नई दिल्ली: दुनिया की सबसे तेज हाई-स्पीड ट्रेन ने 896 किमी/घंटा की रफ्तार छूकर ट्रायल रन के दौरान सुर्खियां बटोरी हैं। चीन ने यह ट्रेन बनाई है। इसका कोडनेम 'CR450' है। यह ट्रेन कमर्शियल स्पीड से 400 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने के लिए डिजाइन की गई है। मौजूदा CR400 फक्सिंग ट्रेनों से यह 50 किमी/घंटा तेज है। इसने जापान की प्रायोगिक मैगलेव ट्रेन L0 सीरीज के पिछले 603 किमी/घंटा के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। यह शंघाई और चेंगदू रूट को जोड़ेगी। इस इंजीनियरिंग चमत्कार को दुनिया की सबसे तेज इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) कहा जा रहा है। यह अभी ऑपरेशनल वैल्यूएशन से गुजर रही है। कमर्शियल पैसेंजर सर्विस के लिए मंजूरी पाने से पहले इसे कम से कम 6,00,000 किलोमीटर का ट्रायल रन सफलता से पूरा करना होगा। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है।
चाइना एकेडमी ऑफ रेलवे साइंसेज ने इस ट्रेन को विकसित किया है। 'CR450' ट्रायल टेस्ट के अंतिम चरण में है। इसका टारगेट व्यावसायिक संचालन के लिए 400 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल करना है। यह पुराने मॉडलों को पीछे छोड़ने का प्रयास है। वे 350 किमी/घंटा की स्पीड से चलती हैं। इस ट्रेन में जबरदस्त एक्सीलरेशन क्षमताएं हैं। CR450 ने महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। यह केवल 4 मिनट और 40 सेकंड में 350 किमी/घंटा की रफ्तार तक पहुंच सकती है। वहीं, फक्सिंग ईएमयू को इसी स्पीड तक पहुंचने में 6 मिनट और 20 सेकंड लगते हैं। इससे CR450 100 सेकंड तेज हो जाती है। भले ही पुराना मॉडल पहले से ही दुनिया के सबसे तेज ट्रेनों में से एक है। लेकिन, यह नया वर्जन इतिहास रच रहा है।
ट्रेन में हुए हैं बड़े बदलाव
इंजीनियरों ने 5 साल की अवधि में ट्रेन के एयरोडायनेमिक्स में बड़े बदलाव और सुधार किए हैं। उसने बाज की चोंच और तीरों के आकार से प्रेरणा ली है। CR450 का डिजाइन बहुत ही खास है। अपने पूर्ववर्ती CR400 फक्सिंग ट्रेनों के उलट CR450 को 400 किमी/घंटा की व्यावसायिक गति से चलने के लिए डिजाइन किया गया है, जो 50 किमी/घंटा तेज है। CR400 फक्सिंग ट्रेनें वर्तमान में सेवा में हैं। एयरोडायनेमिक ड्रैग (हवा का खिंचाव) को लगभग 22% तक कम करने के लिए नए मॉडल में छत की ऊंचाई 20 सेंटीमीटर कम की गई है। वजन को 50 टन घटाया गया है। भले ही नए मॉडल में तेज रफ्तार है। लेकिन, ऊर्जा की खपत CR400 जितनी है।
जोखिमों से खाली नहीं है ट्रेन
CR450 मॉडल से जुड़े कुछ जोखिम भी हैं। चाइना रेलवे एकेडमी के चीफ इंजीनियर झाओ होंगवेई ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली को बताया, 'अगर मोटर वाइंडिंग के बीच शॉर्ट सर्किट होता है तो चुंबकीय क्षेत्र के कारण मोटर रुकती नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'यह परिचालन सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।' CR450 मॉडल पर काम कर रहे डेवलपर्स ने इस जोखिम को दूर करने के लिए थ्री-फेज एक्टिव शॉर्ट-सर्किट प्रोटेक्शन मैकेनिज्म विकसित किया है। यह सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह शॉर्ट सर्किट की स्थिति में मशीनरी को होने वाले यांत्रिक नुकसान को रोक सके। यह 0.2 सेकंड के भीतर खराबी का पता लगा सकता है। करंट को एक बंद लूप के जरिये पुनर्निर्देशित करता है।
