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31 जुलाई है अंतिम तारीख! जल्द कराएं खरीफ फसलों का बीमा, वरना प्राकृतिक आपदा से हो सकता है भारी नुकसान

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राजस्थान के जालोर जिले के किसान सतर्क हो जाएँ, क्योंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत खरीफ 2025 के लिए फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। यह योजना मुश्किल समय में किसानों के लिए सहारा बनेगी और फसल खराब होने पर उन्हें आर्थिक नुकसान से राहत दिलाएगी। ऐसे में जिले के किसानों के लिए समय रहते अपनी फसलों का बीमा कराने और संभावित प्राकृतिक आपदाओं या कीटों के हमले से होने वाले नुकसान से बचाने का यह एक सुनहरा अवसर है।

जिले में खरीफ सीजन की प्रमुख फसलें जैसे बाजरा, ज्वार, ग्वार, तिल, कपास, मूंग और मूंगफली को इस बीमा योजना में शामिल किया गया है। इन फसलों के बीमा कार्य की जिम्मेदारी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सौंपी गई है। वहीं, मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत अरंडी, अनार, टमाटर और हरी मिर्च जैसी फसलों को शामिल किया गया है, जिनका बीमा कार्य कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

बीमा प्रक्रिया एवं पात्रता

ऋणी एवं अऋणी दोनों प्रकार के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। सहभागी किसान भी इसका लाभ उठा सकते हैं। जिन ऋणी किसानों का अल्पकालीन फसल ऋण स्वीकृत हो चुका है, उनका बीमा संबंधित बैंक या सहकारी समिति के माध्यम से स्वतः हो जाएगा। वहीं, जो किसान ऋणी नहीं हैं, वे अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र, बैंक शाखा या सहकारी समिति के माध्यम से बीमा करा सकते हैं। अऋणी किसानों को बीमा कराते समय नवीनतम भूमि जमाबंदी, आधार कार्ड और बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज साथ लाने होंगे। बीमा के लिए किसानों को बीमित राशि का 2 प्रतिशत प्रीमियम (खरीफ फसलों के लिए) और 5 प्रतिशत प्रीमियम (वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के लिए) जमा करना होगा।

समय सीमा एवं संपर्क सहायता

संयुक्त निदेशक रामलाल जाट ने बताया कि किसानों को 31 जुलाई 2025 तक अपनी बीमा प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यदि ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन कराना चाहते हैं, तो उन्हें 29 जुलाई तक संबंधित वित्तीय संस्थान को सूचित करना होगा, ताकि उनके अनुसार सही बीमा कराया जा सके। जालोर जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में, फसल खराब होने पर किसानों को आर्थिक सहायता मिलना बेहद ज़रूरी है। यह योजना किसानों के लिए सुरक्षा की गारंटी है, जिससे उन्हें सूखा, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, कीट या रोग से नुकसान होने पर दावे के रूप में मुआवज़ा मिलता है। योजना से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए, किसान टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14447 या व्हाट्सएप नंबर 7065514447 पर संपर्क कर सकते हैं।

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