समर्थन मूल्य में धान विक्रय पर संकट के बादल
धमतरी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . समर्थन मूल्य पर धान विक्रय का मौसम करीब है, लेकिन जिले के सैकड़ों किसान अब भी “एग्री-टेक” पंजीयन से वंचित हैं. शासन द्वारा इस वर्ष से एग्री-स्टैक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य कर दिए जाने के बाद किसानों के सामने नई परेशानी खड़ी हो गई है.
जिले के कई किसान बीते महीनों से चॉइस सेंटर, कृषि विभाग और तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन राजस्व या तकनीकी त्रुटियों के कारण उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है. किसान पटवारी, आरआई और भू-अभिलेख विभाग के बीच दौड़ते-दौड़ते थक चुके हैं, पर समाधान अभी तक नहीं मिला. Chhattisgarh किसान यूनियन के धमतरी जिला अध्यक्ष एवं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य घनाराम साहू ने कहा कि यदि समय पर एग्री-टेक पंजीयन नहीं हुआ तो किसानों को प्रति एकड़ लगभग 20 हजार रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने शासन से मांग की है कि किसानों की समस्या का तत्काल समाधान कर सभी पात्र किसानों को समर्थन मूल्य में धान विक्रय की सुविधा सुनिश्चित की जाए. धान उपार्जन की प्रक्रिया 15 नवंबर 2025 से शुरू होकर 31 जनवरी 2026 तक चलेगी. इस वर्ष समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है तथा प्रति एकड़ खरीदी की सीमा 21 क्विंटल तय की गई है. जिले के किसान अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शासन शीघ्र ही पंजीयन प्रक्रिया की अड़चनों को दूर कर राहत प्रदान करेगा, ताकि उनका परिश्रम व्यर्थ न जाए और वे भी समर्थन मूल्य का पूरा लाभ उठा सकें.
अब तक 1.39 लाख किसानों का हुआ “एग्रीस्टैक” पंजीयन
प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए अब तक 1.39 लाख किसानों का पंजीयन “एग्रीस्टैक” प्रोजेक्ट के तहत पूरा हो चुका है. प्रशासन ने शेष किसानों से 31 अक्टूबर 2025 तक पंजीयन कराने की अपील की है, ताकि वे भी धान विक्रय की प्रक्रिया में शामिल हो सकें.
क्या है एग्री स्टेक पंजीयन
एग्री स्टेक पंजीयन किसानों के लिए एक डिजिटल कृषि पहचान प्रणाली है, जिसे भारत सरकार ने कृषि योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाने के लिए शुरू किया है. यह एक राष्ट्रीय डिजिटल डेटाबेस है, जिसमें किसानों की सभी कृषि-संबंधी जानकारियां जैसे नाम, आधार संख्या, खेत का स्थान, रकबा, फसल की किस्म, बीज, सिंचाई की स्थिति, बैंक खाता और सरकारी योजनाओं का रिकार्ड शामिल है. एग्री स्टेक पंजीयन से किसानों को कई लाभ मिलते हैं: एक बार पंजीकरण करने पर विभिन्न योजनाओं का लाभ, बार-बार दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं, धान खरीद और समर्थन मूल्य योजना में सुविधा, फसल बीमा और ऋण स्वीकृति में पारदर्शिता, और सरकारी योजनाओं की निगरानी के साथ सीधे खाते में भुगतान.
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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