नई दिल्ली: अगर आप मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में मकान खरीदने का सपना देख रहे हैं तो यह सपना ही रह सकता है। यहां प्रॉपर्टी इतनी महंगी है कि इसे खरीदना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है। वहीं अगर कोई मिडिल क्लास शख्स लोन के माध्यम से मकान खरीदने की इच्छा रखता है तो वह बर्बाद हो सकता है। हालांकि काफी लोग बर्बाद भी हो रहे हैं। इसे लेकर सीनियर एनालिस्ट और फाइनेंस एक्सपर्ट सुजय यू (Sujay U) ने चेतावनी दी है।
सुजय यू ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा है कि बड़े शहरों में घर खरीदना अब अमीरी का रास्ता नहीं, बल्कि आपको मुश्किलों में फंसा सकता है। उन्होंने बताया है कि आज के शहरी भारतीयों के लिए घर खरीदने के बजाय किराए पर रहना ज्यादा फायदेमंद है। सुजय यू ने अपनी पोस्ट में इस धारणा को तोड़ा है कि प्रॉपर्टी खरीदने का मतलब अमीर बनना है।
कमाई से काफी महंगी प्रॉपर्टीसुजय यू ने बताया कि मुंबई में आज एक 2 BHK फ्लैट की कीमत 2 से 2.2 करोड़ रुपये है। वहीं बेंगलुरु में यह 1.2 से 1.4 करोड़ रुपये के बीच है। दूसरी तरफ इन शहरों में एक परिवार की सालाना आमदनी सिर्फ 20 से 30 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि घर की कीमत परिवार की कमाई का 8 से 12 गुना है, जबकि दुनिया भर में यह 3 से 5 गुना होना ही सही माना जाता है।
जाल में फंसने जैसी है ईएमआईसुजय ने पोस्ट में होम लोन की ईएमआई को लेकर भी अपनी बात रखी है। उन्होंने होम लोन की ईएमआई को एक ट्रैप यानी जाल बताया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मुंबई में 2 करोड़ रुपये के फ्लैट के लिए हर महीने 1.4 लाख रुपये से ज्यादा की ईएमआई देनी पड़ती है। यह ईएमआई परिवार की कुल आमदनी का 50 से 70% तक खा जाती है। इसे लेकर सुजय यू ने चेतावनी दी है। उनके मुताबिक दुनिया भर के वित्तीय सलाहकार सलाह देते हैं कि घर का किराया या ईएमआई आपकी आमदनी के 30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी से मिलने वाला रिटर्न भी बहुत कम है। एक बड़ी रिसर्च के मुताबिक साल 2013 से 2023 के बीच मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में 1% की गिरावट आई है। पूरे देश में भी 2010 से प्रॉपर्टी की असली कीमतों में सालाना सिर्फ 3% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं किराए से मिलने वाला रिटर्न सिर्फ 2% के आसपास है, जो दुनिया में सबसे कम में से एक है।
लोग यहां लगा रहे पैसासुजय यू का कहना है कि आप प्रॉपर्टी में निवेश करके अमीर नहीं बन रहे हैं, बल्कि अपनी आजादी, कहीं भी आने-जाने की सुविधा और निवेश करने की क्षमता खो रहे हैं। उन्होंने बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके के युवा किराएदारों का उदाहरण दिया। ये लोग ईएमआई के पैसे बचाकर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करते हैं और दो दशक बाद उन लोगों से कहीं ज्यादा अमीर बन सकते हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े होम लोन ले रखे हैं।
सुजय यू ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा है कि बड़े शहरों में घर खरीदना अब अमीरी का रास्ता नहीं, बल्कि आपको मुश्किलों में फंसा सकता है। उन्होंने बताया है कि आज के शहरी भारतीयों के लिए घर खरीदने के बजाय किराए पर रहना ज्यादा फायदेमंद है। सुजय यू ने अपनी पोस्ट में इस धारणा को तोड़ा है कि प्रॉपर्टी खरीदने का मतलब अमीर बनना है।
कमाई से काफी महंगी प्रॉपर्टीसुजय यू ने बताया कि मुंबई में आज एक 2 BHK फ्लैट की कीमत 2 से 2.2 करोड़ रुपये है। वहीं बेंगलुरु में यह 1.2 से 1.4 करोड़ रुपये के बीच है। दूसरी तरफ इन शहरों में एक परिवार की सालाना आमदनी सिर्फ 20 से 30 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि घर की कीमत परिवार की कमाई का 8 से 12 गुना है, जबकि दुनिया भर में यह 3 से 5 गुना होना ही सही माना जाता है।
जाल में फंसने जैसी है ईएमआईसुजय ने पोस्ट में होम लोन की ईएमआई को लेकर भी अपनी बात रखी है। उन्होंने होम लोन की ईएमआई को एक ट्रैप यानी जाल बताया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मुंबई में 2 करोड़ रुपये के फ्लैट के लिए हर महीने 1.4 लाख रुपये से ज्यादा की ईएमआई देनी पड़ती है। यह ईएमआई परिवार की कुल आमदनी का 50 से 70% तक खा जाती है। इसे लेकर सुजय यू ने चेतावनी दी है। उनके मुताबिक दुनिया भर के वित्तीय सलाहकार सलाह देते हैं कि घर का किराया या ईएमआई आपकी आमदनी के 30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी से मिलने वाला रिटर्न भी बहुत कम है। एक बड़ी रिसर्च के मुताबिक साल 2013 से 2023 के बीच मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में 1% की गिरावट आई है। पूरे देश में भी 2010 से प्रॉपर्टी की असली कीमतों में सालाना सिर्फ 3% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं किराए से मिलने वाला रिटर्न सिर्फ 2% के आसपास है, जो दुनिया में सबसे कम में से एक है।
लोग यहां लगा रहे पैसासुजय यू का कहना है कि आप प्रॉपर्टी में निवेश करके अमीर नहीं बन रहे हैं, बल्कि अपनी आजादी, कहीं भी आने-जाने की सुविधा और निवेश करने की क्षमता खो रहे हैं। उन्होंने बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके के युवा किराएदारों का उदाहरण दिया। ये लोग ईएमआई के पैसे बचाकर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करते हैं और दो दशक बाद उन लोगों से कहीं ज्यादा अमीर बन सकते हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े होम लोन ले रखे हैं।
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