झज्जर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । साइबर क्राइम थाना झज्जर की पुलिस टीम ने 75 लाख रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
अदालत ने शनिवार को आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ठगी की यह वारदात सोनीपत निवासी एक व्यक्ति के साथ हुई थी। पकड़े गए आरोपी ने फ्रॉड करके ठगा गया धन अपने बैंक खाते में डलवा लिया था। बाद में यह धन साइबर ठगों को दिया गया।
साइबर क्राइम थाना झज्जर के प्रभारी निरीक्षक सोमबीर ने बताया कि सोनीपत निवासी एक व्यक्ति जिला झज्जर के एक बड़े कारखाने में नौकरी करता है। धनराशि निवेश करने के नाम पर उसके साथ 75 लाख से ज्यादा रुपये की साइबर ठगी हुई है।
इस व्यक्ति ने बताया कि उसका खाता एक बैंक में है। बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि मौजूद होने की जानकारी मिलने पर कुछ लोग उसको ईमेल भेजकर निवेश के लिए कहते रहते हैं। एक दिन उसको टेलीग्राम के माध्यम से एक लिंक मिला। उसने लिंक को क्लिक किया तो एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया गया।
ग्रुप में जुड़ने के बाद एप्लीकेशन को उसके फोन में डाउनलोड करवाया गया। जिसकी जानकारी ईमेल या एसएमएस के माध्यम से नहीं आती थी। इस एप पर सर्विस टैब पर क्लिक करने के बाद अपना नाम और फोन नंबर डालने पर जिन खातों में पैसे डालना होते थे उनकी डिटेल आ जाती थी।
साइबर ठगों के कहे अनुसार उसने (ठगी के शिकार ने) ठगों के अलग-अलग खातों में 75 लाख से ज्यादा रुपये जमा करवा दिए। जब उसने उनसे अपनी राशि मांगी तो उन्होंने और राशि जमा करवाने के लिए कहा। जिस पर शिकायतकर्ता को शक हुआ कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है।
इसी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। गहन कार्रवाई करते हुए साइबर क्राइम थाना झज्जर की पुलिस टीम ने मामले में मुंबई के निवासी विजय को गिरफ्तार किया है।
अदालत के आदेश अनुसार आरोपी को न्यायिक हिरासत में झज्जर जेल भेज दिया गया। सोनीपत निवासी व्यक्ति से ठगी गई 75 लाख रुपये से अधिक की राशि साइबर ठगों ने इसी व्यक्ति के बैंक खाते में जमा करवाई थी।
बाद में तमाम राशि साइबर ठाकुर ने ले ली। इस व्यक्ति ने साइबर ठगों को यह सुविधा दो लाख रुपये लेने के बदले दी थी। उपरोक्त मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बकाया है जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक सोमबीर सिंह का कहना है कि साइबर क्राइम करने वालों का मुख्य हथियार भोले भाले लोगों को डर दिखाकर, कम समय में ज्यादा पैसे कमाने का लालच देना होता है और वे भोले भाले लोगों के साथ साइबर ठगी करते हैं। इसलिए हमें अज्ञात मोबाइल नंबरों से सावधान रहना चाहिए। किसी को भी पैसे देने से पहले कुछ समय सोच विचार करना चाहिए और उस बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए।
हमारी जागरूकता हमें साइबर अपराध से बचा सकती है। अगर फिर भी किसी के साथ साइबर फ्रॉड हो जाता है तो उसकी सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाएं।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
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