इंटरनेट डेस्क। कार्तिक महीना चल रहा हैं और इस महीने में दिवाली के बाद कई त्योहार व्रत आदी आते है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक मास का पहला प्रदोष व्रत 3 नवंबर 2025 सोमवार को पड़ रहा है। यह दिन इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन न केवल सोम प्रदोष का संयोग बनेगा बल्कि रवि योग भी रहेगा। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में प्रदोष व्रत और सोमवार का मेल एक दुर्लभ और अत्यंत शुभ योग माना जा रहा है।
सोम प्रदोष का विशेष फल
जब प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस व्रत को करने से चंद्रमा से संबंधित दोषों का निवारण होता है और मनोवांछित फल प्राप्त होता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो या जीवन में मानसिक तनाव बना रहता हो, उन्हें सोम प्रदोष का व्रत अवश्य करना चाहिए।
व्रत और पूजा की विधि
प्रदोष व्रत के दिन प्रातःकाल स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल को स्वच्छ कर भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, जल और दूध अर्पित करें। पूरे परिवार सहित शिव परिवार की आराधना करें और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। अंत में शिव चालीसा और आरती का पाठ कर भगवान शिव से सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना करें।
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