प्योंगयांग, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कहा कि उसने एक दिन पहले अपने दो हाइपरसोनिक प्रक्षेपास्त्र (बैलिस्टिक मिसाइलों)
का परीक्षण किया. यह प्रक्षेपण राजधानी प्योंगयांग से उत्तर-पूर्व की ओर किया गया. प्रक्षेपास्त्रों ने उत्तरी हैमग्योंग प्रांत के ओरंग में एक पर्वत शृंखला पर स्थित अपने लक्षित केंद्र को भेदा. प्रक्षेपास्त्रों की उड़ान दूरी लगभग 400 किलोमीटर रही. यह परीक्षण दक्षिण कोरिया में अगले सप्ताह होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन (एपेक शिखर सम्मेलन) से ठीक पहले किया गया.
द कोरिया हेराल्ड अखबार की रिपोर्ट में उत्तर कोरिया की सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से यह जानकारी दी गई है. केसीएनए ने साफ किया कि मिसाइल जनरल ब्यूरो ने परीक्षण की निगरानी की, लेकिन सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन इसमें शामिल नहीं हुए. केसीएनए ने इस प्रक्षेपास्त्र को नई रक्षा प्रणाली के हिस्से के रूप में संदर्भित किया, लेकिन इसके मॉडल और विशेषता का खुलासा नहीं किया. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल संभवतः ‘ह्वासोंग-11मा’ हो सकती है. इसका हाइपरसोनिक मॉडल इसी साल 10 अक्टूबर को सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सैन्य परेड में प्रदर्शित किया गया था. ‘ह्वासोंग-11 शृंखला’ रूस की इस्कंदर लघु-दूरी बैलिस्टिक मिसाइल के उत्तर कोरियाई संस्करण केएन-23 से मिलती-जुलती है. ‘ह्वासोंग-11मा’ को इस शृंखला का उन्नत संस्करण माना जाता है.
सियोल स्थित उत्तर कोरियाई अध्ययन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यांग मू-जिन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रक्षेपण का समय जानबूझकर चुना गया है. यह प्रक्षेपण उत्तरी ग्योंगसांग प्रांत के ग्योंगजू में 31 अक्टूबर को शुरू होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुआ है. यांग ने कहा, हालांकि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया या अमेरिका की सीधे आलोचना करने से परहेज किया, लेकिन ऐसा लगता है कि यह परीक्षण एपेक शिखर सम्मेलन से पहले ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है. इसकी मारक क्षमता ग्योंगजू तक है. इस परीक्षण का उद्देश्य संभवतः तनाव बढ़ाना और बैठक से पहले उत्तर कोरिया की उपस्थिति का अहसास भी कराना था.
एपेक शिखर सम्मेलन का मेजबान शहर ग्योंगजू सियोल से लगभग 350 किलोमीटर और प्योंगयांग से 460 किलोमीटर दूर है. सम्मेलन में अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप, चीन के President शी जिनपिंग और जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची सहित वैश्विक नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है. प्योंगयांग का 04 जून को दक्षिण कोरियाई President ली जे म्युंग के पदभार ग्रहण करने के बाद से यह पहला परीक्षण है.
————-
(Udaipur Kiran) / मुकुंद
You may also like

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में मिला WWII का मोर्टार सेल, बम को डिफ्यूज करने में एक्सपर्ट्स के छूटे पसीने, धमाके से कांप गई धरती

जया बच्चन ने धर्मेन्द्र के लिए किया था प्यार का इजहार, कहा था- पहली बार देखा तो घबरा गई, ग्रीक गॉड जैसे लगे

प्रेमानंद महाराज के लिए दरगाह में मुस्लिमों की दुआ, देखें दिल छूने वाला नजारा!

हर दिन घी खाएं या मक्खन? स्टडीज़ ने खोले बड़े राज़.` ये पढ़कर खुद तय कर पाएंगे सेहतमंद ऑप्शन

Chhath Puja 2025 Vrat Ke Niyam : छठ के व्रत में महिलाएं भूलकर भी न करें ये काम, जानें क्या करें और क्या न करें




