भोपाल: गुरुवार को अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए गठित केंद्रीय संसदीय समिति की भोपाल में बैठक हुई है। समिति के सदस्यों ने शासन के वरीय अधिकारियों से कई सवाल किए हैं। इस दौरान डीजीपी से पूछ कि मध्य प्रदेश में कितने एससी-एसटी के अधिकारी हैं। इस पर डीजीपी को कोई जवाब नहीं सूझा है। वह आंकड़ें नहीं बता पाए हैं।
आरक्षित वर्ग से कितने कलेक्टर-एसपी हैं?वहीं, मीटिंग के दौरान संसदीय समिति के सदस्यों ने सरकार के सीनियर अधिकारियों से पूछा कि मध्य प्रदेश कितने कलेक्टर और एसपी आरक्षित वर्ग से हैं। साथ ही इनमें महिलाएं कितनी हैं। इस पर एसीएस अशोक वर्णवाल ने जवाब देते हुए कहा कि अभी 11 कलेक्टर एससी और 6 एसटी वर्ग से हैं। साथ ही दो-तीन कमिश्नर भी होंगे।
भड़क गए सांसद चंद्रशेखर रावणमीडिया रिपोर्ट्स के दौरान समिति के सदस्य और सांसद चंद्रशेखर रावण ने पूछा कि इसमें सीधी नियुक्ति से और प्रमोटी कितने हैं। इस पर एसीएस अशोक वर्णवाल ने कहा कि पोस्टिंग के समय ये नहीं देखा जाता और न ही भेदभाव की जाती है। बताया जा रहा है कि इस जवाब पर सांसद चंद्रशेखर रावण गुस्सा गए। उन्होंने कहा कि आप डिप्लोमेटिक बातें कर रहे हैं।
दरअसल, मध्य प्रदेश में यह टीम सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में आई थी। टीम ने पेशाब कांड और थूक चटवाने को लेकर भी सवाल किया है। साथ ही कहा कि इन मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं होती। इसके साथ ही कमिटी ने आउटसोर्स के जरिए होने वाली नियुक्तियों पर सवाल किया है। पूछा कि इसमें एससी-एसटी को आरक्षण क्यों नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि इसका प्रावधान नहीं। साथ ही डीजीपी एमपी में एससी-एसटी एसपी को लेकर कोई जवाब नहीं दे पाए।
गौरतलब है कि संसदीय समिति की टीम में अलग-अलग प्रदेशों से आने वाले कई सांसद थे। इनलोगों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी मुलाकात की थी। इसके बाद दो घंटे तक अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस दौरान एससी-एसटी से जुड़े कई मुद्दों पर समिति ने सवाल किया है।
आरक्षित वर्ग से कितने कलेक्टर-एसपी हैं?वहीं, मीटिंग के दौरान संसदीय समिति के सदस्यों ने सरकार के सीनियर अधिकारियों से पूछा कि मध्य प्रदेश कितने कलेक्टर और एसपी आरक्षित वर्ग से हैं। साथ ही इनमें महिलाएं कितनी हैं। इस पर एसीएस अशोक वर्णवाल ने जवाब देते हुए कहा कि अभी 11 कलेक्टर एससी और 6 एसटी वर्ग से हैं। साथ ही दो-तीन कमिश्नर भी होंगे।
भड़क गए सांसद चंद्रशेखर रावणमीडिया रिपोर्ट्स के दौरान समिति के सदस्य और सांसद चंद्रशेखर रावण ने पूछा कि इसमें सीधी नियुक्ति से और प्रमोटी कितने हैं। इस पर एसीएस अशोक वर्णवाल ने कहा कि पोस्टिंग के समय ये नहीं देखा जाता और न ही भेदभाव की जाती है। बताया जा रहा है कि इस जवाब पर सांसद चंद्रशेखर रावण गुस्सा गए। उन्होंने कहा कि आप डिप्लोमेटिक बातें कर रहे हैं।
दरअसल, मध्य प्रदेश में यह टीम सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में आई थी। टीम ने पेशाब कांड और थूक चटवाने को लेकर भी सवाल किया है। साथ ही कहा कि इन मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं होती। इसके साथ ही कमिटी ने आउटसोर्स के जरिए होने वाली नियुक्तियों पर सवाल किया है। पूछा कि इसमें एससी-एसटी को आरक्षण क्यों नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि इसका प्रावधान नहीं। साथ ही डीजीपी एमपी में एससी-एसटी एसपी को लेकर कोई जवाब नहीं दे पाए।
गौरतलब है कि संसदीय समिति की टीम में अलग-अलग प्रदेशों से आने वाले कई सांसद थे। इनलोगों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी मुलाकात की थी। इसके बाद दो घंटे तक अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस दौरान एससी-एसटी से जुड़े कई मुद्दों पर समिति ने सवाल किया है।
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