फ़िलीपींस के नियंत्रण वाला पगासा द्वीप सिर्फ़ 37 हेक्टेयर में फैला हुआ है. द्वीप पर रहने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं.
वहां 300 या उससे कुछ ज़्यादा लोग छोटे-छोटे लकड़ी के घरों में रहते हैं. वो पानी से मछली पकड़ते हैं और रेतीली ज़मीन पर जो सब्ज़ियां उगाई जा सकती हैं, वो उगाते हैं.
लेकिन इस विवादित जलक्षेत्र में वे अकेले नहीं हैं. तट से कुछ दूर पश्चिम की ओर जहाज़ों का एक बेड़ा है.
ये सभी जहाज़ चीन के हैं. इनमें नौसेना और कोस्ट गार्ड के जहाज़ शामिल हैं. इस क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए चीन ने मछली पकड़ने वाले बड़े जहाज़ों का इस्तेमाल किया है. जब हमारा विमान द्वीप के पास पहुंचा तो हमने कम से कम 20 जहाज़ों की गिनती की.
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बीते दस साल से दक्षिणी चीन सागर में चीन अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. डूबे हुए कोरल रीफ़ पर कब्ज़ा कर रहा है और उन पर तीन बड़े हवाई अड्डे बना रहा है.
चीन ने वहां सैकड़ों जहाज़ तैनात किए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि वह चीनी तट पर मौजूद बड़े निर्यातक शहरों से दक्षिण की ओर जाने वाले लगभग सभी समुद्री रास्तों पर अपना दावा मज़बूत कर सके.
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में से कुछ देश जो उसी समुद्र में द्वीपों पर दावा करते हैं, उनमें से केवल वियतनाम और फ़िलीपींस ने ही चीन के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई करने की हिम्मत की है.
दोनों देशों की सेनाएं चीन की सेना से बहुत छोटी हैं. लेकिन वे कुछ कोरल रीफ़ और द्वीपों पर क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं.
पगासा इन द्वीपों में सबसे बड़ा है. इसे थिटू और अन्य नामों से भी जाना जाता है. इस पर दूसरे देश भी अपना दावा करते हैं.
फ़िलीपींस का दावा क्यों मज़बूत?
जो बात इस द्वीप को असाधारण बनाती है, वो है यहां रहने वाली आबादी. फ़िलीपींस के नज़रिए से पगासा अहम है क्योंकि यहां ज़मीन ठोस है, आंशिक रूप से डूबी हुई चट्टान नहीं. पगासा में फ़िलीपींस का क़ानूनी दावा मज़बूत है.
फ़िलीपींस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल जोनाथन मलाया कहते हैं, "पगासा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इस पर एक रनवे है. ये जीवन को सहारा दे सकता है. यहां फ़िलीपिनो समुदाय के लोग और मछुवारे रहते हैं."
उन्होंने कहा, "द्वीप का आकार ऐसा है जो समुद्र में नहीं डूब सकता है. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ये 12 नॉटिकल माइल का अपना क्षेत्र बनाता है. तो यह एक तरह से फ़िलीपींस की उपस्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है."
फ़िलीपींस के पलावान द्वीप से पगासा पहुंचने के लिए नाव से दो से तीन दिन लगते हैं. या फिर इसके लिए एक घंटे की हवाई यात्रा करनी पड़ती है. हालांकि, दोनों ही रास्ते अक़्सर तूफ़ानी मौसम की मार झेलते हैं.
दो साल पहले तक जब रनवे पूरी तरह से नहीं बना था और इसे 1300 मीटर लंबा नहीं किया गया था, तब तक यहां छोटे विमान ही उतर सकते थे.
लेकिन अब यहां सी-130 जैसे बड़े यात्री विमान भी उतर सकते हैं. हालांकि, इसमें यात्रा करना, जैसा हमने किया, ऐसा है जैसे भीड़-भाड़ वाले समय में बस में यात्रा करना.