नई ट्रेन चीन की रेलवे तकनीक में बड़ी छलांग है। यह न केवल स्पीड के मामले में बल्कि डिजाइन और सुरक्षा के मामले में भी इनोवेशन को दिखाती है। इसका ट्रायल रन सफल रहा है। यह जल्द ही यात्रियों को तेज और कुशल यात्रा का अनुभव कराने के लिए तैयार हो सकती है। ट्रेन चीन की महत्वाकांक्षी रेलवे विकास योजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह चीन को हाई-स्पीड रेल प्रौद्योगिकी में अग्रणी के रूप में स्थापित करती है।
चाइना एकेडमी ऑफ रेलवे साइंसेज ने इस ट्रेन को विकसित किया है। 'CR450' ट्रायल टेस्ट के अंतिम चरण में है। इसका टारगेट व्यावसायिक संचालन के लिए 400 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल करना है। यह पुराने मॉडलों को पीछे छोड़ने का प्रयास है। वे 350 किमी/घंटा की स्पीड से चलती हैं। इस ट्रेन में जबरदस्त एक्सीलरेशन क्षमताएं हैं। CR450 ने महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। यह केवल 4 मिनट और 40 सेकंड में 350 किमी/घंटा की रफ्तार तक पहुंच सकती है। वहीं, फक्सिंग ईएमयू को इसी स्पीड तक पहुंचने में 6 मिनट और 20 सेकंड लगते हैं। इससे CR450 100 सेकंड तेज हो जाती है। भले ही पुराना मॉडल पहले से ही दुनिया के सबसे तेज ट्रेनों में से एक है। लेकिन, यह नया वर्जन इतिहास रच रहा है।
ट्रेन में हुए हैं बड़े बदलाव
इंजीनियरों ने 5 साल की अवधि में ट्रेन के एयरोडायनेमिक्स में बड़े बदलाव और सुधार किए हैं। उसने बाज की चोंच और तीरों के आकार से प्रेरणा ली है। CR450 का डिजाइन बहुत ही खास है। अपने पूर्ववर्ती CR400 फक्सिंग ट्रेनों के उलट CR450 को 400 किमी/घंटा की व्यावसायिक गति से चलने के लिए डिजाइन किया गया है, जो 50 किमी/घंटा तेज है। CR400 फक्सिंग ट्रेनें वर्तमान में सेवा में हैं। एयरोडायनेमिक ड्रैग (हवा का खिंचाव) को लगभग 22% तक कम करने के लिए नए मॉडल में छत की ऊंचाई 20 सेंटीमीटर कम की गई है। वजन को 50 टन घटाया गया है। भले ही नए मॉडल में तेज रफ्तार है। लेकिन, ऊर्जा की खपत CR400 जितनी है।
जोखिमों से खाली नहीं है ट्रेन
CR450 मॉडल से जुड़े कुछ जोखिम भी हैं। चाइना रेलवे एकेडमी के चीफ इंजीनियर झाओ होंगवेई ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली को बताया, 'अगर मोटर वाइंडिंग के बीच शॉर्ट सर्किट होता है तो चुंबकीय क्षेत्र के कारण मोटर रुकती नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'यह परिचालन सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।' CR450 मॉडल पर काम कर रहे डेवलपर्स ने इस जोखिम को दूर करने के लिए थ्री-फेज एक्टिव शॉर्ट-सर्किट प्रोटेक्शन मैकेनिज्म विकसित किया है। यह सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह शॉर्ट सर्किट की स्थिति में मशीनरी को होने वाले यांत्रिक नुकसान को रोक सके। यह 0.2 सेकंड के भीतर खराबी का पता लगा सकता है। करंट को एक बंद लूप के जरिये पुनर्निर्देशित करता है।
नई ट्रेन चीन की रेलवे तकनीक में बड़ी छलांग है। यह न केवल स्पीड के मामले में बल्कि डिजाइन और सुरक्षा के मामले में भी इनोवेशन को दिखाती है। इसका ट्रायल रन सफल रहा है। यह जल्द ही यात्रियों को तेज और कुशल यात्रा का अनुभव कराने के लिए तैयार हो सकती है। ट्रेन चीन की महत्वाकांक्षी रेलवे विकास योजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह चीन को हाई-स्पीड रेल प्रौद्योगिकी में अग्रणी के रूप में स्थापित करती है।
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