पिछले कुछ समय में शहर की अंदरूनी गलियों, कस्बों और बाजारों में थोक में तथाकथित कैफे और होटल खुल गए हैं। अगर आपको जानना है कि यहां किस तरह की संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं, तो आप इनके आसपास एक-आधे घंटे खड़े होकर आसानी से जान सकते हैं। बड़ी बात यह है कि पुलिस और किसी भी अन्य सरकारी विभाग ने अब तक इन जगहों की जांच पर ध्यान नहीं दिया है। अगर प्रशासन शहर में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए होटलों और कैफे पर उचित कार्रवाई शुरू कर दे, तो यहां हो रही संदिग्ध गतिविधियों पर लगाम लग सकती है। क्योंकि यहां आने वाले 'ग्राहक' पूरी तरह से एकांत चाहते हैं। अगर नियम-कायदों के पालन को लेकर जांच होगी, तो ये एकांत पसंद ग्राहक खुद ही भाग जाएंगे।
छापेमारी में ये चीजें मिलीं
गौरतलब है कि नागरिकों की मांग पर पुलिस ने रविवार को चंडीगढ़ अस्पताल क्षेत्र में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान यह बात सामने आई कि होटल-कैफे के कमरे और केबिन को घंटों के हिसाब से किराए पर देकर संदिग्ध गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इन स्थानों पर मिलने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, टेबलेट, सेक्सवर्धक दवाएं इसका प्रमाण हैं।
लगातार मिल रही संदिग्ध वस्तुएं
रावतसर शहर में होटल व कैफे खोलने की होड़ लगी हुई है। इनमें आए दिन संदिग्ध व अनैतिक गतिविधियां होती रहती हैं। पिछले माह ही रावतसर पुलिस ने नोहर तिराहा के पास स्थित एक होटल से संचालक सहित चार संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस कई बार कर चुकी है कार्रवाई
बस स्टैंड के पास स्थित एक कैफे के संचालक को भी शांतिभंग के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद होटल व कैफे संचालक बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन व स्थानीय उपखंड प्रशासन की सख्त निगरानी के अभाव में ये होटल व कैफे अनैतिक गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जितेंद्र गोयल कई बार औचक निरीक्षण कर चुके हैं और हर बार कई संदिग्ध वस्तुएं भी मिली हैं। इसके बावजूद अभी तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं होने से संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
बेशर्मी बन गई है आदत
आधुनिकता का चोला ओढ़े इन बेशर्मों को चाहे जितना भी कहो, बेशर्मी इनकी आदत बन गई है। स्थिति यह है कि जो पकड़ा जाता है, वह चोर होता है, बाकी की परवाह कौन करता है। खैर, खतरे का अलार्म बज चुका है और पत्रिका ने जिस तरह से इस मुद्दे को उठाया है, वह सराहनीय है।
बीट कांस्टेबल की जानकारी
बीट कांस्टेबल को अपने क्षेत्र में होने वाली तमाम अनैतिक और आपराधिक गतिविधियों की जानकारी है। उसकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। राजनीतिक दल और प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है। यह गंभीर मामला है, जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जागें, कार्रवाई की मांग करेंगे
यह चिंताजनक स्थिति है। दरअसल अभिभावकों को जागना चाहिए। स्वच्छंदता और स्वच्छंदता में अंतर समझना होगा। नागरिक सुरक्षा मंच जल्द ही इस मुद्दे को लेकर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई की मांग करेगा। विभागीय अधिकारियों को नियम-कायदों की जांच के लिए निरीक्षण करना चाहिए।
कथित प्रगति के दुष्परिणाम
कथित प्रगति के ये दुष्परिणाम हैं। इसका उपाय पुलिस, प्रशासन और सरकार के साथ-साथ अभिभावकों को भी करना होगा। समस्या का पूरी तरह समाधान किसी एक से नहीं होगा। - जेके झाब, वरिष्ठ नागरिक।
सफेदपोश दलाल सक्रिय
इन दिनों हनुमानगढ़ में बहुत गंदगी फैल गई है। यहां के सफेदपोश दलाल मैनेजमेंट में माहिर हैं। यहां कौन सा पर्यटन क्षेत्र विकसित हो गया है कि होटल और कैफे बड़ी संख्या में खुल रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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