शिमला, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . पूर्व Chief Minister एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने शिमला जिला के रोहड़ू क्षेत्र में घटित एक दर्दनाक घटना पर गहरा दुःख और चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि एक 12 वर्षीय दलित बालक केवल इसलिए आत्महत्या करने को मजबूर हुआ क्योंकि उसे ऊँची जाति के घर में जाने के कारण अपमानित किया गया.
शांता कुमार ने Saturday को एक बयान में कहा कि जानकारी के अनुसार बालक गलती से पड़ोस के एक ऊँची जाति के घर में चला गया था. घर की महिला ने उसे पकड़ लिया और कहा कि घर अपवित्र हो गया है, जिसके बाद उसे गोशाला में बंद कर दिया गया. अगले दिन जब वह किसी तरह घर लौटा, तो अपमान और मानसिक पीड़ा से टूटकर उसने जहर खा लिया. मरने से पहले उसने अपनी माँ से कहा था कि वह इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा.
शांता कुमार ने इस घटना को अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा कि जिन छुआछूत जैसी कुरितियों के कारण महान भारत को सदियों की गुलामी सहनी पड़ी, वे आज भी कहीं-कहीं जीवित हैं. यह न केवल समाज के लिए कलंक है, बल्कि भगवान का भी अपमान है, क्योंकि भगवान ने सभी को समान बनाया है.
उन्होंने कहा कि छुआछूत सबसे बड़ा अपराध और सबसे बड़ा पाप है. यह देखकर दुख होता है कि 21वीं सदी के भारत में अब भी ऐसी मानसिकता मौजूद है, जिसने एक मासूम की जान ले ली.
शांता कुमार ने यह भी कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी गंभीर घटना को मीडिया ने ने उचित स्थान नहीं दिया और समाज व सरकार ने उस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी.
उन्होंने सरकार और समाज दोनों से गंभीर आत्मचिंतन करने की अपील करते हुए कहा कि जहां कहीं भी यह पागलपन शेष है, उसे समाप्त करने की ठोस योजना बनानी चाहिए. ऐसी घटनाएं केवल मानवता के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए भी गहरा आघात हैं.
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
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