आगरमालवा , 5 नवंबर (Udaipur Kiran) . कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को जिलेभर में धार्मिक आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला. जिला मुख्यालय स्थित प्राचीन, प्रसिद्ध और ऐतिहासिक बैजनाथ महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के दर्शन कर भजन, पूजन और आराधना की. मंदिर परिसर में “हर हर महादेव” के जयघोष गूंजते रहे. दिनभर भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बना रहा.
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मोतीसागर तालाब, बाणगंगा, कालीसिंध और लखुन्दर नदी सहित जिले के अन्य जलाशयों और तालाबों के तटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. विशेष रूप से महिलाओं ने संध्याकाल में दीपदान कर अपने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. दीपों की रौशनी से नदियों और तालाबों का सौंदर्य देखते ही बनता था. पूरा क्षेत्र दीपों की झिलमिलाहट से आलोकित हो उठा और वातावरण में आध्यात्मिकता का संचार हुआ.
इसी दिन गुरूनानक जयंती, अर्थात प्रकाश पर्व, का भी उल्लासपूर्ण आयोजन हुआ. छावनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में सिख समाजजनों ने सुबह से ही विशेष पाठ और भजन-कीर्तन का आयोजन किया. संगत ने सामूहिक रूप से गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास की और गुरु नानक देव जी के उपदेशों को स्मरण किया. गुरुद्वारा परिसर को फूलों, झालरों और रंग-बिरंगी रोशनी से सुंदर रूप से सजाया गया, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा था.
उल्लेखनीय है कि प्रकाश पर्व के अवसर पर अटूट लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने भक्ति और सेवा भाव से भाग लिया. सुबह से देर शाम तक गुरुद्वारे में भजन-कीर्तन, शबद गायन और गुरु वाणी के स्वर गूंजते रहे. आगरमालवा जिले में कार्तिक पूर्णिमा और गुरूनानक जयंती का यह संगम धार्मिक एकता और सौहार्द का प्रतीक रहा. जहां शिवभक्तों ने भगवान महादेव की आराधना में दिन बिताया, वहीं सिख समाज ने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के माध्यम से प्रेम, समानता और मानवता का संदेश दिया. पूरे जिले में श्रद्धा, भक्ति और आनंद का वातावरण व्याप्त रहा, जिससे यह दिन आगरमालवा के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में अविस्मरणीय बन गया.
(Udaipur Kiran) / रितेश शर्मा