यहां सब कुछ बाहर से लाना पड़ता है. यही वजह थी कि हमारा विमान पूरी तरह से भरा हुआ था. इसमें गद्दे, अंडे, चावल के बैग, कुछ मोटरबाइक और बहुत सारा सामान था. सैन्य कर्मियों में से अधिकांश को पूरी उड़ान के दौरान खड़े ही रहना पड़ा.
हाल के सालों में बहुत कुछ बदल गया है. एक नया हैंगर है जो तूफान के दौरान विमानों को सहारा देने के लिए काफ़ी बड़ा है.
वो एक कंट्रोल टॉवर बना रहे हैं. वो बड़ी नावों को डॉक करने की अनुमति देने के लिए एक छोटे बंदरगाह की ख़ुदाई भी कर रहे हैं.
हमें फ़िलीपींस के कुछ नौसैनिकों ने द्वीप के चारों ओर घुमाया. वो लोग वहीं तैनात हैं. हालांकि, इसके आकार को देखते हुए हमें शायद ही ये जरूरी लगा.
चीन की मौजूदगी ने बढ़ाई मुश्किलें1971 में फ़िलीपींस ने ताइवान के बाद पगासा पर क़ब्ज़ा किया. तब ताइवानी सेना ने तूफ़ान के दौरान इसे छोड़ दिया था. 1978 में इसे औपचारिक रूप से फ़िलीपींस ने अपने अधीन कर लिया था.
बाद में सरकार ने लोगों को वहां बसने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया. लेकिन लोगों को वहां ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी सामान की ज़रूरत पड़ती है.
वहां रहने वाले परिवारों को हर महीने खाना, पानी और अन्य ज़रूरी सामान मिलता है. अब उनके पास बिजली और मोबाइल फ़ोन कनेक्टिविटी है. लेकिन ये सब सिर्फ़ चार साल पहले ही आया है.
सरकारी नौकरियों के अलावा मछली पकड़ना आजीविका का एकमात्र तरीका है. लेकिन चीन के जहाज़ों के आने के बाद यह मुश्किल हो गया है.
लेरी हगो मछवारे हैं और इस द्वीप पर 16 साल से रह रहे हैं. वह क्षेत्र में चीन के बढ़ते हुए कंट्रोल के बारे में बताते हैं. उन्होंने पगासा से 32 किलोमीटर दूर सुबी रीफ़ पर शुरुआती निर्माण को रिकॉर्ड किया. हालांकि, अब वो एक सैन्य अड्डा बन गया है.
2021 में उन्होंने एक वीडियो रिकॉर्ड किया था जिसमें उनकी छोटी लकड़ी की नाव को एक चीन का कोस्ट गार्ड जहाज़ टक्कर मारते हुए दिखा रहा है. इस वीडियो ने उन्हें एक छोटी-मोटी हस्ती ज़रूर बना दिया. लेकिन चीन के उत्पीड़न ने उन्हें घर के क़रीब एक छोटे से क्षेत्र में मछली पकड़ने के लिए मज़बूर कर दिया है.
वह कहते हैं, "हमारे जहाज़ों की तुलना में उनके जहाज़ बड़े हैं. वो हमें धमकाते हैं. हमारे पास आते हैं और हमें भगाने के लिए हॉर्न बजाते हैं. वे हमें बहुत डराते हैं. इसलिए मैं अब दूर अपने पुराने मछली पकड़ने की जगहों पर नहीं जाता हूं. अब मुझे द्वीप के पास ही मछली पकड़नी पड़ती है. लेकिन यहां मछलियां कम होती जा रही हैं. हमारे लिए पहले की तरह नाव भरना बहुत मुश्किल हो गया है."
लोगों के सामने क्या है सबसे बड़ी चुनौती?रीलिन लिम्बो इस द्वीप पर बीते 10 साल से टीचर हैं. उन्होंने एक झोपड़ी से बड़ा स्कूल बनते हुए देखा है. अब वो यहां 100 से अधिक बच्चों को पढ़ा चुके हैं. इन बच्चों की उम्र तीन साल से लेकर 18 साल है.
