सोमवार को इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में क़रीब 9% प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई.
हालांकि भारतीय शेयर बाज़ार में पिछले हफ़्ते से ही गिरावट जारी है लेकिन ओला इलेक्ट्रिक के शेयर इसके पहले से ही गिर रहे थे. ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर के ग्राहकों की शिकायतों के अंबार के बाद इसके शेयर में गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ था, जो अब भी नहीं थमा है.
ग्राहकों की शिकायत लेकर ही चर्चित कॉमेडियन कुणाल कामरा सोशल मीडिया एक्स पर आए तो ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल को यह रास नहीं आया.
सोशल मीडिया पर दोनों के बीच हुई तीखी बहस में आम लोग भी शामिल हुए.
कुणाल कामरा की एक टिप्पणी पर भाविश अग्रवाल बुरी तरह से भड़क गए. अग्रवाल के इस रुख़ की एक्स पर कई लोगों ने आलोचना की और उन्हें अहंकारी कहा.
रविवार को कुणाल कामरा ने एक्स पर एक तस्वीर डाली थी, जिसमें एक शोरूम के बाहर खड़ी ओला इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर धूल की परतें दिखाई दे रही हैं.
इस पोस्ट में कुणाल कामरा ने , “क्या भारतीय ग्राहकों की कोई आवाज़ है? क्या वे इसके हक़दार हैं? दोपहिया वाहन दिहाड़ी वर्करों की ज़िंदगी है. नितिन गडकरी, क्या इसी तरह भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल करेंगे? जिस किसी को भी ओला इलेक्ट्रिक के साथ दिक्क़त आ रही है, वो सबको टैग करते हुए अपनी कहानी यहां पोस्ट करें.”
इस पोस्ट में उन्होंने जागो ग्राहक जागो को भी टैग करते हुए, इस पर कुछ बोलने को कहा.
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर ओला के असंतुष्ट ग्राहकों की शिकायतों का अंबार लग गया.
ओला के मालिक भाविश अग्रवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर , “चूंकि आप इतने चिंतित हैं कुणाल कामरा, तो आइए हमारी मदद करिए! आपको मैं इस पेड ट्वीट या फ्लॉप कॉमेडी करियर से अधिक पैसे दूंगा. या चुप बैठिये और हमें ग्राहकों के असली मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित करने दीजिए. हम अपने सर्विस नेटवर्क का तेज़ी से विस्तार कर रहे हैं और बचे हुए कामों को जल्द पूरा कर लिया जाएगा.”
हालांकि ओला इलेक्ट्रिक ग्राहकों ने अपनी जो कहानियां बयां कीं और शिकायतों की जो झड़ी लगी, उससे कंपनी की छवि पर असर पड़ा है.
ट्विटर पर यह विवाद एक के बाद एक ट्वीट से और गहरा हो गया. कुणाल कामरा और भाविश अग्रवाल के बीच विवाद तीखा हो गया.
कुणाल कामरा ने अग्रवाल को अहंकारी और घटिया व्यक्ति कहा तो अग्रवाल ने लिखा, “चोट लगी? दर्द हुआ? सर्विस सेंटर पर आ जाइए. बहुत काम है. मैं आपके फ़्लॉप शो से अधिक पैसे दूंगा. अपने स्रोताओं को दिखाइए कि आप कितनी चिंता करते हैं...या फिर ये आपकी हवाबाज़ी मात्र है.”
कामरा ने उन्हें चुनौती दी कि वो ये साबित करें कि शुरुआती शिकायतें “पेड” थीं.
उन्होंने लिखा, “अगर आप साबित कर दें कि इस ट्वीट या मैंने किसी प्राइवेट कंपनी के ख़िलाफ़ जो कहा होगा, उसके लिए मुझे भुगतान किया जाता है तो मैं अपने सभी सोशल मीडिया को डिलीट कर दूंगा और हमेशा के लिए शांत बैठ जाऊंगा.”
इसके बाद उन्होंने शिकायतों को निपटारा करने के लिए ओला की मदद करने का प्रस्ताव किया.
पिछले महीने 18 सितंबर को मिंट में छपी के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी शिकायतें एक महीने में 80,000 तक पहुंच गईं.
रिपोर्ट के अनुसार, कभी-कभी तो एक दिन में ही 6,000 से 7,000 शिकायतें आ जाती हैं और सर्विस सेंटर मांग पूरी करने में ख़ुद को अक्षम पाते हैं.
लेकिन दोनों यहीं नहीं रुके. कामरा ने ओला की रिफ़ंड पॉलिसी को लेकर सवाल किया, “पिछले चार महीने में जिसने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर ख़रीदी है और इसे वापस करना चाहता है, उन्हें कुल रिफ़ंड किए गए भुगतान को बता सकते हैं? मुझे आपके पैसे की ज़रूरत नहीं, लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं और आपकी जवाबदेही बनती है. अपने ग्राहकों को दिखाइए कि आपको उनकी चिंता है.”
इस पर भाविश अग्रवाल ने लिखा, “हमारे ग्राहकों को सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ता है तो हमारे पास पर्याप्त योजनाएं हैं. अगर आप सच हैं तो आपको पता होगा. फिर से, आप कोशिश मत करिए और पीछे मत हटिए. आराम से कुर्सी पर बैठ आलोचना करने की बजाय आइए और कुछ असली काम करिए.”
इसके जवाब में कामरा ने ओला को रिफ़ंड पॉलिसी लागू करने के सुझाव दिए.
