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हाईकोर्ट ने स्पीकर ओम बिरला की बेटी को दि बड़ी राहत, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट से जुड़ा है मामला

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दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आपत्तिजनक 'सोशल मीडिया पोस्ट' से जुड़े एक मामले में लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अंजलि बिरला द्वारा दायर मामले की कार्यवाही बंद कर दी और 'एक्स' को शेष चार पोस्ट भी हटाने का निर्देश दिया और कहा कि अगर अंजलि बिरला कोई अन्य ऐसी ही पोस्ट उसके संज्ञान में लाती हैं तो उन्हें भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा हटा दिया जाना चाहिए।

एक्स ने 16 में से 12 पोस्ट हटाईं
जस्टिस ज्योति सिंह ने 'एक्स कॉर्प' (पूर्व में ट्विटर), गूगल और अज्ञात व्यक्तियों (जॉन डो) के खिलाफ दायर मामले में अंजलि बिरला के पक्ष में फैसला सुनाया। मंगलवार को सुनवाई के दौरान 'एक्स' के वकील ने अदालत को बताया कि 16 'पोस्ट' में से 12 को मूल स्रोत द्वारा हटा दिया गया है, जबकि शेष चार पोस्ट तक पहुंच को अंतरिम आदेश के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है। आपको बता दें कि ओम बिरला की बेटी और आईआरपीएस अधिकारी अंजलि ने सोशल मीडिया पर उस 'पोस्ट' को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के कारण संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास की और अपने पहले ही प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी बन गईं।

यूपीएससी पास करके आईआरपीएस अधिकारी बनीं

अंजलि बिरला के वकील ने अपील दायर की थी कि अंजलि बिरला ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) दी थी। उनका चयन 2019 की समेकित रिजर्व सूची में हुआ था। वह आईआरपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं। अदालत ने पिछले साल जुलाई में एक अंतरिम आदेश पारित कर 'एक्स कॉर्प' और 'गूगल इंक' को अंजलि बिरला के खिलाफ आपत्तिजनक 'सोशल मीडिया पोस्ट' हटाने का निर्देश दिया था। इसने अंतरिम आदेश में अज्ञात पक्षों को अंजलि बिड़ला द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में उल्लिखित कथित मानहानिकारक सामग्री को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट करने, प्रसारित करने, प्रेषित करने, ट्वीट करने या रीट्वीट करने से भी रोक दिया था।

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