रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच आईपीएल में बीते 18 सालों के दौरान खेले गए मुक़ाबले अपने रोमांच के चरम को पार करने की कहानी लिखते रहे हैं.
बीती रात भी एक ऐसा ही मुक़ाबला दोनों टीमों के बीच खेला गया, जहां न केवल इसे देखने वालों की, बल्कि मैदान पर मौजूद बेंगलुरु के कप्तान की धड़कनें भी बेकाबू हो गईं.
केवल दो रनों से बेंगलुरु के जीतने के बाद कप्तान रजत पाटीदार बोले, "दिल की धड़कनें अब काबू में हैं."
हालांकि मैच के दौरान अंपायर का एक फ़ैसला क्रिकेट के चाहने वाले हजम नहीं कर सके और यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया.
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यह चेन्नई की बल्लेबाज़ी के दौरान 17वां ओवर था. लुंगी एनगिडी गेंदें डाल रहे थे और अभी-अभी उन्होंने आयुष म्हात्रे को आउट किया था.
आयुष के बाद डेवाल्ड ब्रेविस उनकी अगली गेंद के सामने थे. एनगिडी ने फ़ुल टॉस डाली जो सीधे ब्रेविस के पैड पर लगी. अपील की गई और अंपायर ने आउट का इशारा करती अपनी उंगली ऊपर उठा दी.
ब्रेविस रन लेने के लिए दौड़ चुके थे और उन्होंने रन पूरा करने के बाद जब जडेजा से रिव्यू लेने के बारे में पूछा और फिर रिव्यू लेने का इशारा किया तो फ़ील्ड अंपायर नितिन मेनन ने बताया कि रिव्यू लेने के लिए 15 सेकेंड का जो समय होता है वो ख़त्म हो चुका है. यानी ब्रेविस के आउट दिए जाने को थर्ड अंपायर के पास रिव्यू के लिए नहीं भेजा जा सकेगा.
कुछ देर तक जडेजा अंपायर से इस पर बात करते नज़र आए लेकिन अंत में ब्रेविस को पवेलियन वापस लौटना पड़ा.
बाद में रिप्ले में यह साफ़ दिखा कि फ़ील्ड अंपायर नितिन मेनन का ब्रेविस को आउट दिया जाना ग़लत फ़ैसला था क्योंकि गेंद पैड पर लगने के बाद तीसरे स्टंप्स से बाहर लेग साइड की ओर जाती दिख रही थी.

सोशल मीडिया एक्स पर कि ब्रेविस को रिव्यू क्यों नहीं लेने दिया गया.
क्या मैदान में इसकी कोई व्यवस्था है जहां यह देखा जा सके के 15 सेकेंड ख़त्म हुए या नहीं?
एक यूज़र ने , "ये तो दिनदहाड़े लूट है! डीआरएस 15 सेकेंड के बाद लिया गया था, लेकिन अगर टाइमर ही बंद था तो बल्लेबाज़ को यह कैसे पता चलेगा कि वो समय ख़त्म हो गया है. डीआरएस का उद्देश्य तो सही फ़ैसला सुनिश्चित करना है. ऐसे में ब्रेविस को रिव्यू से इनकार करना हास्यास्पद था!"
पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने इसी ट्वीट के जवाब में , "टाइमर हो या न हो लेकिन डेवाल्ड ब्रेविस के ख़िलाफ़ यह निर्णय बहुत भयानक था."
वहीं एक्स पर मुंबई इंडियंस के पिछले मैच में रोहित शर्मा के रिव्यू लेने के फ़ैसले का स्क्रीनशॉट लगाया जिसमें यह दिख रहा है कि रोहित जब रिव्यू के लिए इशारा कर रहे हैं तब टाइमर शून्य समय दिखा रहा है.
भले ही अंपायर के इस फ़ैसले की काफ़ी चर्चा हो रही है लेकिन नितिन मेनन एक बहुत ही अनुभवी अंपायर हैं.
वे आठ साल (2017) से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में अंपायरिंग कर रहे हैं और पिछले छह साल से आईसीसी एलीट पैनल में शामिल हैं.
वर्तमान में मेनन आईसीसी के एलीट में शामिल एकमात्र भारतीय अंपायर हैं.
वैसे यह भी सच है कि अगर ब्रेविस को रिव्यू लेने दिया जाता तो वो आउट नहीं होते. उस गेंद पर वो दौड़ कर दो रन ले चुके थे, जो वही अंतर है जिससे चेन्नई यह मैच हारी है.