कामरा ने , “तो पिछले चार महीनों में जिन लोगों ने ओला वाहन ख़रीदा, जो कि असली ग्राहक हैं, उन्हें 100 प्रतिशत रिफ़ंड नहीं कर सकते...लेकिन आप मुझे भुगतान करना चाहते हैं, जो आपका ग्राहक नहीं है. मैं आपको कुछ और विकल्प देता हूं. क्या आप एक या दो महीने के लिए 85% रीफ़ंड दे सकते हैं?"
"भागिए मत, मैं असली ग्राहकों की सूची तैयार करने में और उन्हें रिफ़ंड सुनिश्चित करने में आपकी मदद करूंगा. उनकी ख़ुशी ही मेरे लिए काफ़ी होगी. मुझे नौकरी पर रखने की जब आप कोशिश छोड़ देंगे और अपने असली ग्राहकों पर ध्यान देंगे, मैं अगले ट्वीट में एक इमेल आईडी दूंगा.”
लेकिन अग्रवाल ने कामरा पर फिर ज़, “कॉमेडियन बन ना सके, चौधरी बनने चले. अगली बार अपनी खोजबीन पक्की करके बोलें और हमारे सर्विस सेंटर पर आकर मदद करने की पेशकश अब भी खुली है. चुनौती स्वीकार करिए. हो सकता है कि एक बदलाव के लिए ही सही आप कुछ असली हुनर सीख पाएंगे.”
कुणाल कामरा और भाविश अग्रवाल के बीच हुई कहासुनी में सोशल मीडिया यूज़र्स मूकदर्शक नहीं रहे और उन्होंने भी अपने प्रतिक्रिया ज़ाहिर की.
इनमें से अधिकांश ओला के ग्राहक थे और कई लोगों ने कामरा के पक्ष में अपनी राय ज़ाहिर की.
कई यूज़र्स ने शिकायतों को लेकर रुख़ी प्रतिक्रिया देने के लिए अग्रवाल को आड़े हाथों लिया.
एक यूज़र ने , “खाना बनाना मैं नहीं जानता लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि स्वाद अच्छा या बुरा है, इसके बारे में नहीं बता सकता. वो कितने अच्छे कॉमेडियन हैं, इसका आपकी ओला सर्विस कितनी बुरी है, से कोई संबंध नहीं है.”
एक और यूज़र ने कहा, “सबसे ख़राब अहंकार है, नज़रअंदाज़ करने की आदत से पैदा हुआ अहंकार. जागिए और दीवार पर लिखी इबारत को पढ़िए.”
एक अन्य यूज़र ने , "निश्चित तौर पर, यह आदमी अपने अहंकार से नाकाम होगा."
एक अन्य यूज़र ने लिखा, “देश भक्ति का ढोंग करके, एलन मस्क बनने चले. स्कैम की अगली कड़ी ओला होगी. ख़ुद रिसर्च करके प्रोडक्ट लॉन्च करते तो इतनी शिकायतें नहीं आतीं. चुनौती आप लीजिए और ग्राहकों की मेहनत की कमाई वापस कीजिए.’
एक यूज़र ने लिखा, “उस कार्य संस्कृति के बारे में कल्पना कीजिए, जो इस शख़्स की कंपनी में लागू है. अब, जो प्रोडक्ट बाहर आ रहा है, उसकी कल्पना करिए. सब कुछ समझ में आ जाएगा.”
एक और यूज़र ने कामरा का समर्थन करते हुए कहा, “आपको अपनी पोस्ट पर आए कॉमेंट्स को पढ़ना चाहिए, सारे जवाब मिल जाएंगे.”
एक अन्य यूज़र ने कहा, “कामरा ने आपके ग्राहकों के पैसे नहीं लिए और घटिया सर्विस दी. ये आपने किया है. ट्विटर पर सेलिब्रिटी से बेशर्मी से लड़ने की बजाय, इसके लिए कुछ तो ज़िम्मेदारी लीजिए.”
कई सारे ऐसे कॉमेंट्स हैं, जो ओला ग्राहकों के हैं. ऐसे ही एक ग्राहक ने पोस्ट किया, “सर, मैं ओला एस1 प्रो का पुराना ग्राहक हूँ और ये सच है कि आपके सर्विस सेंटर के लोग ग्राहकों से अच्छा बर्ताव नहीं करते. सच कहूं तो सॉफ़्टवेयर सबसे बड़ी समस्या है. इन टिप्पणियों की बजाय आप इस मुद्दे को हल करें और सॉफ़्टवेयर की समस्याओं को सुधारें.”
एक अन्य यूज़र ने , “इस तरह के आप अहंकारी व्यक्ति हैं. अपनी दौलत का प्रदर्शन करना बंद करें. ऐसे बहुत से अहंकारी सीईओ के उदाहरण हैं जो आसमान से सड़क पर आ गए. अपने असफल प्रोडक्ट और सर्विस मॉडल को ठीक करने पर ध्यान दें”.
जयप्रकाश मिश्रा नामके यूज़र ने , "छह महीने से मेरी ओला गाड़ी खड़ी थी, थक हारकर मैंने जुगाड़ से उसे ठीक किया है."
भारतीय ई स्कूटर बाज़ार में ओला की 27% हिस्सेदारी है, बावजूद बीते अगस्त महीने में ताज़ा आईपीओ लाने के बाद से उसके शेयरों में 43% की गिरावट आ चुकी है. अपनी सर्विस की गुणवत्ता को लेकर कंपनी को सोशल मीडिया पर काफ़ी आक्रोश का सामना करना पड़ता है.
जानकारों ने भी कंपनी की गिरती बाज़ार हिस्सेदारी को लेकर चिंता ज़ाहिर की है, जो कि बीते लगातार पाँच महीनों से घट रहा है क्योंकि बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ गई है और कंपनी सर्विस से संबंधित समस्याओं में उलझ गई है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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