डिजिटल युग में आस्था भी ठगी का जरिया बन गई है। ताज़ा मामला राजस्थान के सीकर ज़िले से सामने आया है। यहाँ रींगस के लोक देवता शमशानिया भैरव बाबा के नाम पर ऑनलाइन पूजा करवाने के नाम पर हज़ारों श्रद्धालुओं से लाखों रुपये का चढ़ावा वसूला गया, वो भी मंदिर समिति की जानकारी के बिना।
25573 श्रद्धालुओं से ऑनलाइन ठगी
'श्री मंदिर ऐप' नाम की एक कंपनी ने 30 नवंबर 2022 से 23 अप्रैल 2025 के बीच कुल 35,851 प्रविष्टियों के ज़रिए 25,573 श्रद्धालुओं से चढ़ावा वसूला। इस कंपनी ने भैरव बाबा के नाम पर ऑनलाइन पूजा करवाने का दावा किया, लेकिन जब मंदिर समिति से पूछा गया तो सबके होश उड़ गए।
'ऑनलाइन पूजा की कोई व्यवस्था नहीं है'
मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व अध्यक्ष मामराज गुर्जर ने साफ़ कहा कि किसी भी कंपनी को ऑनलाइन पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं, पुजारी फूल सिंह गुर्जर ने भी कहा - 'हमारे यहाँ ऑनलाइन पूजा की कोई व्यवस्था नहीं है। यहाँ भक्त स्वयं आकर बाबा के दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं।
जल्द ही कानूनी कार्रवाई की बात
अब सवाल यह उठता है कि अगर मंदिर समिति ने कोई अनुमति नहीं दी थी, तो फिर 'श्री मंदिर ऐप' ने किसके नाम पर इतनी बड़ी रकम वसूली? क्या यह आस्था के नाम पर खुला धोखा नहीं है? फ़िलहाल, मंदिर समिति ने अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है, लेकिन जल्द ही कानूनी कार्रवाई की बात कही जा रही है। यह मामला अब लोगों की आस्था से जुड़ा है और कई भक्त खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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