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भारत को डेड इकॉनमी बताने वाले ट्रंप के अमेरिका का बज गया बाजा! हर हफ्ते $15 अरब का नुकसान

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नई दिल्ली: अमेरिका को फिर से महान बनाने का चुनावी वादा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के नाम एक अनचाहा रेकॉर्ड चस्पा हो गया है। उनके पहले कार्यकाल में सरकारी शटडाउन का जो रेकॉर्ड बना था, वह इस बार टूट गया है। 2018-2019 का शटडाउन 35 दिनों के साथ सबसे लंबा था, केवल एक आंशिक शटडाउन था। लेकिन इस बार इसे 38 दिन हो चुके हैं और इसके खत्म होने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है। इसका असर अब अमेरिका की इकॉनमी पर भी दिखने लगा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस शटडाउन से अमेरिका को हर हफ्ते 15 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है।

इससे अमेरिकी इकॉनमी के कई सेक्टर प्रभावित हुए हैं। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक स्टाफ की भारी कमी के कारण देश के 40 सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट्स की संख्या में कमी की गई है। शुक्रवार को 1200 से अधिक फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है। थैंक्सगिविंग हॉलिडे में अब कुछ ही हफ्ते रह गए हैं और अगर शटडाउन जल्दी खत्म नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में यह परेशानी और बढ़ सकती है। यह फ्लाइट कैंसिलेशन धीरे-धीरे होने वाली कटौती का पहला चरण है। यह 4% से शुरू हुई है और अगले हफ्ते 10% तक पहुंच सकती है।

व्यापक असर

जानकारों का कहना है कि अगर यह शटडाउन लंबा खिंचता है तो इसका इकॉनमी पर व्यापक असर हो सकता है। आम तौर पर सरकारी शटडाउन से होने वाला आर्थिक नुकसान बहुत थोड़े समय के लिए होता है। जैसे ही शटडाउन खत्म होता है, यह नुकसान अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन इस बार 1 अक्तूबर से शुरू हुए शटहाउन के कारण दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को पहले से ही काफी नुकसान हो रहा है।

लाखों अमेरिकी परिवारों का अपना पेट भरने के लिए जरूरी राशन के पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। करीब 14 लाख सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें तनख्वाह नहीं मिली है, जबकि उनमें से कई अभी भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा सरकारी डेटा जारी होना बंद हो गए हैं। इससे इनवेस्टर्स और नीति-निर्माता अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर अंधेरे में हैं। गोल्डमैन सैश के मुख्य राजनीतिक अर्थशास्त्री एलेक फिलिप्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट में लिखा कि यह शटडाउन रेकॉर्ड पर किसी भी शटडाउन से सबसे ज्यादा आर्थिक प्रभाव डालने वाला लगता है।

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जीडीपी पर प्रभाव
गोल्डमैन सैश के अनुसार यह शटडाउन चौथी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी की वृद्धि को 1.15 प्रतिशत तक धीमा कर सकता है। GDP इकॉनमी में होने वाले कुल उत्पादन का सबसे बड़ा पैमाना है, जिसमें महंगाई को शामिल नहीं किया जाता। कांग्रेस बजट कार्यालय (CBO) का अनुमान है कि शटडाउन से अमेरिका की GDP में एक से दो प्रतिशत की कमी आएगी। CBO ने पिछले हफ्ते एक पत्र में लिखा कि सरकारी शटडाउन जितना लंबा चलेगा, उसके प्रभाव उतने ही बढ़ेंगे। CBO का अनुमान है कि इस गिरावट का अधिकांश हिस्सा बाद में ठीक हो जाएगा, फिर भी शटडाउन के दौरान 7 अरब डॉलर से 14 अरब डॉलर का स्थायी नुकसान होने का अनुमान है।

गोल्डमैन सैश ने चौथी तिमाही में GDP वृद्धि का अनुमान घटाकर सिर्फ 1% कर दिया है। यह तीसरी तिमाही में अनुमानित 3% या 4% की वृद्धि की तुलना में एक बड़ी गिरावट है। जानकारों का कहना है कि वर्तमान शटडाउन से किसी भी पिछले शटडाउन की तुलना में विकास पर कहीं ज्यादा बड़ा असर पड़ने की आशंका है। इसकी वजह यह है कि यह अमेरिका के इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन है और पिछले शटडाउन की तुलना में इसका दायरा बहुत बड़ा है। एजेंसी के मुताबिक 2018-2019 का शटडाउन केवल एक आंशिक शटडाउन था। इसमें सरकारी खर्च का केवल 10% हिस्सा प्रभावित हुआ था। इसकी तुलना में वर्तमान शटडाउन ने 100% एप्रोप्रिएशन को पटरी से उतार दिया है।

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डेटा का ब्लैकआउट
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेपी मॉर्गन एसेट मैनेजमेंट के चीफ ग्लोबल स्ट्रैटजिस्ट डेविड केली ने कहा कि यह शटडाउन एक बुरे समय पर आया है। अर्थव्यवस्था वैसे भी धीमी होने वाली थी, और इसने इसे और भी बदतर बना दिया है। केली ने चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था को धीमा करने वाले कई कारणों का हवाला दिया। इनमें हाई टैरिफ और इमिग्रेशन में कमी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए डेमोक्रेट और रिपब्लिकन लोगों को दर्द देने को तैयार हैं। शटडाउन से होने वाले सटीक आर्थिक नुकसान को मापना मुश्किल है। इसका एक कारण यह भी है कि शटडाउन के कारण सरकारी डेटा का ब्लैकआउट हो गया है।

फेडरल रिजर्व के चेयर जेरोम पॉवेल ने खुद इस बात को स्वीकार किया है। पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर आप कोहरे में गाड़ी चला रहे हों तो आप क्या करते हैं? आप धीमे हो जाते हैं। हम वास्तव में देख नहीं सकते, इसलिए आइए धीमे हो जाएं। शटडाउन के कारण अक्टूबर महीने के लिए बेरोजगारी दर भी बढ़ने की आशंका है। व्हाइट हाउस ने शटडाउन के दौरान छंटनी किए गए कर्मचारियों को भुगतान करने की प्रतिबद्धता नहीं जताई है। इससे स्थायी आर्थिक नुकसान का जोखिम बढ़ गया है।

दीर्घकालिक परिणामसाफ है कि यह शटडाउन अमेरिका की इकॉनमी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। इससे लाखों लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं और भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता बढ़ रही है। सरकार के कामकाज में रुकावट का असर सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह आम नागरिकों और ग्लोबल इकॉनमी पर भी पड़ रहा है। डेटा की कमी के कारण नीति-निर्माताओं के लिए सही फैसले लेना मुश्किल हो रहा है और फेडरल रिजर्व जैसी संस्थाएं भी अनिश्चितता का सामना कर रही हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह स्थिति कब तक बनी रहती है और इसके दीर्घकालिक परिणाम क्या होते हैं?
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