आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को गोरखपुर में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि "बचत उत्सव" के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। नोटबंदी से न तो कालाधन खत्म हुआ और न ही नकली नोटों पर लगाम लगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक दावों को खोखला बताते हुए कहा कि आम आदमी को राहत देने की बजाय महंगाई बढ़ी है। संजय सिंह ने कहा कि जीएसटी को आर्थिक क्रांति बताया गया, लेकिन हकीकत में यह जनता पर आर्थिक बोझ साबित हुआ है। शुरुआती 5 प्रतिशत टैक्स को बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया, फिर भी "एक राष्ट्र, एक कर" का सपना अधूरा रह गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आठ साल में जनता को महंगाई की आग में झोंक दिया और जीएसटी के नाम पर 127 लाख करोड़ रुपये वसूले। अब "बचत उत्सव" की आड़ में जनता को गुमराह किया जा रहा है।
सांसद ने कहा कि सरकार ने कोयले पर टैक्स बढ़ाकर बिजली और भवन निर्माण को महंगा कर दिया है, जबकि कागज पर लगने वाला टैक्स 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। यह बचत उत्सव नहीं, बल्कि "धोखा उत्सव" है। उन्होंने दावा किया कि बजट के बाद कोई भी वस्तु सस्ती नहीं हुई है। हाल ही में बरेली में हुई घटना पर संजय सिंह ने कहा कि यह सरकार की एक गहरी साजिश है, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की 16 सदस्यीय टीम 7 अक्टूबर को पीड़ित परिवारों से मिलने और वास्तविक स्थिति का आकलन करने बरेली जाएगी। उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाना ताकत का नहीं, बल्कि अन्याय का प्रतीक है।
पंचायत चुनाव पर फोकस
राज्य के राजनीतिक हालात पर बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी फिलहाल पंचायत चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पिछली बार 83 सीटें जीतने के बाद पार्टी ने अपने संगठन को और मजबूत किया है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अलग से रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा, "जो लोग मुझे जानते हैं, वे जानते हैं कि मैं भारतीय जनता पार्टी में कभी शामिल नहीं हो सकता। भाजपा सरकार ने मुझे 183 दिनों तक जेल में रखा, लेकिन इससे मेरा हौसला कम नहीं हुआ। मैं हमेशा जनता के मुद्दों पर आवाज़ उठाता रहूँगा।"
संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार हज़ारों एकड़ ज़मीन उद्योगपतियों को एक रुपये में दे रही है, जबकि किसानों, मज़दूरों और बेरोज़गारों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने माँग की कि सभी राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए और आम जनता को राहत देने वाली नीतियाँ अपनाई जाएँ।
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