चूरू की रतनगढ़ तहसील के भानुदा गांव में 9 जुलाई को विमान दुर्घटना में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु का परिवार रविवार को घटनास्थल पर पहुंचा। वहां की मिट्टी को छूकर परिवार भावुक हो गया। इस दौरान शहीद के पिता को अपने बेटे की वर्दी का एक टुकड़ा भी मिला, जिस पर स्क्वाड्रन लीडर का नाम भी लिखा था, जिसे देखकर परिवार की आंखें नम हो गईं।
बेटे की वर्दी का टुकड़ा देख पिता भावुक हो गए
शहीद के पिता जोगिंदर सिंह नम आंखों से अपने बेटे को याद कर रहे थे, इसी दौरान उनकी नजर वर्दी के एक टुकड़े पर पड़ी, जब उन्होंने उसे उठाया तो उस पर लोकेंद्र सिंह का नाम लिखा हुआ था। बेटे का नाम देखकर परिवार के सभी सदस्यों की आंखें नम हो गईं और मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं। पिता की आंखों में बेटे के जाने का गम जरूर था, लेकिन वर्दी का टुकड़ा पाकर उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया।
परिजनों ने की शहीद की प्रतिमा लगाने की मांग
परिजन अपने साथ घटनास्थल की मिट्टी भी ले गए। ग्रामीण विजयपाल ने परिजनों से घटनास्थल पर शहीदों की प्रतिमा स्थापित कर शहीद स्मारक बनाने की भी मांग की, जिस पर परिजनों ने इस संबंध में सरकार व उच्चाधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया। 9 जुलाई को तकनीकी खराबी के कारण तहसील के गांव भानुदा की रोही में जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें स्क्वाड्रन लीडर 32 वर्षीय लोकेंद्र सिंह सिंधु निवासी रोहतक हरियाणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट 24 वर्षीय ऋषिराज सिंह निवासी पौटा जोधपुर शहीद हो गए थे।
मिट्टी छूकर भावुक हुए परिजन
ग्रामीण विजयपाल भुवाल ने बताया कि स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु के पिता जोगिंदर सिंह, माता अनीता देवी, चाचा जितेंद्र सिंह, बड़े भाई ज्ञानेंद्र सिंह, भाभी सोनिका सिंह, भतीजी काश्वी सिंधु, बहनोई विंग कमांडर नवजीत, बहन रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर अंजलि, भतीजे अगस्त्य सिंह, अनंजय सिंह, मित्र हरीश भार्गव शनिवार रात हरियाणा से गांव भानुदा आए और रविवार सुबह घटना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान परिजनों की आंखें नम थीं। घटना स्थल को देखकर परिवार के सभी सदस्य भावुक हो गए और मिट्टी छूकर और गंगाजल छिड़ककर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
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