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गुरु परंपरा को आगे बढ़ा रहा शिष्य! 41 दिनों की कठिन तपस्या में जुटा, चिलचिलाती धूप में साधना देखने उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

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जहां मौसम भी साधु के संकल्प को नहीं रोक पाता, वहीं से वो ऊर्जा निकलती है जो समाज को संयम, आस्था और ध्यान का संदेश देती है। जालोर जिले की रानीवाड़ा तहसील के छोटे से गांव भाटीब में इन दिनों आध्यात्मिक ऊर्जा की लहर दौड़ रही है। गांव में स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में महंत श्री विष्णुपुरी महाराज भीषण गर्मी के बीच अग्नि तपस्या में लीन हैं। जब तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा हो, तब खुले आसमान के नीचे धूप में अग्नि कुंड के सामने बैठकर साधना करना कोई साधारण बात नहीं है। यह तपस्या कुल 41 दिनों तक चलेगी, जिसे महाराज ने करीब 17 दिन पहले शुरू किया था।

41 दिनों की तपस्या ने बदल दी गांव की पहचान
इस अग्नि तपस्या ने न सिर्फ भाटीब गांव बल्कि पूरे इलाके को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है। सुबह से देर शाम तक मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। दूर-दराज के गांवों से भी श्रद्धालु महाराज के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। विष्णुपुरी महाराज प्रसिद्ध तपस्वी शंकरपुरी महाराज के शिष्य हैं, जिन्होंने इस मंदिर में वर्षों तक तपस्या की थी। अब उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए विष्णुपुरी महाराज इस कठिन साधना के माध्यम से आध्यात्मिक परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

दृढ़ संकल्प, संयम और आस्था की पराकाष्ठा
ग्रामीणों के अनुसार जैसे-जैसे तपस्या के दिन बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। अब यह स्थान 'साधना स्थल' के रूप में प्रसिद्ध हो गया है। गर्मी में जब लोग घरों से बाहर निकलने से कतराते हैं, तब विष्णुपुरी महाराज की यह अग्नि तपस्या दृढ संकल्प, संयम और आस्था की पराकाष्ठा है। यह साधना समाज को आत्मविश्वास और साधना के महत्व का संदेश देती है कि सच्ची लगन के आगे मौसम, परिस्थिति या कठिनाई कोई मायने नहीं रखती।

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