हनुमानगढ़ के कालीबंगा में एक ऐसी खोज हुई है, जिसने पुरातत्वविदों और इतिहासकारों को हैरान कर दिया है। खुदाई के दौरान 5500 साल पुराना शिवलिंग मिला है, जिसे काशी विश्वनाथ मंदिर के शिवलिंग से भी पुराना माना जा रहा है। इस खोज ने न सिर्फ भारतीय इतिहास को नए सिरे से देखने की जरूरत उजागर की है, बल्कि स्थानीय लोगों में आस्था और उत्साह का माहौल भी पैदा किया है। हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक कालीबंगा लंबे समय से पुरातत्वविदों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। हाल ही में यहां चल रही एक नियमित खुदाई के दौरान मजदूरों को एक पत्थर की संरचना दिखाई दी।
जैसे ही उसे सावधानीपूर्वक बाहर निकाला गया, वह शिवलिंग निकला। मजदूरों ने तुरंत हाथ जोड़कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी और आसपास के इलाके से लोग इस चमत्कार को देखने के लिए उमड़ पड़े। हजारों साल पुराना है इतिहास पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने शुरुआती जांच में पाया कि यह शिवलिंग करीब 5500 साल पुराना हो सकता है विशेषज्ञों का कहना है कि यह खोज भारतीय सभ्यता में शिव पूजा की प्राचीनता को और पुष्ट करती है। कालीबंगा में पहले भी मिट्टी के बर्तन, मुहरें और अन्य पुरातात्विक अवशेष मिल चुके हैं, लेकिन इस शिवलिंग की खोज ने इस स्थल को और महत्वपूर्ण बना दिया है। जैसे ही पुरातत्व विभाग ने इसकी पुष्टि की कि यह शिवलिंग है, तुरंत इसकी पूजा शुरू कर दी गई। सावन के महीने में हुई इस खोज को लेकर लोग बेहद उत्साहित हैं।
जांच जारी है
पुरातत्व विभाग अब इस शिवलिंग को संरक्षित करने और इसकी आयु का सटीक अनुमान लगाने के लिए कार्बन डेटिंग और अन्य वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है। इसके अलावा, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस स्थल पर कोई मंदिर या अन्य धार्मिक संरचना पहले से मौजूद थी। इस खोज ने स्थानीय लोगों में उत्साह के साथ-साथ कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक चमत्कार मान रहे हैं, तो कुछ इसे भारतीय संस्कृति की प्राचीनता का प्रमाण बता रहे हैं। यह खबर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है। इसकी चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि यह काशी विश्वनाथ मंदिर से भी पुराना है।