नई दिल्ली, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की ईस्टर्न रेंज-1 ने राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के जुड़े दो विदेशी समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह के सदस्य फर्जी लॉटरी, उपहार और पुरस्कार योजनाओं के माध्यम से आम लोगों के धोखाधड़ी करते थे।गिरोह में विदेशी नागरिकों के साथ भारतीय सहयोगी भी शामिल हैं, जो फर्जी बैंक खातों और डिजिटल लेन-देन के जरिये धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस की पकड़ में आए आरोपितों की पहचान नाइजीरिया के रहने वाले शेड्रैक ओनाइनोर उर्फ हैप्पी (29) और संडे जॉन उर्फ लिबर्टी (40) के अलावा बरेली, उत्तर प्रदेश के निवासी विकास (25), शाहरुख खान (23), राकेश उर्फ ललू (22) और दिल्ली के नांगलोई निवासी शाहिद रज़ा (45) के रूप में हुई है।पुलिस इन आरोपितों से पूछताछ कर गिरोह के जुड़े अन्य सदस्यों का पता लगाने में जुटी है।
पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से 3.63 लाख नकद, विभिन्न मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेक बुक और यूपीआई आधारित धोखाधड़ी से जुड़े मोबाइल डेटा बरामद किए हैं। पुलिस को 18 से अधिक फर्जी बैंक खातों की जानकारी भी मिली है।
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विक्रम सिंह के अनुसार सात जुलाई को गुप्त सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने पंजाबी बाग स्थित सेंट्रल मार्केट चौक पर छापा मारा और शाहिद रज़ा को गिरफ्तार किया। उसके पास से 3.63 लाख नकद, नौ एटीएम कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। जिसमें ठगी से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा पाया गया।
शाहिद की निशानदेही पर टीम ने खानपुर स्थित कृष्णा पार्क में छापेमारी कर नाइजीरियाई नागरिक शेड्रैक ओनाइनोर को गिरफ्तार किया, जो उस समय धोखाधड़ी की रकम एकत्र करने आया था। जांच में पाया गया कि शेड्रैक का वीज़ा 2018 में ही समाप्त हो चुका था और वह अवैध रूप से भारत में रह रहा था। उसके बाद अन्य आराेपिताें काे पकड़ा गया।
गिरोह का काम करने का तरीका
पुलिस के अनुसार नाइजीरियाई सदस्य शेड्रैक और संडे जॉन सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए लोगों को लॉटरी व गिफ्ट जीतने का झांसा देता था। जबकि उनके भारतीय सहयोगी शाहिद रज़ा और उसका दामाद शाहरुख खान बैंक खातों से पैसे निकालते और शेड्रैक को सौंपते थे। इसी क्रम में राकेश उर्फ ललू और विकास फर्जी आधार और पते के सहारे करीब 18-20 फर्जी बैंक खाते खोलते थे। उसके बाद खाते से जुड़ी एटीएम और सिम कार्ड शाहरुख को दी जाती थीं, जो फोनपे ऐप में यूपीआई आईडी बनाकर ट्रांजैक्शन करता था।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी
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