भारत के विमानन सुरक्षा नियामक यानी ब्यूरो ऑफ़ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने गुरुवार को तुर्की की एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी चेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सिक्योरिटी क्लीयरेंस को रद्द कर दिया.
चेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने बयान में कहा है, "यह वास्तव में एक भारतीय उद्यम है जिसका नेतृत्व और प्रबंधन भारतीय पेशेवरों द्वारा किया जाता है, और ये किसी भी मानक से तुर्की का संगठन नहीं है."
भारत की ओर से यह क़दम ऐसे समय उठाया गया है जब तुर्की ने पाकिस्तान में भारत के हवाई हमलों की निंदा की और पाकिस्तान का समर्थन किया.
चेलेबी पिछले 15 साल से भारत के 9 हवाई अड्डों पर भारतीय उड्डयन क्षेत्र में सेवाएं दे रही है.
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नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा, "राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक सुरक्षा सबसे ऊपर है, और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता."
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने एक में कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में चेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है."
इस बीच, दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर (डायल) ने एक बयान में कहा कि उसने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो संचालन के लिए ज़िम्मेदार चेलेबी के साथ अपना सहयोग आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया है.
दिल्ली एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल कार्यों की देखरेख, 'चेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' और 'चेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' कर रही थी.
पाकिस्तान में हवाई हमले को लेकर बढ़ा तनाव22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला हुआ था जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया.
सात मई को जब भारत ने पाकिस्तान के अंदर हवाई हमले किए तो तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पाकिस्तान के साथ एकजुटता ज़ाहिर की थी.
लेकिन इसके बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई को लेकर भारत ने दावा किया कि इस संघर्ष में बड़े पैमाने पर तुर्की के ड्रोन भी इस्तेमाल किए गए.
नौ मई को भारत के विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी ने कहा था, "ड्रोन के मलबे की फॉरेंसिक जाँच की जा रही है. प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि ये तुर्की के एसिसगॉर्ड सोनगार ड्रोन हैं."
इसके बाद भारत में तुर्की के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की अपील की जाने लगी. कुछ ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल और एसोसिएशन ने भी लोगों से तुर्की न जाने की एडवाइज़री जारी की.

चेलेबी एविएशन इंडिया ने एक बयान में कहा है, "वह भारतीय विमानन, राष्ट्रीय सुरक्षा और टैक्स के नियमों का पूरी तरह से पालन करती है और पूरी पारदर्शिता के साथ काम करती है."
पीटीआई के अनुसार, बयान में कहा गया है कि कंपनी ने स्वामित्व और संचालन के बारे में सभी आरोपों को ख़ारिज़ किया है और देश के विमानन क्षेत्र के लिए अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है.
कंपनी के बयान के अनुसार, "हम किसी भी मानक से तुर्की का संगठन नहीं हैं और कॉरपोरेट प्रशासन, पारदर्शिता और तटस्थता की विश्व स्तर पर स्वीकृत परंपराओं का पूरी तरह से पालन करते हैं, किसी भी विदेशी सरकार या व्यक्तियों के साथ कोई राजनीतिक संबद्धता या संबंध नहीं रखते हैं."
चेलेबी के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि बीसीएएस द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द करने से कंपनी को बड़ा झटका लगेगा.
अधिकारी ने कहा कि तुर्की के बाद भारत ही चेलेबी का दूसरा सबसे बड़ा एविएशन मैनेजमेंट बाज़ार है.
अपने बयान में चेलेबी एविएशन इंडिया लिमिटेड ने कहा है कि उसकी 65 प्रतिशत हिस्सेदारी कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, यूएई और पश्चिमी यूरोप के निवेशकों की है.
इसने एविएशन सेक्टर में साल 1958 में प्रवेश किया और चेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग की शुरुआत की. यह तुर्की में निजी क्षेत्र की ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस की पहली कंपनी थी.
यह मूल रूप से तुर्की में निवेश के लिहाज से सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फंड है.
इसके अलावा, कंपनी के बयान के अनुसार तुर्की की हिस्सेदारी केवल कंपनी के संस्थापक सेलेबियोग्लू परिवार के सदस्यों, कैन सेलेबियोग्लू और कैनान सेलेबियोग्लू तक ही सीमित है, इनमें से हरेक के पास 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
चेलेबी कई हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो मैनेजमेंट की सेवाएं देने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है.
कंपनी की के अनुसार, तंज़ानिया, जर्मनी, हंगरी, भारत और तुर्की समेत दुनिया के 43 हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं देती है. यह भारत और यूरोप की सबसे बड़ी स्वतंत्र ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी है.
पूरी दुनिया में इस कंपनी के 13 हज़ार कर्मचारी हैं.
पिछले साल जब दिल्ली में जी-20 का आयोजन हुआ तो उसमें दिल्ली एयरपोर्ट पर वीवीआईपी के आने-जाने और जी- 20 के प्रतिनिधियों के आवागमन में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
चेलेबी इंडिया के सीईओ तौसीफ़ ख़ान की ओर से जारी में कहा गया था, "जी-20 शिखर सम्मेलन के भारत के आयोजन में कंपनी की ओर से अहम भूमिका निभाने के लिए हमें गर्व है."
कंपनी के भारतीय ऑपरेशंस के मुताबिक़, अभी तक यह भारत के नौ हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट सेवाएं दे रही थी.
मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, गोवा, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, कन्नूर और चेन्नई हवाई अड्डों पर संचालन करती थी.
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, भारत में इसके 7,800 कर्मचारी हैं और अभी तक इसने 58 हज़ार उड़ानों की देखरेख की है और क़रीब साढ़े पांच लाख टन कार्गो को हैंडल किया है.
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'चेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया' के रूप में यह कार्गो सेवाएं दे रही थी.
चेलेबी इंडिया मुख्य रूप से पैसेंजर सर्विसेज़, लोड कंट्रोल और फ़्लाइट ऑपरेशंस, रैंप सेवाएँ, सामान्य उड्डयन सेवाओं के साथ कार्गो और पोस्टल जैसी अन्य सेवाएं दे रही थी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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