हजारीबाग, 05 नवंबर( हि.स.). राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि परोपकार से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं है. समाजसेवा जीवन का सर्वोच्च धर्म है और समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग की सहायता करना सच्चे मानवीय मूल्यों का परिचायक है.
राज्यपाल बुधवार को हजारीबाग स्थित पैराडाइज रिसॉर्ट में पंचतत्व सेवा संगठन के वार्षिकोत्सव समारोह में बोल रहे थे.
राज्यपाल ने कहा कि हर्ष का विषय है कि संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है. उन्होंने संस्था की ओर से आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर और आर्थिक रूप से कमजोर एवं मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रयास समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
राज्यपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपरा सेवा, समर्पण एवं करुणा पर आधारित है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन और अमूल्य विरासत है, जो केवल उपचार की पद्धति नहीं, बल्कि संतुलित एवं स्वस्थ जीवन का समग्र दर्शन है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. केंद्र सरकार स्वतंत्र आयुष मंत्रालय की स्थापना कर अनुसंधान को बढ़ावा दे रही है. इससे वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद की स्वीकार्यता बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमारे देश की यह विशेषता रही है कि यहां आधुनिकता और परंपरा एक-दूसरे साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं.
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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