रीलिन लिम्बो बताती हैं, "मेरे लिए यह द्वीप स्वर्ग जैसा है. हमारी सभी बुनियादी ज़रूरतें पूरी की जाती हैं. यह साफ़-सुथरा है और यहां शांति है. बच्चे स्कूल के बाद बास्केटबॉल खेल सकते हैं या स्विमिंग कर सकते हैं. हमें शॉपिंग मॉल की ज़रूरत नहीं है."
पगासा बेहद शांत है. दोपहर की भीषण गर्मी में हमने पाया कि ज़्यादातर लोग सो रहे थे या अपने बरामदे में गाने सुन रहे थे. हमने मेलानिया अलोजादो को देखा जो यहां हेल्थ वर्कर हैं और एक छोटे बच्चे को सुलाने के लिए उसे झूल में झुला रही थीं.
मेलानिया अलोजादो कहती हैं, "हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती तब होती है जब बच्चे बीमार पड़ जाते हैं."
"अगर बीमारी गंभीर होती है तो उन्हें बचाने के लिए बाहर ले जाना पड़ता है. मैं कोई रजिस्टर्ड नर्स नहीं हूं. मैं गंभीर मेडिकल टॉस्क को अंजाम नहीं दे सकती हूं. विमान हर वक़्त उपलब्ध नहीं रह सकते हैं. कई बार मौसम भी यात्रा करने के लिए ठीक नहीं होता है. जब ऐसा होता है तो ख़्याल रखने के लिए हम जो कर सकते हैं वो करते हैं."
वह बताती हैं, "हम कई तरह के तनावों से मुक्त हैं. हमें सब्सिडी वाला खाना मिलता है और हम ख़ुद भी कुछ चीज़ें उगा सकते हैं. बड़े शहर में हर काम के लिए पैसे की ज़रूरत होती है."
हमने कुछ नए घरों को बनते हुए देखा है. लेकिन वास्तव में पगासा बहुत अधिक लोगों के रहने लायक जगह नहीं है. नौकरियां कम होने की वजह से लोग पढ़ाई पूरी करने के बाद द्वीप को छोड़कर चले जाते हैं.
यहां चीन की मौजूदगी के ख़िलाफ़ एक तरह की भावना देखने को मिलती है.
विमान के पायलट ने कहा, "जब हम पगासा के पास पहुंचते हैं तो सुबी रीफ़ एयरबेस पर मौजूद चीन हमेशा हमें चुनौती देता है. वे हमें चेतावनी देते हैं कि हम बिना अनुमति के चीन के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं."
क्या उन्होंने कभी आपको रोकने की कोशिश की है? इस सवाल के जवाब में पायलट कहते हैं, "नहीं, ये हर दिन का है. हम कहते हैं कि ये फ़िलीपींस का क्षेत्र है. हमें ये हर बार करना पड़ता है."
जोनाथन मलाया का कहना है कि उनकी सरकार ने चीन के दूतावास के सामने हर हफ़्ते औपचारिक राजनयिक विरोध दर्ज कराया है, क्योंकि पगासा के क्षेत्रीय जल क्षेत्र में उसके जहाज़ मौजूद हैं.
यह फ़िलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के प्रशासन के उलट है जिन्होंने फ़िलीपींस में अधिक निवेश पाने की उम्मीद में चीन के साथ टकराव से परहेज किया था.
मलाया ने कहा, "मुझे लगता है कि अगर हम अपनी बात पर अड़े रहे और उन्हें (चीन) दिखाया कि हम यह खेल भी खेल सकते हैं, तो हमें चीन से अधिक सम्मान मिलेगा. लेकिन फ़िलीपींस जैसे लोकतंत्रों की समस्या यह है कि नई प्रशासन के साथ नीतियां बदल सकती हैं. चीन में यह समस्या नहीं है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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