–अभियोजन पक्ष संदेह से परे नहीं साबित कर सका अपराध
Prayagraj, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजीपुर जिला जेल में जून 2010 में तीन विचाराधीन कैदियों की जहरीला पदार्थ खाने से हुई मौत के मामले में आरोपित राम सिंह उर्फ राम सिंघा उर्फ राम सिंघवा और सुरेंद्र यादव को संदेह का लाभ देते हुए उनकी उम्रकैद की सजा रद्द कर दी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह तथा न्यायमूर्ति तेज प्रताप तिवारी की खंडपीठ ने दिया है.
राम वचन यादव, वसीम अहमद व गुड्डू की कथित रूप से जहरीला पदार्थ के सेवन करने से मौत हो गई थी. जेल में बंद अपीलकर्ताओं को आरोपित बनाया गया. आराेप था कि इन लाेगाें ने उपराेक्त लाेगाें काे शीतल पेय और राेटी में जहर दिया. वर्ष 2016 में निचली अदालत ने दोनों आरोपितों को हत्या के अपराध में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
उच्च न्यायालय में बचाव पक्ष ने देरी से दर्ज एफआईआर, विरोधाभासी गवाहियों और संदिग्ध बरामदगी का हवाला देते हुए आरोपों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा. इस आधार पर अदालत ने अपील स्वीकार करते हुए दोषसिद्धि को रद्द कर दिया और दोनों अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए रिहा करने का आदेश दिया.
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
You may also like
 - RRB JE Vacancy 2025: रेलवे ने निकाली बड़ी भर्ती, जेई की 2500+ वैकेंसी के लिए आवेदन शुरू, इतनी मिलेगी सैलरी
 - भारत ने पानी रोका तो तबाही... सिंधु समझौते पर एक्शन से उड़ी पाकिस्तान की नींद, सिंचाई ही नहीं घरों तक मच सकता है कोहराम
 - राजस्थान में आतंकी नेटवर्क पर शिकंजा, ATS और IB की ताबड़तोड़ कार्रवाई, जोधपुर और सांचौर से 3 मौलवी हिरासत में
 - दिल्ली की महिलाओं को पिंक कार्ड के लिए अभी करना होगा इंतजार, इस कारण से अटक गया 'सहेली स्मार्ट कार्ड'
 - गहरे संकट में एयर इंडिया! टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस से मांगे ₹10,000 करोड़





