पैमाने पर विस्फोटक और हथियार रखे गए हैं। यह मकान डॉ मुजम्मिल शकील नाम के एक कश्मीरी डॉक्टर और अल फलाह यूनिवर्सिटी के शिक्षक ने करीब तीन महीने पहले किराए पर लिया था।
कुल सात लोग गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, हथियार और विस्फोटक सामग्री जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी हुई थी। इस अभियान में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए अधिनियम, बीएनएस, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जांच से एक सफेदपोश आतंकवादी तंत्र का पता चला है। इसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं। जो पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी आकाओं के संपर्क में हैं।
फरीदाबाद में मिले विस्फोटक मामले में 5 बड़े खुलासे
1-विस्फोटक और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद: संयुक्त टीम ने 350 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया। इसमें लगभग 100 किलोग्राम वजन के 14 बैग अमोनियम नाइट्रेट, एक एके-47 राइफल, 84 जिंदा कारतूस, बमों में इस्तेमाल होने वाले कई टाइमर और 5 लीटर केमिकल सॉल्यूशन आदि शामिल हैं। कुल 48 वस्तुओं का इस्तेमाल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने में होने का संदेह है।
2-संभावित पाकिस्तानी लिंक की हो रही जांच: इस मामले में संभावित पाकिस्तानी लिंक की जांच की जा रही है। जब्त की गई वस्तुओं को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। खुफिया एजेंसियां नेटवर्क के फडिंग सोर्सऔर सीमा पार पाकिस्तान में आकाओं से संभावित संबंधों की जांच कर रही हैं।
3-लेडी डॉक्टर मामले की भी जांच: इस मामले में एक महिला डॉक्टर का एंगल भी सामने आया है, जिसकी भूमिका की जांच की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. मुजम्मिल शकील के पास से जो AK-47 राइफल बरामद हुई थी, वह एक महिला डॉक्टर की स्विफ्ट डिजायर कार में मिली थी। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह कार महिला डॉक्टर की जानकारी के बिना इस्तेमाल की गई हो सकती है, लेकिन पुलिस अभी भी इस मामले की जांच कर रही है।
4-अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार: हथियारों की यह बरामदगी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक बड़े अभियान का हिस्सा थी। यह पूरा आतंकी मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गज़वत-उल-हिंद (AGuH) जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ पाया गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल शकील के अलावा जम्मू-कश्मीर के एक और डॉक्टर भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए अन्य संदिग्धों की पहचान आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (सभी श्रीनगर के नौगाम के रहने वाले), मौलवी इरफान अहमद (एक मस्जिद के इमाम, शोपियां के रहने वाले), जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलशा (गंदरबल के वकुरा इलाके के रहने वाले), डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसैब (पुलवामा के कोइल इलाके के रहने वाले) और डॉ. अदील (कुलगाम के वानपोरा इलाके के रहने वाले) के रूप में हुई है।
5-एकेडमिक चैनल्स से जुटाया गया फंड: पुलिस के अनुसार, आतंकी मॉड्यूल के लिए धन सामाजिक और धर्मार्थ कार्यों की आड़ में पेशेवर और एकेडमिक नेटवर्क के माध्यम से जुटाया गया था। आरोपी व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने, आतंकवादी समूहों में भर्ती करने, धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने, हथियार और गोला-बारूद और आईईडी तैयार करने के लिए सामग्री खरीदने में शामिल पाए गए।
किसने की कार्रवाई?
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुफिया एजेंसियों और फरीदाबाद पुलिस के साथ मिलकर यह बड़ी कार्रवाई की। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से मिली जानकारी के आधार पर चलाया गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि फरीदाबाद के धौज गांव में एक किराए के मकान में बड़े पैमाने पर विस्फोटक और हथियार रखे गए हैं। यह मकान डॉ मुजम्मिल शकील नाम के एक कश्मीरी डॉक्टर और अल फलाह यूनिवर्सिटी के शिक्षक ने करीब तीन महीने पहले किराए पर लिया था।
कुल सात लोग गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, हथियार और विस्फोटक सामग्री जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी हुई थी। इस अभियान में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए अधिनियम, बीएनएस, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जांच से एक सफेदपोश आतंकवादी तंत्र का पता चला है। इसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं। जो पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी आकाओं के संपर्क में हैं।
फरीदाबाद में मिले विस्फोटक मामले में 5 बड़े खुलासे
1-विस्फोटक और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद: संयुक्त टीम ने 350 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया। इसमें लगभग 100 किलोग्राम वजन के 14 बैग अमोनियम नाइट्रेट, एक एके-47 राइफल, 84 जिंदा कारतूस, बमों में इस्तेमाल होने वाले कई टाइमर और 5 लीटर केमिकल सॉल्यूशन आदि शामिल हैं। कुल 48 वस्तुओं का इस्तेमाल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने में होने का संदेह है।
2-संभावित पाकिस्तानी लिंक की हो रही जांच: इस मामले में संभावित पाकिस्तानी लिंक की जांच की जा रही है। जब्त की गई वस्तुओं को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। खुफिया एजेंसियां नेटवर्क के फडिंग सोर्सऔर सीमा पार पाकिस्तान में आकाओं से संभावित संबंधों की जांच कर रही हैं।
3-लेडी डॉक्टर मामले की भी जांच: इस मामले में एक महिला डॉक्टर का एंगल भी सामने आया है, जिसकी भूमिका की जांच की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. मुजम्मिल शकील के पास से जो AK-47 राइफल बरामद हुई थी, वह एक महिला डॉक्टर की स्विफ्ट डिजायर कार में मिली थी। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह कार महिला डॉक्टर की जानकारी के बिना इस्तेमाल की गई हो सकती है, लेकिन पुलिस अभी भी इस मामले की जांच कर रही है।
4-अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार: हथियारों की यह बरामदगी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक बड़े अभियान का हिस्सा थी। यह पूरा आतंकी मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गज़वत-उल-हिंद (AGuH) जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ पाया गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल शकील के अलावा जम्मू-कश्मीर के एक और डॉक्टर भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए अन्य संदिग्धों की पहचान आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (सभी श्रीनगर के नौगाम के रहने वाले), मौलवी इरफान अहमद (एक मस्जिद के इमाम, शोपियां के रहने वाले), जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलशा (गंदरबल के वकुरा इलाके के रहने वाले), डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसैब (पुलवामा के कोइल इलाके के रहने वाले) और डॉ. अदील (कुलगाम के वानपोरा इलाके के रहने वाले) के रूप में हुई है।
5-एकेडमिक चैनल्स से जुटाया गया फंड: पुलिस के अनुसार, आतंकी मॉड्यूल के लिए धन सामाजिक और धर्मार्थ कार्यों की आड़ में पेशेवर और एकेडमिक नेटवर्क के माध्यम से जुटाया गया था। आरोपी व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने, आतंकवादी समूहों में भर्ती करने, धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने, हथियार और गोला-बारूद और आईईडी तैयार करने के लिए सामग्री खरीदने में शामिल पाए गए।
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