गाजा पट्टी: गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम के बाद भी कई मुद्दों पर टकराव की स्थिति बनी हुई है। इजरायली सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि उनको लगता है कि हमास निरस्त्रीकरण नहीं करेगा, यानी हथियार नहीं छोड़ेगा। हालांकि युद्ध-पश्चात के गाजा में मध्यस्थता समझौते के तहत हमास ने ऐसी प्रतिबद्धता जताई थी। दूसरी ओर गाजा में अंतरराष्ट्रीय सेना की तैनाती पर भी काम चल रहा है। इस सेना में सबसे बड़ा योगदान पाकिस्तान की ओर से हो सकता है।
इजरायली वेबसाइट वायनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया युद्धविराम समझौते के तहत जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) के गाजा पट्टी में प्रवेश करने की उम्मीद है। ISF में तीन मुस्लिम बाहुल्य देश- इंडोनेशिया, पाकिस्तान और अजरबैजान के सैनिकों के शामिल होने की उम्मीद है। ISF गाजा में आंतरिक सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही सीमाओं की सुरक्षा और क्षेत्र में हथियारों की तस्करी को रोकना होगा।
ISF में तीन मुस्लिम देशISF में शामिल इंडोनेशिया का उल्लेख अमेरिकी मध्यस्थता वाले अब्राहम समझौते में संभावित साझेदार के रूप में किया जा चुका है। परमाणु शक्ति संपन्न मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान ने हाल ही में सऊदी अरब के साथ एक खुला रक्षा गठबंधन किया है। पाकिस्तान सऊदी और अमेरिका का करीबी सहयोगी है। वहीं अजरबैजान के इजरायल के साथ मधुर संबंध हैं। दोनों देश रक्षा और तकनीक में घनिष्ठ सहयोगी हैं।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर हमें सुरक्षा खतरा होगा तो हम इसका कड़ा जवाब देंगे। हम अपनी सुरक्षा खुद नियंत्रित करते हैं और इस पर समझौता नहीं होगा। हमने ISF पर भी स्पष्ट किया है कि इजरायल यह तय करेगा कि कौन से सैनिक हमें स्वीकार हैं। हम पूर्व में इसी तरह काम करते हैं और आगे भी इसी तरह काम करते रहेंगे।
समझौते के अगले चरण पर सवालबेंजामिन नेतन्याहू ने समझौते के दूसरे चरण की समय-सारिणी के बारे में बीते हफ्ते कहा था कि हमास के समझौते का उल्लंघन करने और जानबूझकर इजरायली बंधकों के शवों की वापसी में देरी से समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके बाद रविवार की कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने इजरायल के सैन्य निर्णयों पर अमेरिकी नियंत्रण की बात को भी खारिज कर दिया।
इजरायली वेबसाइट वायनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया युद्धविराम समझौते के तहत जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) के गाजा पट्टी में प्रवेश करने की उम्मीद है। ISF में तीन मुस्लिम बाहुल्य देश- इंडोनेशिया, पाकिस्तान और अजरबैजान के सैनिकों के शामिल होने की उम्मीद है। ISF गाजा में आंतरिक सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही सीमाओं की सुरक्षा और क्षेत्र में हथियारों की तस्करी को रोकना होगा।
ISF में तीन मुस्लिम देशISF में शामिल इंडोनेशिया का उल्लेख अमेरिकी मध्यस्थता वाले अब्राहम समझौते में संभावित साझेदार के रूप में किया जा चुका है। परमाणु शक्ति संपन्न मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान ने हाल ही में सऊदी अरब के साथ एक खुला रक्षा गठबंधन किया है। पाकिस्तान सऊदी और अमेरिका का करीबी सहयोगी है। वहीं अजरबैजान के इजरायल के साथ मधुर संबंध हैं। दोनों देश रक्षा और तकनीक में घनिष्ठ सहयोगी हैं।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर हमें सुरक्षा खतरा होगा तो हम इसका कड़ा जवाब देंगे। हम अपनी सुरक्षा खुद नियंत्रित करते हैं और इस पर समझौता नहीं होगा। हमने ISF पर भी स्पष्ट किया है कि इजरायल यह तय करेगा कि कौन से सैनिक हमें स्वीकार हैं। हम पूर्व में इसी तरह काम करते हैं और आगे भी इसी तरह काम करते रहेंगे।
समझौते के अगले चरण पर सवालबेंजामिन नेतन्याहू ने समझौते के दूसरे चरण की समय-सारिणी के बारे में बीते हफ्ते कहा था कि हमास के समझौते का उल्लंघन करने और जानबूझकर इजरायली बंधकों के शवों की वापसी में देरी से समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके बाद रविवार की कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने इजरायल के सैन्य निर्णयों पर अमेरिकी नियंत्रण की बात को भी खारिज कर दिया।
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