अंपायर के इस फ़ैसले के बावजूद इस उतार-चढ़ाव भरे मुक़ाबले का फ़ैसला आख़िरी ओवर की अंतिम गेंद पर हुआ.
इस आख़िरी ओवर में चेन्नई को जीतने के लिए केवल 15 रन बनाने थे और इसे वो यश दयाल डाल रहे थे जिनकी गेंदों पर दो साल पहले रिंकू सिंह ने लगातार पांच छक्के जमाकर तहलका मचाया था.
लेकिन यश दयाल ने महेंद्र सिंह धोनी, रवींद्र जडेजा और शिवम दुबे सरीखे बल्लेबाज़ों को 15 रन नहीं बनाने दिए.
मैच के बाद जब रजत पाटीदार से पूछा गया कि आख़िरी ओवर के लिए यश दयाल को ही क्यों चुना?
तो उन्होंने कहा, "यश हमारे फ़्रंटलाइन बॉलर हैं. वो डेथ ओवर स्पेशलिस्ट भी हैं. अंतिम ओवर में यश ने ग़ज़ब का साहस दिखाया. ये ज़बरदस्त था. पिछले साल भी उन्होंने टीम के लिए ठीक ऐसा ही किया था. आज उन्होंने फिर कर दिखाया."
रजत पाटीदार याद दिला रहे थे कि कैसे पिछले साल यश दयाल ने धोनी को उस मुक़ाबले में रन नहीं बनाने दिए थे जिसे जीतकर आरसीबी प्लेऑफ़ में पहुंची थी.
आरसीबी के लिए यह मैच अकेले यश दयाल ने नहीं जीता बल्कि इसमें और भी कई दमदार प्रदर्शन हुए.

यश दयाल से पहले 17वें ओवर के बाद जब सीएसके को अगले तीन ओवरों में 35 रन चाहिए थे तब इम्पैक्ट प्लेयर सुयश शर्मा ने 18वें ओवर में अपनी नपी तुली स्पिन गेंदों पर धोनी और जडेजा सरीखे स्पिन के महारथी बल्लेबाज़ों को केवल छह रन ही बनाने दिए.
वहीं सुयश से ठीक पहले 17वें ओवर में लुंगी एनगिडी पिच पर सेट हो चुके आयुष म्हात्रे (94 रन) और अंपायर के ग़लत फ़ैसले का शिकार हुए ब्रेविस को आउट कर चुके थे.
16वें ओवर के बाद आरसीबी के गेंदबाज़ों के ऐसे प्रदर्शन से पहले चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक छोर पर अनुभवी रवींद्र जडेजा जमे थे जो आईपीएल की अपनी सबसे बड़ी पारी खेल रहे थे. तो दूसरे छोर पर चेन्नई के सबसे के बैट से रन के पटाखे छूट रहे थे.
जडेजा और म्हात्रे के पिच पर रहते ऐसा लग रहा था कि बड़े स्कोर के बावजूद आरसीबी मैच नहीं बचा पाएगी. जडेजा ने जहां अंत तक आउट हुए बग़ैर 45 गेंदों पर 77 रनों की पारी खेली. वहीं म्हात्रे ने 48 गेंदों पर 94 रन बनाए. उनकी इस पारी के दौरान गेंद को मारने की टाइमिंग, फिनिश और गेंद पर प्रहार करने की क्षमता देखने लायक थी.
शनिवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में केवल इन दोनों का बल्ला नहीं गरजा. बल्ले की सबसे तेज़ गरज तो बेंगलुरु की बल्लेबाज़ी के दौरान आख़िरी दो ओवरों में हुई.

