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पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ दायर याचिका खारिज, याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये हर्जाना

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जयपुर, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News). Rajasthan हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के खिलाफ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिवादी बनाए गए मोदी, शाह और रविशंकर प्रसाद चाहें तो याचिकाकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. यह आदेश जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने अधिवक्ता पूरणचन्द्र सेन की आपराधिक याचिका को खारिज करते हुए दिया.

अदालत ने टिप्पणी की कि न्याय पाने के अधिकार को गलत याचिका दायर करने के लाइसेंस के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. एक अधिवक्ता से अपेक्षा की जाती है कि वह मुकदमा दायर करने से पहले तथ्यों को सत्यापित करे और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए गैर-गंभीर तरीके से कार्य न करे. अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल याचिकाकर्ता की शिकायत से यह नहीं माना जा सकता कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद देश में अव्यवस्था या सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ. कोर्ट ने कहा कि लगाए गए आरोप न केवल पक्षकारों की छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास भी प्रतीत होते हैं.

याचिका में दावा किया गया था कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है और इसे मुस्लिम व धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लोगों पर अत्याचार करने के उद्देश्य से लाया गया. लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एएसजी आरडी रस्तोगी ने तर्क दिया कि नागरिकता संशोधन कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. कानून संसद द्वारा बनाया जाता है, न कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या कानून मंत्री द्वारा. इसलिए उन पर आरोप लगाना पूरी तरह गलत है.

महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने भी कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाया गया मुद्दा संबंधित निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, इसलिए निचली अदालत का परिवाद खारिज करना सही था. अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता ने कानून का दुरुपयोग किया है और इसलिए उसकी याचिका भारी हर्जाने के साथ खारिज की जाती है.

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