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खाटूश्यामजी धाम में होगा आध्यात्मिक और आधुनिकता का संगम, कॉरिडोर से लेकर डिजिटल म्यूजियम तक की होगी व्यवस्था

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देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र खाटूश्यामजी धाम अब नए स्वरूप में नजर आएगा। यहां अयोध्या राम मंदिर और काशी विश्वनाथ की तर्ज पर भव्य कॉरिडोर बनाया जाएगा। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत 87.87 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट से श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने प्रोजेक्ट को लेकर सीकर कलेक्टर मुकुल शर्मा, मंदिर समिति और एजेंसी पीडीकेओआर के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की है। राजस्थान दिवस के अवसर पर प्रोजेक्ट की पहली किस्त के रूप में 8.78 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। जुलाई माह से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह भव्य कॉरिडोर 31 मार्च 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

खाटूश्यामजी कॉरिडोर में होंगी विश्वस्तरीय सुविधाएं, 2026 तक होगा पूरा
पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक अनु शर्मा ने बताया- भारत सरकार की 'स्वदेश दर्शन योजना 2.0' के तहत खाटूश्यामजी में 87.87 करोड़ रुपए की लागत से भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।कार्यकारी एजेंसी आरएसआरडीसी को पहली किस्त के रूप में 8.78 करोड़ रुपए मिल गए हैं। निर्माण कार्य के लिए जुलाई में टेंडर जारी किए जाएंगे, जिसके बाद प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा।अनु शर्मा ने बताया- इस कॉरिडोर में श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

खाटूश्यामजी में कॉरिडोर बनने के बाद होंगे कई फायदे
1. धार्मिक और सांस्कृतिक लाभ

श्रद्धालुओं की सुविधा: कॉरिडोर बनने से श्रद्धालुओं को बेहतर रूट, लाइन मैनेजमेंट और दर्शन के लिए आरामदायक सुविधाएं मिलेंगी।
धार्मिक अनुभव में सुधार: कॉरिडोर के माध्यम से मंदिर परिसर का आध्यात्मिक वातावरण और भी भव्य हो सकेगा, जिससे भक्तों का अनुभव और भक्ति बढ़ेगी।
भीड़ प्रबंधन: आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को नियंत्रित और व्यवस्थित करना आसान होगा।

2. स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
स्थानीय व्यवसाय में वृद्धि: होटल, ढाबा, रेस्तरां, प्रसाद केंद्र, हस्तशिल्प और टैक्सी सेवाओं जैसे छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार के अवसर: कॉरिडोर निर्माण और संचालन से निर्माण, सुरक्षा, सफाई, गाइड सेवा आदि क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
पर्यटन को बढ़ावा: खाटू श्यामजी धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी बन सकता है, जिससे राज्य की पर्यटन आय में वृद्धि होगी।

3. बुनियादी ढांचे में सुधार
सड़क और परिवहन सुविधा: कॉरिडोर के कारण आसपास की सड़कें, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि विकसित होंगे।
सफाई और शौचालय जैसी सुविधाएं: नई सुविधाएं जुड़ेंगी जिससे यात्रा का अनुभव बेहतर होगा।

4. डिजिटल निगरानी और बेहतर प्रबंधन
भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन प्रबंधन: सीसीटीवी कैमरे, नियंत्रण कक्ष, स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जैसे संसाधन किसी भी आपातकालीन स्थिति में बेहतर प्रतिक्रिया दे सकेंगे।
पारदर्शिता और प्रबंधन: कॉरिडोर के कारण प्रबंधन अधिक व्यवस्थित और डिजिटल हो सकेगा। जैसे टिकटिंग, दर्शन स्लॉट बुकिंग आदि।

5. बाबा श्याम की प्रतिष्ठा बढ़ेगी
ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी: खाटू श्यामजी देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे वैष्णो देवी, काशी या अयोध्या की तरह "आधुनिक तीर्थस्थल" बन सकता है।
वैश्विक संपर्क: ऐसी सुविधाएं बनाई जाएंगी जो अंतरराष्ट्रीय भक्तों को आकर्षित कर सकें। तपती धरती और तपती दोपहर में भी बाबा श्याम के भक्तों की आस्था नहीं डगमगाई। सीकर में जहां सीजन का सबसे अधिक तापमान 44.5 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं खाटूश्यामजी में भक्तों की अटूट आस्था देखने को मिली।

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