आईपीएल में वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों का बोलबाला पहले भी रहा है. क्रिस गेल जैसे तूफ़ानी बैटर के सबसे तेज़ शतक समेत कई रिकॉर्ड आज भी कायम हैं.
बीती रात रोमारियो शेफ़र्ड ने भी कुछ ऐसा ही किया.
उन्होंने महज़ 14 गेंदों पर आईपीएल के इतिहास की
केएल राहुल और पैट कमिंस भी 14 गेंदों पर आईपीएल में फ़िफ़्टी जमा चुके हैं. सबसे तेज़ फ़िफ़्टी पिछले साल यशस्वी जायसवाल ने (13 गेंदों पर) जमाई थी.
यानी शेफ़र्ड ने आईपीएल 2025 की सबसे तेज़ फ़िफ़्टी जमाई है.
17.5 ओवर में शेफ़र्ड पिच पर आए. तब आरसीबी का स्कोर 157 रन था.
शुरुआती दो गेंदों पर शेफ़र्ड केवल दो रन बनाए. इसके बाद 19वें ओवर में खलील अहमद की गेंदों पर 6, 6, 4, 6, 6, 4 और 20वें ओवर में पाथिराना की गेंदों पर 4, 4, 6, 6 जमा कर नाबाद 53 रनों की पारी खेली.
शेफ़र्ड ने 14 गेंदें खेलीं, चार चौके और छह छक्के जमाए और आरसीबी के स्कोर को 157 से 213 पर ले गए.
30 वर्षीय शेफ़र्ड ने पिछले साल भी ठीक ऐसी ही पारी खेली थी. तब उन्होंने मुंबई के लिए 10 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाए थे. उस मैच के 20वें ओवर की सभी छह गेंदों को बाउंड्री के बाहर भेज कर उन्होंने तब 32 रन बनाए थे तो बीती रात उन्होंने 19वें ओवर में 33 रन बटोरे.
आरसीबी के पक्ष में आए मैच के नतीजे की सबसे बड़ी वजह शेफ़र्ड बने और उन्हें 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया.
मैच के बाद अपनी धमाकेदार नाबाद अर्धशतकीय पारी पर शेफ़र्ड ने कहा, "मैं हर गेंद पर अधिकतम ताक़त के साथ बल्ला घूमा रहा था. मैं गेंद को बल्ले के बीच से हिट करना चाहता था. बैट के साथ आज मेरा अच्छा दिन था."

शेफ़र्ड की इस पारी से पहले आरसीबी के लिए जो 157 रन बनाए जा चुके थे तो इसमें सबसे बड़ा किरदार इसके सलामी बल्लेबाज़ों विराट कोहली और जैकब बेथल का था.
दोनों 10 रन प्रति ओवर शुरू से ही जुटाते रहे और पहले विकेट के लिए सिर्फ़ 59 गेंदों पर 97 रन जोड़े.
इंग्लैंड के 21 वर्षीय जैकब ग्राहम बेथल आईपीएल में अर्धशतक जमाने वाले सबसे युवा विदेशी बल्लेबाज़ बने. उन्हें इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ एकमात्र टेस्ट मैच की जगह आईपीएल में खेलने की अनुमति दी है.
बेथल को बीते दिसंबर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीसरे नंबर पर बैटिंग करने का मौक़ा मिला था और वो लगातार तीन टेस्ट मैचों में तीन अर्धशतक जमा कर अपनी प्रतिभा का परिचय दे चुके हैं.
आईपीएल में यह बेथल का केवल दूसरा मैच था.
इस दौरान विराट ने आईपीएल में सर्वाधिक अर्धशतकों के डेविड वॉर्नर के रिकॉर्ड की बराबरी की. विराट के 62 रनों की पारी आईपीएल 2025 में 7वीं और ओवरऑल 62वीं अर्धशतकीय पारी है.
विराट अब तक 63.13 की औसत से 505 रन बना चुके हैं.
यह रिकॉर्ड आठवीं बार है जब उन्होंने आईपीएल के एक सीज़न में 500 रन का आंकड़ा पार किया है. यहां भी उन्होंने वॉर्नर के (7 बार के) रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
विराट ने अपनी इस पारी में 187.87 के स्ट्राइक रेट के खेले और पांच छक्के जमाए. इस दौरान वो किसी एक टीम (आरसीबी) के लिए 300 छक्के जमाने वाले आईपीएल के
विराट किसी एक टीम के ख़ि़लाफ़ सबसे अधिक (1146) रन बनाने का रिकॉर्ड भी कायम किया. तो एक बार फिर उन्होंने साई सुदर्शन से ऑरेंज कैप झटक लिया.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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