बिजनौर: यूपी के बिजनौर में एक दिन पहले सोमवार को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाली 26 साल की ललिता सिंह गंगा में कूद गई थी। उसकी तलाश में गोताखोर लगातार जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक कोई पता नहीं चला है। एक हफ्ते पहले ही उसकी शहर के एक डॉक्टर के साथ सगाई हुई थी। दोनों में काफी दिनों से मेलजोल था। अचानक ऐसा क्या हुआ जो ललित ने आत्मघाती कदम उठा लिया, परिवारवाले यह सोचकर परेशान हैं।
ललिता ने चांदपुर के कन्या वैदिक इंटर कॉलेज से इंटर और दरबाड़ा कॉलेज से बीएससी की थी। वह पढ़ने में मेधावी थी। उसने कानपुर आईआईटी से एमसीए किया। इसके बाद दिल्ली में यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चली गई। वहां मलूका आईएएस कोचिंक सेंटर मुखर्जी नगर में दो साल तक तैयारी की। अब भी वह ऑनलाइन क्लास लेकर तैयारी में जुटी थी। यूपीएससी परीक्षा में असफलता को लेकर निराश चल रही थी।
पिता संग्रह अमीन, भाई वैज्ञानिक और इंजीनियरललिता के पिता वेदप्रकाश सिंह चांदपुर तहसील में संग्रह अमीन हैं। एक भाई लखनऊ में वैज्ञानिक है। दूसरा भाई नोएडा में इंजीनियर है। ललित अपने दो भाइयों के बीच इकलौती बहन थी।
बाल पकड़कर चचेरी बहन ने बचाने का किया प्रयाससोमवार को ललिता अपनी चचेरी बहन अक्षी के साथ मार्निंग वॉक के दौरान बैराज के पुल पर टहल रही थी। अचानक वह रेलिंग की तरफ झुकी और उसने गंगा में छलांग लगा दी। चचेरी बहन ने ललिता के बाल पकड़कर गिरने से रोकने का प्रयास किया। इस प्रयास में वह खुद गंगा में गिरते गिरते बची। अक्षी ने शोर मचाया मगर कोई वाहन रुका नहीं। इसके बाद दो पुलिसकमी दौड़कर पहुंचे लेकिन तब तक ललिता पुल से नीचे कूद चुकी थी। इस घटना के बाद अक्षी सदमे में है। वह कुछ बोल पाने की हालत में नहीं है।
बैराज के गेट बंद कराए गएललिता को ढूंढने के लिए बिजनौर बैराज के गेट नंबर 24 और 25 को बंद कराया गया है ताकि इन गेटों से गंगा के जलस्तर में कमी आ सके। गोताखोरों की मदद से पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है।
ललिता ने चांदपुर के कन्या वैदिक इंटर कॉलेज से इंटर और दरबाड़ा कॉलेज से बीएससी की थी। वह पढ़ने में मेधावी थी। उसने कानपुर आईआईटी से एमसीए किया। इसके बाद दिल्ली में यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चली गई। वहां मलूका आईएएस कोचिंक सेंटर मुखर्जी नगर में दो साल तक तैयारी की। अब भी वह ऑनलाइन क्लास लेकर तैयारी में जुटी थी। यूपीएससी परीक्षा में असफलता को लेकर निराश चल रही थी।
पिता संग्रह अमीन, भाई वैज्ञानिक और इंजीनियरललिता के पिता वेदप्रकाश सिंह चांदपुर तहसील में संग्रह अमीन हैं। एक भाई लखनऊ में वैज्ञानिक है। दूसरा भाई नोएडा में इंजीनियर है। ललित अपने दो भाइयों के बीच इकलौती बहन थी।
बाल पकड़कर चचेरी बहन ने बचाने का किया प्रयाससोमवार को ललिता अपनी चचेरी बहन अक्षी के साथ मार्निंग वॉक के दौरान बैराज के पुल पर टहल रही थी। अचानक वह रेलिंग की तरफ झुकी और उसने गंगा में छलांग लगा दी। चचेरी बहन ने ललिता के बाल पकड़कर गिरने से रोकने का प्रयास किया। इस प्रयास में वह खुद गंगा में गिरते गिरते बची। अक्षी ने शोर मचाया मगर कोई वाहन रुका नहीं। इसके बाद दो पुलिसकमी दौड़कर पहुंचे लेकिन तब तक ललिता पुल से नीचे कूद चुकी थी। इस घटना के बाद अक्षी सदमे में है। वह कुछ बोल पाने की हालत में नहीं है।
बैराज के गेट बंद कराए गएललिता को ढूंढने के लिए बिजनौर बैराज के गेट नंबर 24 और 25 को बंद कराया गया है ताकि इन गेटों से गंगा के जलस्तर में कमी आ सके। गोताखोरों की मदद से पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है।
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