अजमेर विकास प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तय समय में अजमेर की आनासागर झील के वेटलैंड में बने सात अजूबों को हटाने में विफल रहा है। पिछले एक माह में एडीए सात अजूबों पर कार्रवाई करने की बजाय वैकल्पिक वेटलैंड का प्रस्ताव तैयार करने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। इसमें सरकार और एडीए को वेटलैंड के निर्माण हटाने के साथ ही वैकल्पिक वेटलैंड का प्रस्ताव बनाने के संबंध में रिपोर्ट देनी है।
टेंडर प्रक्रिया में उलझा है काम
अजमेर विकास प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट को 19 मई से पहले सात अजूबों को पूरी तरह हटाने का हलफनामा दिया था। लेकिन तकनीकी दिक्कतों के बहाने सात अजूबे अभी भी अपनी जगह पर हैं। एडीए ने इन्हें हटाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए लेकिन एक ही टेंडर आने के कारण कार्यादेश जारी नहीं हो सका। ऐसे में प्राधिकरण दोबारा टेंडर आमंत्रित करेगा। इस प्रक्रिया में एक माह और लगने की उम्मीद है।
वैकल्पिक वेटलैंड की कार्ययोजना में दिखाई तेजी
एडीए भले ही सेवन वंडर्स को पूरी तरह हटाने में विफल रहा हो, लेकिन वैकल्पिक वेटलैंड तलाशने और उसकी कार्ययोजना बनाने में तेजी दिखा रहा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को दिए गए जवाब में बताया गया है कि शहर में करीब 19 बीघा जमीन को वेटलैंड के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें वरुण सागर में 10 बीघा और तबीजी में 9 बीघा जमीन चिह्नित की गई है। माना जा रहा है कि आगामी सुनवाई के दौरान इसकी कार्ययोजना कोर्ट के समक्ष पेश की जाएगी। इसके लिए सरकार और एडीए ने तैयारी कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने सेवन वंडर्स के साथ वेटलैंड में किए गए अन्य निर्माणों को हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासन ने फूड कोर्ट निर्माण हटाने के साथ ही कुछ अन्य निर्माणों को भी हटा दिया, लेकिन सेवन वंडर्स के ढांचे हटाने के लिए समय मांगा।
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